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Today 22 April: लेनिन का जन्म हुआ, जार को सत्ता से हटाकर सोवियत संघ का गठन किया - Prakhar Prahari
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Today 22 April: लेनिन का जन्म हुआ, जार को सत्ता से हटाकर सोवियत संघ का गठन किया

दिल्लीः 22 अप्रैल को प्रसिद्ध क्रांतिकारी लेनिन के जन्म तथा पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए गेलॉर्ड नेल्सन की पहल पर विश्व पृथ्वी दिवस के तौर पर विशेष रूप से याद किया जाता है। आज के 152 साल पहले यानी 1870 में आज ही के दिन व्लादिमीर इलिच उल्यानोव का जन्म हुआ था, जिन्हें आप और हम लेनिन के नाम से जानते हैं। लेनिन एक रिवॉल्यूशनरी थे। रूसी सरकार की पकड़ से बचने के लिए इन्होंने कई अलग-अलग नाम रखे जैसे कि टुलिन, पेत्रोव। फिर 1901 में ‘लेनिन’ नाम फाइनल हुआ। वे रूसी क्रांति के नायक थे। इसके बाद ही 1922 में सोवियत संघ की स्थापना हुई थी।

लेनिन जब कानून की पढ़ाई करने कॉलेज पहुंचे, तो उन्हें निकाल दिया गया। वजह उनका क्रांतिकारी चरित्र बना। हालांकि उन्हें कॉलेज से निकाले जाने की दूसरी वजह उनके भाई भी थे। उनके भाई एलेक्जेंडर उल्यानोव भी जार शासन के खिलाफ विद्रोह कर रहे थे। 1887 में उनके भाई को जार की हत्या की साजिश रचने में शामिल होने के लिए फांसी दे दी गई थी। कॉलेज से निकाले जाने के बाद भी लेनिन ने हार नहीं मानी और 1891 में लॉ की डिग्री लेकर ही माने।

लेनिन के विद्रोही रुख की वजह से 1897 में जार पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर 3 साल के लिए साइबेरिया भेज दिया था। यहां उन्होंने 22 जुलाई 1898 को नदेज़्हदा क्रुपस्काया से शादी कर ली। लेनिन ने करीब 15 साल पश्चिमी यूरोप में गुजारे, जहां वे अंतरराष्ट्रीय रिवॉल्यूशनरी आंदोलन में अहम भूमिका निभाने लगे और रशियन सोशल डेमोक्रेटिक वर्कर्स पार्टी के ‘बोल्शेविक’ धड़े के नेता बन गए।

उन्होंने यूरोप में सर्वहारा वर्ग के खिलाफ आंदोलन छेड़ा। उनका मानना था कि यह विरोध पूंजीवाद को उखाड़ फेंकने और समाजवाद की स्थापना का कारण बनेगा। 1917 में जब रूस में जार शासन का अंत हुआ तो एक अंतरिम सरकार की स्थापना हुई। इसके साथ ही वो रूस वापस लौटे और देश की कमान संभाली। 1917 में उनके नेतृत्व में जो क्रांति हुई थी, उसको बोल्शेविक क्रांति भी कहा जाता है।

लेनिन मार्क्सवाद से प्रेरित थे और इसी के आधार पर उन्होंने रूसी कम्युनिस्ट पार्टी की स्थापना की। समाज और दर्शनशास्त्र को लेकर लेनिन के मार्क्सवादी विचारों ने पूरी दुनिया को प्रभावित किया। उनकी इस विचारधारा को ही लेनिनवाद के नाम से जाना जाता है।

लेनिन काफी विवादित और भेदभाव फैलाने वाला नेता भी माना जाता है। लेनिन को उनके समर्थक समाजवाद और सर्वहारा वर्ग का मसीहा मानते हैं, जबकि आलोचक उन्हें ऐसी तानाशाही सत्ता के नेता के रूप में याद करते हैं, जिन्होंने राजनीतिक अत्या चार और बड़े पैमाने पर हत्याएं करवाईं।

21 जनवरी 1924 में लेनिन का निधन हुआ, लेकिन उनका अंतिम संस्कार नहीं किया गया। निधन के बाद लेनिन के शरीर को संरक्षित कर दिया गया। मास्को के रेड स्क्वायर पर लेनिन के मकबरे में आज भी उनके शव को देखा जा सकता है।

हर साल 22 अप्रैल को दुनियाभर में पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए ‘पृथ्वी दिवस’ (Earth Day) मनाया जाता है। इसकी शुरुआत एक अमेरिकी सीनेटर गेलॉर्ड नेल्सन ने की थी। 22 जनवरी 1969 को कैलिफोर्निया के सांता बारबरा में समुद्र में तीन मिलियन गैलन तेल का रिसाव हुआ था, जिससे हजारों की तादाद में समुद्री जीव मारे गए थे। इस घटना से गेलॉर्ड नेल्सन काफी दुखी हुए और पर्यावरण संरक्षण को लेकर कुछ करने का फैसला किया।

