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Today History: मैडम क्यूरी और पियरे क्यूरी ने किया था रेडियम और पोलोनियम को पिचब्लेंड नामक खनिज से अलग, कैंसर के इलाज के लिए साबित हई वरदान - Prakhar Prahari
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Today History: मैडम क्यूरी और पियरे क्यूरी ने किया था रेडियम और पोलोनियम को पिचब्लेंड नामक खनिज से अलग, कैंसर के इलाज के लिए साबित हई वरदान

दिल्लीः आज 20 अप्रैल है। वैसे तो 20 अप्रैल को कई महत्वपूर्ण घटनाएं घटित हुई हैं, लेकिन 20 अप्रैल को घटित हुईं घटनाओं में सबसे पहले जिस घटना पर ध्यान जाता है, वह मैडम क्यूरी और उनके पति पियर क्यूरी की खोज…। आज ही के दिन 1902 में मैडम मैरी क्यूरी और उनके पति पियरे क्यूरी ने रेडियो एक्टिव पदार्थ रेडियम और पोलोनियम को पिचब्लेंड नामक खनिज से अलग किया था। उनकी इस खोज ने वैज्ञानिक जगत में नई क्रांति ला दी। उनकी यह खोज कैंसर के इलाज में वरदान साबित हुई।

मैरी क्यूरी का जन्म पोलैंड के वारसा शहर में हुआ था। केवल 11 साल की उम्र में ही मैरी क्यूरी ने अपनी मां को खो दिया था। उनकी मां टीबी रोग से पीड़ित थीं। वे आगे की पढ़ाई के लिए पेरिस आईं, जहां उनकी मुलाकात पियरे क्यूरी से हुई। पियरे क्यूरी फ्रांसीसी भौतिक विज्ञानी थे। उन्होंने मैरी को अपनी प्रयोगशाला में बतौर रिसर्चर काम और प्रयोग करने का मौका दिया। साथ काम करते-करते दोनों एक-दूसरे के करीब आए और 26 जुलाई 1895 को दोनों ने विवाह कर लिया। शादी के बाद भी दोनों ने अपना काम जारी रखा और विज्ञान के क्षेत्र में महत्वपूर्ण सफलता हासिल की।

मैरी और पियरे क्यूरी ने 20 अप्रैल, 1902 को पेरिस में अपनी प्रयोगशाला में रेडियम और पोलोनियम को खनिज पिचब्लेंड से अलग किया। अपनी इस खोज के लिए उन्हें भौतिक विज्ञान के क्षेत्र में 1903 के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया। साल 1911 में रेडियम के शुद्धिकरण के लिए मैडम क्यूरी को दूसरा नोबेल पुरस्कार दिया गया।

पेरिस में 19 अप्रैल 1906 को एक सड़क दुर्घटना में पियरे क्यूरी की मृत्यु हो गई। इसके बाद भी मैरी क्यूरी शोध में लगी रहीं। लंबे समय तक विकिरणों के बीच काम करते रहने की वजह से उन्हें ल्यूकेमिया नामक बीमारी हो गई। 4 जुलाई 1934 को इस महान वैज्ञानिक का निधन हो गया।

चिकित्सा के क्षेत्र में रेडियम का इस्तेमाल 19वीं सदी में शुरू किया गया। इससे गामा किरणें निकलती हैं, जिसका इस्तेमाल कैंसर के उपचार में किया जाता है। साथ ही रेडियम और ब्रोमीन के यौगिक रेडियम ब्रोमाइड को भी चिकित्सा के क्षेत्र में काफी इस्तेमाल किया जाता है। कैंसर के लिए की जाने वाली रेडिएशन थेरेपी में रेडॉन का इस्तेमाल होता है। रेडॉन एक गैस है जो रेडियम के विघटन से पैदा होती है।

रेडियम की खोज क्यूरी दंपत्ति के लिए काफी मुनाफे का सौदा साबित हो सकती थी, लेकिन मानव-सेवा के लिए उन्होंने रेडियम को पेटेंट करने से मना कर दिया।

हिटलर का जन्मः तानाशाह शब्द सुनते ही दिमाग में सबसे पहले नाम हिटलर का आता है। बीसवीं सदी के सबसे चर्चित और संभवतः सबसे घृणित व्यक्तियों में से एक नाजी तानाशाह एडोल्फ हिटलर का जन्म 20 अप्रैल, 1889 को ऑस्ट्रिया में हुआ। उसकी प्रारंभिक शिक्षा लिंज नामक स्थान पर हुई। पिता के निधन के बाद 1907 में वह वियना चला गया।

इसके बाद हिटलर सेना में भर्ती हो गया और लड़ाइयों में भाग लिया। 1918 में जर्मनी की हार के बाद 1919 में हिटलर ने सेना छोड़ दी और नेशनल सोशलिस्टिक आर्बिटर पार्टी (नाजी पार्टी) का गठन किया। इसका उद्देश्य साम्यवादियों और यहूदियों से सब अधिकार छीनना था, क्योंकि उनका मानना था कि साम्यवादियों और यहूदियों के कारण ही जर्मनी की हार हुई।

