प्रयागराजः उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में गैंगस्टर अतीक अहम और उसके भाई अशरफ की शनिवार रात हत्या कर दी गई। घटना के समय यूपी पुलिस इन दोनों को अस्पताल में मेडिकल टेस्ट के लिए ले जा रही थी। पत्रकार साथ-साथ चलते हुए अतीक से सवाल कर रहे थे। इसी बीच तीन युवक मीडियाकर्मी बनकर पुलिस का सुरक्षा घेरा तोड़ते हुए आए और अतीक के सिर में गोली मार दी। इसके बाद अशरफ पर फायरिंग की। दोनों वहीं ढेर हो गए।
इस हमले के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। तीनों हमलावरों ने सरेंडर कर दिया है। हमलावरों की पहचान लवलेश, सनी और अरुण मौर्य के नाम से हुई है। उनके पास से मीडिया कार्ड, कैमरा और माइक भी मिला है। इस हमले में कॉन्स्टेबल मानसिंह को भी गोली लगी है, जिसे अस्पताल ले जाया गया है।
उधर, हमले के तुरंत बाद यूपी के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार मुख्यमंत्री योगी से मिलने पहुंचे। सीएम योगी ने सभी बड़े अधिकारियों को बैठक के लिए बुलाया था। बैठक के बाद सीएम योगी ने तीन सदस्यीय न्यायिक जांच कमेटी का गठन करने का निर्देश दिया है।
घटना के बाद 17 पुलिसकर्मी सस्पेंड कर दिए गए हैं। प्रयागराज में धारा 144 लागू कर दी गई है और इंटरनेट बंद कर दिया गया है। घटनास्थल पर फॉरेंसिंक टीम और SWAT (स्पेशल वेपन्स ऐंड टैक्टिक्स) टीम पहुंची हैं। संवेदनशील इलाकों में RAF (रैपिड एक्शन फोर्स) की तैनाती की जा रही है।
आपको बता दें कि अतीक अहमद और अशरफ को प्रयागराज की सीजेएम कोर्ट ने 13 से 17 अप्रैल तक के लिए पुलिस रिमांड पर भेजा था। 13 की रात यानी गुरुवार को ही यूपी पुलिस और ATS ने दोनों से पूछताछ शुरू की। ये पूछताछ 23 घंटे तक चली थी। दोनों से करीब 200 सवाल पूछे गए थे।
सूत्रों के मुताबिक, इस दौरान अतीक ने कबूला था कि वह पाकिस्तान से हथियार की सप्लाई लेता रहा है। अहमदाबाद जेल से उसने ISI एजेंट को फोन किया था। यही नहीं, अतीक ने उमेश पाल हत्याकांड की साजिश का भी जुर्म कबूल किया। अशरफ ने पुलिस को बताया कि किसी चैनल से हथियार पंजाब के एक फॉर्म हाउस तक पहुंच जाते थे।
पूछताछ के दौरान अतीक गिड़गिड़ाता रहा। वह बेटे के जनाजे में शामिल होने की मिन्नतें करता रहा। इसी दौरान अतीक की तबीयत बिगड़ गई। इसके बाद अतीक और अशरफ को एक ही हथकड़ी में प्रयागराज के कॉल्विन हॉस्पिटल लाया गया।
इस घटना की यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने निंदा की है। उन्होंने कहा कि UP में अपराध की पराकाष्ठा हो गयी है और अपराधियों के हौसले बुलंद है। जब पुलिस के सुरक्षा घेरे के बीच सरेआम गोलीबारी करके किसी की हत्या की जा सकती है तो आम जनता की सुरक्षा का क्या। इससे जनता के बीच भय का वातावरण बन रहा है, ऐसा लगता है कुछ लोग जानबूझकर ऐसा वातावरण बना रहे हैं।
आपको बता दें कि इससे पहले माफिया अतीक अहमद के बेटे असद और शूटर गुलाम का गुरुवार दोपहर साढ़े 12 से एक बजे के बीच झांसी में एनकाउंटर हुआ था। यूपी STF की एक टीम उमेश पाल हत्याकांड के शूटर्स की लोकेशन मिलने के बाद बुधवार को झांसी पहुंची थी। STF को शुरुआती जानकारी गुड्डू मुस्लिम के छिपे होने की मिली थी। गुड्डू मुस्लिम तो STF के हाथ नहीं लगा, लेकिन असद और गुलाम STF के हत्थे चढ़ गए।
असद और गुलाम की लोकेशन मिलने के बाद STF दोनों को जिंदा पकड़ना चाहती थी, लेकिन उन्होंने फायरिंग शुरू कर दी। STF की जवाबी फायरिंग में दोनों मारे गए। असद को दो, जबकि गुलाम को एक गोली लगी। शनिवार सुबह 10 बजे असद को प्रयागराज के कब्रिस्तान में दफनाया गया।