इसके बाद नेल्सन के आह्वान पर 22 अप्रैल 1970 को लगभग दो करोड़ अमेरिकी लोगों ने अर्थ डे के पहले आयोजन में भाग लिया था। आज इस दिन को लगभग 195 से ज्यादा देश मनाते हैं। पहले पूरी दुनिया में साल में दो दिन (21 मार्च और 22 अप्रैल) अर्थ डे मनाया जाता था। लेकिन 1970 से इसे 22 अप्रैल को ही मनाया जाना तय किया गया।

पृथ्वी दिवस: दुनियाभर में पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए हर साल 22 अप्रैल को ‘पृथ्वी दिवस’ (Earth Day) मनाया जाता है। इसकी शुरुआत एक अमेरिकी सीनेटर गेलॉर्ड नेल्सन ने की थी। 22 जनवरी 1969 को कैलिफोर्निया के सांता बारबरा में समुद्र में तीन मिलियन गैलन तेल का रिसाव हुआ था, जिससे हजारों की तादाद में समुद्री जीव मारे गए थे। इस घटना से गेलॉर्ड नेल्सन काफी दुखी हुए और पर्यावरण संरक्षण को लेकर कुछ करने का फैसला किया।

इसके बाद नेल्सन के आह्वान पर 22 अप्रैल 1970 को लगभग दो करोड़ अमेरिकी लोगों ने अर्थ डे के पहले आयोजन में भाग लिया था। आज इस दिन को लगभग 195 से ज्यादा देश मनाते हैं। पहले पूरी दुनिया में साल में दो दिन (21 मार्च और 22 अप्रैल) अर्थ डे मनाया जाता था। लेकिन 1970 से इसे 22 अप्रैल को ही मनाया जाना तय किया गया। आइए एक नजर डालते हैं देश और दुनिया में 22 अप्रैल को घटित हुईं महत्वपूर्ण घटनाओँ पर-

1500: पुर्तगाली नाविक पेड्रो अलवेयर कैब्राल ने ब्राजील की खोज की।
1521: फ्रांसीसी सम्राट फ्रेंकाइस प्रथम ने स्पेन पर आक्रमण की घोषणा की।
1760: भारत के अंतिम मुगल सम्राट अकबर द्वितीय का जन्म।
1792: अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज वाशिंगटन ने यूरोप के युद्ध में अमेरिकी तटस्थता की घोषणा की।
1870: रूस की क्रांति के जनक लेनिन का जन्म हुआ था।
1906: यूनान के एथेंस में 10वें ओलंपिक खेलों की शुरुआत हुई।
1915: पहले विश्व युद्ध के दौरान जर्मन सेना ने पहली बार जहरीली गैस का इस्तेमाल किया। बेल्जियम में यपरीस नाम का एक शहर है। यहां पर जर्मन सेना का युद्ध फ्रांस और उसकी मित्र देशों की सेनाओं के साथ हो रहा था। 22 अप्रैल 1915 को जर्मनी ने दुश्मन देशों की सेना पर 150 टन से भी ज्यादा क्लोरीन गैस छोड़ दी। यह युद्ध में किसी भी सेना द्वारा इतने बड़े पैमाने पर किया गया पहला केमिकल हमला था।
1921: नेताजी सुभाषचंद्र बोस ने इंडियन सिविल सर्विस से इस्तीफा दिया।
1931: मिस्र और इराक ने शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए।
1958: एडमिरल आर.डी. कटारी भारतीय नौसेना के पहले भारतीय प्रमुख बनाए गए।
1965: भारतीय फैशन फोटोग्राफर अतुल कस्बेकर का जन्म।
1970: दुनिया में पहली बार पृथ्‍वी दिवस मनाया गया।
1974: चेतन भगत का जन्म हुआ।
1980: समाज सुधारक मंगूराम का निधन।
1983: अंतरिक्ष यान सोयूज टी-8 पृथ्वी पर लौटा।
1997: पेरू में जापानी दूतावास में चार माह से चल रही घेराबंदी को समाप्त करने के लिए सेना ने प्रवेश किया।
2001: मध्य प्रदेश के राज्यपाल रहे महमूद अली खां का निधन।
2012: लंदन मैराथन के दौरान एक 30 वर्षीय महिला प्रतिभागी की अचानक गिरकर मौत।
2013: भारत के प्रसिद्ध वायलिन वादक लालगुड़ी जयरमण का निधन।
2016: 170 से ज्यादा देशों ने जलवायु परिवर्तन पर पेरिस संधि पर हस्ताक्षर किए। इसे नवंबर 2016 में लागू किया गया

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