दिल्लीः गैंगस्टर अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या के आरोपियों का जेल बदल दिया गया है। इस मामले में गिरफ्तार शूटर्स अरुण मौर्य, सनी सिंह और लवलेश तिवारी को प्रतापगढ़ जेल में शिफ्ट कर दिया गया है। आपको बता दें कि माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की 15 अप्रैल की रात 10:35 बजे हत्या कर दी गई। इस मामले में शूटर्स अरुण मौर्य, सनी सिंह और लवलेश तिवारी को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में नैनी सेंट्रल जेल भेजा गया था, जहां अतीक का बेटा अली अहमद कैद है। ऐसे में गैंगवार के खतरे के मद्देनजर इन तीनों शूटर्स को प्रतापगढ़ जेल में शिफ्ट किया गया है।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, तीनों शूटर्स कॉन्ट्रैक्ट किलर हैं। शूटर्स को रिमांड पर लेने के लिए पुलिस ने कोर्ट में अर्जी लगाई है। रिमांड अर्जी मंजूर होने के बाद STF तीनों शूटर्स से पूछताछ करेगी। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, इससे पहले पूछताछ में हमलावरों के मेरठ कनेक्शन सामने आए हैं। जिस पिस्टल से हत्या की गई, उसे मेरठ के ही अपराधी ने सनी को रखने के लिए दी थी।
माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या करने वाले तीनों शूटर अरुण मौर्य, सनी सिंह और लवलेश तिवारी को रविवार को प्रयागराज की अदालत में पेश किया गया था। पुलिस ने तीनों की कोर्ट से रिमांड मांगी थी, लेकिन कोर्ट ने तीनों आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
आपको बता दें कि 15 अप्रैल की रात 10:35 बजे उत्तर प्रदेश के प्रयागराज स्थित कॉल्विन हॉस्पिटल परिसर में 18 सेकेंड में 20 राउंड गोलियां चलती हैं। माफिया अतीक और उसका भाई अशरफ मारा जाता है। एक भी सेकेंड रुके बिना ये फायरिंग एके-47 से नहीं बल्कि एक ऑटोमैटिक पिस्टल से की गई थी। दरअसल, ये विदेशी पिस्टल थी, जिसे जिगाना कहते हैं।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पुलिस पूछताछ में यह बात सामने आई है कि हत्या में जिस पिस्टल का इस्तेमाल हुआ है, उसे मेरठ के सोढ़ी नाम के अपराधी ने सनी सिंह को दी थी। कहा था कि इसे अपने पास रखना। लेकिन, सनी ने इन दोनों पिस्टल को सोढ़ी को वापस नहीं किया।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, मेरठ के सोढ़ी का पश्चिमी उत्तर प्रदेश में काफी दबदबा है। कुछ साल पहले वह हमीरपुर जेल में बंद था, जहां उसकी मुलाकात सनी सिंह से हुई थी। सोढ़ी और सनी जब जेल से बाहर आए तो एक-दूसरे से मिलने लगे। सनी अपने दोस्त लवलेश तिवारी को भी मेरठ बुला लिया। मेरठ में सोढ़ी से मिले और कासगंज के अरुण मौर्या से संपर्क किया। चारों के बीच अलग-अलग काम को लेकर डील हो गई। इसके बाद सनी, लवलेश, अरुण ने मिलकर कुछ ऐसा करने को सोचा कि देश में उसकी पहचान बन जाए। उन्होंने सबसे बड़े माफिया डॉन अतीक और अशरफ के मर्डर का प्लान बनाया।
वहीं, STF और पुलिस की अभी तक की पूछताछ में ये बात सामने आई है कि अरुण मौर्य, सनी सिंह और लवलेश तिवारी प्रोफेशनल कॉन्ट्रैक्ट किलर हैं। तीनों का आपराधिक इतिहास भी सामने आया है। हालांकि तीनों अलग-अलग शहरों से प्रयागराज आकर होटल में रुके थे। चौंकाने वाली बात ये है कि तीनों एक-दूसरे को जानते तक नहीं थे। अब सबसे बड़ा सवाल खड़ा हो रहा है कि आखिर वो कौन शख्स है जिसने इन तीनों की प्रयागराज में मदद की।इन तीनों को एक साथ लाकर, रेकी करवाने, होटल में रुकवाने, विदेशी हथियार देकर, मीडिया का फर्जी आईडी कार्ड बनवाने वाले मास्टरमाइंड की तलाश करने में यूपी पुलिस जुटी हुई है। हमलावरों ने गोली चलाने के बाद सरेंडर कर दिया था।
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