दिल्लीः हाल ही में कांग्रेस से इस्तीफा देने वाले आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री किरण कुमार रेड्डी ने बीजेपी का दामन थाम लिया है। किरण कुमार रेड्डी ने शुक्रवार को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बीजेपी सदस्यता ग्रहण की। किरण रेड्डी के बीजेपी में शामिल होने को दक्षिण की राजनीति में अपने पैर पसारने की तैयारी कर रही बीजेपी के लिए यह एक बड़ी सफलता के तौर पर देखा जा रहा है। आपको बता दें कि किरण रेड्डी ने बीती 12 मार्च को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को अपना इस्तीफा भेजा था। उसके बाद से ही किरण रेड्डी के भाजपा में शामिल होने की अटकलें लगाई जा रहीं थी।
किरण कुमार रेड्डी ने केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी की मौजूदगी में बीजेपी की सदस्यता ग्रहण की। इस दौरान किरण रेड्डी के परिवार के कुछ सदस्य भी मौजूद रहे। भाजपा की सदस्यता ग्रहण करने के बाद किरण कुमार रेड्डी ने कहा कि ‘कांग्रेस आलाकमान के गलत फैसलों की वजह से राज्य दर राज्य पार्टी टूट रही है। यह एक राज्य की बात नहीं। एक पुरानी कहानी है कि मेरा राजा बहुत बुद्धिमान है, वह अपने आप नहीं सोचता और न ही किसी का सुझाव मानता है। आप सबको पता चल गया होगा कि मैं क्या कहना चाहता हूं।’ रेड्डी ने कहा कि मैंने कभी नहीं सोचा था कि मुझे कांग्रेस छोड़नी पड़ेगी।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी लोगों के मत को नहीं समझ पा रही है। कांग्रेस पार्टी न तो विश्लेषण कर रही है कि गलती क्या है और न ही वे सही करना चाहते हैं। वह यही सोचते हैं कि मैं ही सही हूं और देश की जनता सहित बाकी सब गलत हैं। इसी विचारधारा कि वजह से मैंने पार्टी छोड़ने का फैसला लिया। गौरतलब है कि दक्षिण भारत की राजनीति में अपने आप को मजबूत करने की कोशिशों में जुटी भाजपा के लिए यह बड़ी सफलता है। गुरुवार को ही पूर्व रक्षा मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एके एंटनी के बेटे अनिल एंटनी ने भी भाजपा का दामन थाम लिया था।संयुक्त आंध्र प्रदेश के रहे आखिरी मुख्यमंत्री
आपको बता दें कि किरण कुमार रेड्डी संयुक्त आंध्र प्रदेश के आखिरी मुख्यमंत्री रहे। साल 2014 में जब तत्कालीन यूपीए सरकार ने आंध्र प्रदेश का बंटवारा कर उसे आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में विभाजित करने का फैसला किया तो किरण कुमार रेड्डी ने सरकार के इस फैसले का विरोध किया था। किरण रेड्डी ने विरोध स्वरूप कांग्रेस से इस्तीफा देकर अपनी अलग पार्टी जय समैक्य आंध्र बनाई थी। हालांकि साल 2018 में वह फिर से कांग्रेस में शामिल हो गए थे।