दिल्ली डेस्कः माफिया से नेता बने अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में शनिवार को फिल्मी अंदाज में गोली मारकर हत्या कर दी गई। इस घटना के समय पुलिस इन दोनों को मेडिकल चेकअप के लिए आई थी और दोनों पुलिस जीप से उतारकर अस्पताल जा रहे थे। इस हत्याकांड को लेकर सवाल उठने लगे हैं, क्योंकि पुलिस ने इन दोनों को उमेश पाल हत्याकांड का राज उगलवाने के लिए चार दिन की रिमांड पर ले रखा था।
हमलावरों ने मीडियाकर्मी बनकर पुलिस के सुरक्षा घेरे को तोड़ते हुए अतीक पर बाईं ओर से गोली दाग दी। जब तक पुलिस या साथ चल रहा उसका भाई अशरफ संभल पाता तब तक हमलावरों ने उस पर भी गोली दाग दी। गोली लगते ही दोनों ढेर हो गया। बताया जाता है कि गोली लगने के कुछ देर बाद तक अतीक में थोड़ी बहुत हरकत देखी भी गई, लेकिन अशरफ में गोली लगने के बाद बिल्कुल भी हरकत नहीं देखी गई। वहीं शहर के बीच मंडलीय अस्पताल के गेट पर सुरक्षा घेरे में हत्या की वारदात ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
हमलावरों ने पहली गोली अतीक अहमद पर दागी। इस दौरान अतीक मीडियाकर्मियों से बात करते हुए आगे बढ़ा था। हमलावर ने पीछे से आकर उसके सिर के पिछले हिस्से में बाईं ओर गोली दागी। इसके बाद अतीक जमीन पर गिरा। उधर गोली चलने की आवाज सुनकर अशरफ भाई को संभालने के लिए पीछे मुड़ा तो उसके चेहरे पर गोली दाग दी। इसके बाद अशरफ भी जमीन पर लुढ़क गया और फिर तीनों शूटरों ने दोनों पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाईं।
हमलावरों का नाम लवलेश तिवारी, सनी और अरुण मौर्य हैं। हमले के तुरंत बाद ही तीनों ने सरेंडर कर दिया। लवलेश बांदा, अरुण कासगंज और सनी हमीरपुर का रहने वाला है। उनसे हथियार बरामद किए गए हैं। कॉन्स्टेबल मानसिंह को भी गोली लगी है। सरकारी वकील गुलाब चंद्र अग्रहरी ने बताया- तीनों आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में नैनी सेंट्रल जेल भेज दिया गया है। यहां अतीक का बेटा अली भी कैद है।
अतीक-अशरफ के शवों का पोस्टमॉर्टम हो चुका है। अतीक के दोनों छोटे बेटों को बाल सुधार गृह से लाया गया। उनके साथ अतीक का बहनोई और दो रिश्तेदार कसारी-मसारी स्थित कब्रिस्तान पहुंचे, जहां दोनों शवों को मुस्लिम रीति-रिवाज से दफनाया जाएगा। अतीक के बेटे असद की कब्र के पास दोनों की कब्र खुदवाई गई हैं। अशरफ की बेटी और पत्नी जैनब भी कब्रिस्तान में मौजूद रहीं।
पुलिस ने नहीं की जवाबी कार्रवाईः हमलावरों ने सबसे पहले दोनों पर काफी करीब से हमला किया, जिससे अतीक और अशरफ दोनों को संभलने तक का मौका नहीं मिला। लिहाजा पुलिसकर्मियों को भी कुछ संभलने का मौका नहीं मिल पाया, लेकिन हमलावरों ने उसके बाद भी फायरिंग जारी रखी। अब सवाल यह उठ रहे हैं कि पुलिस ने इस दौरान जवाबी कार्रवाई नहीं की। पुलिस जवाबी कार्रवाई में गोली चलाती तो शायद दोनों की जान बच सकती थी, क्योंकि हमलावरों ने ताबड़तोड़ कई राउंड फायरिंग की है।
पूरे देश को हिलाकर रख देने वाले इस दुस्साहसिक दोहरे हत्याकांड के पीछे शक की सूई रसूखदार सफेदपोशों की ओर घूमने लगी है। एक दिन पहले ही धूमनगंज थाने में पूछताछ में माफिया ने कई बिल्डरों और बड़े लोगों से अपने रिश्तों का खुलासा किया था। आशंका है कि राज खुलने के डर से माफिया और उसके भाई की जान ली जा सकती है। फिलहाल पुलिस इस पहलू पर पैनी नजर रखे हुए है। अतीक अहमद ने रिमांड के दौरान कई सनसनीखेज खुलासे किए और प्रयागराज समेत यूपी भर में अपनी काली कमाई के बल पर खड़े किए गए आर्थिक साम्राज्य में पार्टनर के तौर पर कई गणमान्यों के नाम गिनाए थे।
प्रयागराज में हत्याकांड को हमलावरों ने जिस अंदाज अंजाम दिया, उससे साफ जाहिर है कि वे पहले से तैयार थे और अतीक और अशरफ को ही मारने आए थे। मुमकिन है कि किसी ने अतीक और अशरफ के अस्पताल पहुंचने की सूचना पहले ही हमलावरों को दे दी हो, क्योंकि जिस तरह से हमलावर मीडियाकर्मी बनकर आए, उससे साफ है कि उन्हें पता था कि मीडियाकर्मी बनकर दोनों तक आसानी से पहुंचा जा सकता है।
हमलावरों ने अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ को महज 18 सेकेंड के भीतर मौत की नींद सुला दिया गया। शूटरों ने दोनों के पुलिस जीप से उतरने के 32वें सेेकंड में पहली गोली दागी। इसके बाद लगातार कुल 20 गोलियां दागीं और 50वें सेकंड तक माफिया भाइयों का काम तमाम हो चुका था। अतीक व अशरफ को 10.36 मिनट पर लेकर पुलिस कॉल्विन अस्पताल के गेट पर पहुंची।
10.37 मिनट और 12 सेकंड पर दोनों पुलिस जीप से नीचे उतर चुके थे। इसके बाद पुलिस उन्हें लेकर अस्पताल के भीतर जाने लगी। ठीक 32वें सेकंड यानी 10.37 मिनट और 44 सेकंड पर शूटरों ने पहली गोली दागी। इसके बाद ताबड़तोड़ 20 राउंड फायर अतीक और अशरफ को निशाना बनाकर किए गए। 18 सेकंड में वारदात को अंजाम देकर शूटर अपने मकसद में कामयाब हो चुके थे। 10.38 मिनट और 02 सेकेंड पर अतीक और अशरफ दोनों लहूलुहान होकर जमीन पर लुढ़के पड़े थे और उनके शरीर बेजान हो चुके थे।
माफिया अतीक और अशरफ को गोली मारने वाले युवक दो दिनों से प्रयागराज के किसी होटल में रुके हुए थे। वह हत्या की प्लानिंग कर रहे थे। हाथ में मीडिया चैनल की आईडी लेकर वह अतीक के पास पहुंचे और पिस्टल निकालकर अतीक और अशरफ को गोली मार दी, जिससे दोनों की मौके पर ही मौत हो गई। पुलिस की जांच में पता चला है कि आरोपियों का सामान अभी होटल में ही है। यह किस होटल में रुके थे इसकी पड़ताल की जा रही है। फिलहाल तीनों आरोपी पुलिस हिरासत में हैं। पुलिस इनसे पूछताछ कर रही है।
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