1923 में हिटलर ने जर्मन सरकार को उखाड़ फेंकने की कोशिश की, लेकिन इसमें कामयाब नहीं मिली। फरवरी, 1924 को हिटलर पर “राष्ट्रद्रोह” का मुकदमा चलाया गया और पांच साल के कैद की सजा सुनाई गई। हालांकि 09 महीने ही जेल में रहा।

जेल से रिहा होने के कुछ ही समय बाद हिटलर ने देखा कि जर्मनी भी विश्वव्यापी आर्थिक मंदी की मार झेल रहा है। हिटलर ने जनता के असंतोष का फायदा उठाकर फिर से लोकप्रियता हासिल की। उसने चुनाव लड़ने का फैसला किया। 1932 के चुनाव में हिटलर को राष्ट्रपति के चुनाव में सफलता नहीं मिली, लेकिन 1933 में वह जर्मनी का चांसलर बन गया।

इसके बाद शुरू हुआ हिटलर का दमन। उसने साम्यवादी पार्टी को अवैध घोषित कर दिया और यहूदियों के नरसंहार का सिलसिला शुरू कर दिया। जर्मन साम्राज्य की स्थापना का लक्ष्य लेकर हिटलर ने पड़ोसी देशों से की सभी संधि तोड़ दी और उन पर आक्रमण कर दिए। जिस वजह से 1939 में द्वितीय विश्व युद्ध भड़क उठा। 30 अप्रैल, 1945 को हिटलर ने खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली। आइए एक नजर डालते हैं देश और दुनिया में 20 अप्रैल को घटित हुईं महत्वपूर्ण घटनाओं पर…

1592: अंग्रेजी के प्रसिद्ध कवि जॉन इलियट का जन्म।
1712: जहांदार शाह दिल्ली की गद्दी पर बैठा।
1777: न्यूयॉर्क ने एक स्वतंत्र राज्य के रूप में नया संविधान अपनाया।
1857: पंजाब और पहाड़ी रियासतों में शुरू हुई आजादी की पहली लड़ाई का बीज कसौली में बोया गया।
1878: उर्दू के जनक मौलवी अब्दुल हक का जन्म।
1888: उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में ओले गिरने से 246 लोगों की मौत।
1889: जर्मन तानाशाह एडोल्फ हिटलर का जन्म।
1911: प्रसिद्ध बांसुरी वादक पन्नालाल घोष का निधन।
1912: काउंट ड्रेकुला जैसे कालजयी किरदार की रचना करने वाले आयरिश उपन्यासकार ब्रैम स्टोकर का निधन।
1920: अलबामा और मिसीसीपी में तूफान से 219 लोगों की मौत।
1939: जर्मनी में तानाशाह एडोल्फ हिटलर के 50वें जन्मदिन को राष्ट्रीय दिवस के रूप में मनाया गया।
1946: संयुक्त राष्ट्र की पूर्ववर्ती संस्था लीग ऑफ नेशन्स भंग की गई।
1947: भारत के प्रसिद्ध इतिहासकार गौरीशंकर हीराचंद ओझा का निधन।
1950: तेलुगू देशम पार्टी के प्रमुख और आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू का जन्म।
1953: कोरिया और संयुक्त राष्‍ट्र सेना के बीच बीमार युद्ध बंदियों का आदान प्रदान हुआ था।
1960: एयर इंडिया के बेड़े में पहला जेट विमान बोइंग 707 शामिल हुआ।
1960: भारत के प्रसिद्ध बांसुरी वादक पन्नालाल घोष का निधन।
1965: मेघालय के पूर्व मुख्यमंत्री मुकुल संगमा का जन्म।
1970: भारतीय गीतकार और शायर शकील बदायूंनी का निधन।
1972: अपोलो-16 अभियान छह घंटों तक संकट से जूझने के बाद चंद्रमा पर उतर गया। जॉन यंग और चार्ल्स ड्यूक की टीम चंद्रमा पर उतरने वाली इतिहास की पांचवीं टीम बनी।
1978: सोवियत वायुसेना ने दक्षिण कोरियाई यात्री विमान संख्या 902 पर गोलीबारी करके उसे गिराया।
1997: श्री इन्द्र कुमार गुजराल भारत के 12वें प्रधानमंत्री बने।
1999: जर्मनी के पूर्व चांसलर हेल्मुट कोल को अमेरिकी सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘द प्रेसिडेंशियल मेडल ऑफ फ्रीडम’ से सम्मानित किया गया।
1999: अमेरिकी शहर डेनवर के कोलंबाइन स्कूल में हाई स्कूल के दो छात्रों ने अंधाधुंध गोलीबारी में 25 लोगों को मार दिया था।
2006: भारत ने अपना पहला विदेशी सैन्य अड्डा ताजिकिस्तान में स्थापित करने की घोषणा की।
2008: अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर नौ दिन बिताने के बाद पहले दक्षिण कोरियाई अंतरिक्ष यात्री यीसोयओन पृथ्वी पर सकुशल लौटे।
2008: महाराष्ट्र भाजपा के नेता और राष्ट्रीय महासचिव गोपीनाथ मुंडे ने अपने पद से इस्तीफा दिया।
2011: इसरो के उपग्रह प्रक्षेपण यान ‘पीएसएलवी’ ने तीन उपग्रहों को सफलतापूर्वक अंतरिक्ष में स्थापित किया।

 

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