दिल्लीः आज चैत्र माह की पुर्णिमा तिथि है और दिन गुरुवार है। आज बल, बुद्धि और विद्या के निधान महावीर हनुमान की जयंती है। आपको बता दें कि भारत में विभिन्न क्षेत्रों में अगल-अलग तिथि को हनुमान जयंती मनाने का रिवाज है। जैसे उत्तर भारत में चैत्र माह की पूर्णिमा तिथि को हनुमान जन्मोत्सव के रूप में मनाई जाता है, जबकि दक्षिण भारत में हनुमान जयंती कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। इसके अलावा ओडिशा में हनुमान जयंती वैशाख महीने की प्रतिपदा तिथि को मनाई जाती है। इस बार हनुमान जन्मोत्सव पर भगवान हनुमान की पूजा के लिए चार मुहूर्त और पांच बड़े योग हैं। महावीर हनुमान जी की पूजा के लिए गुरुवार, 6 अप्रैल 2023 को सुबह से रात तक पूजा का शुभ मुहूर्त है। इस बार हनुमान जन्मोत्सव पर पांच तरह के शुभ योग का निर्माण हुआ है। जिसमें गजकेसरी, हंस, शंख, विमल और सत्कीर्ति नाम के पांच राजयोग है।
बड़े-बड़े पर्वत उठाने वाले, समुद्र लांघ जाने वाले और स्वयं ईश्वर का कार्य संवारने वाले संकटमोचन हनुमान का अवतरण चैत्र माह में पूर्णिमा तिथि को हुआ था। इसी उपलक्ष्य में हर साल चैत्र मास की पूर्णिमा तिथि यानी रामनवमी के ठीक छह दिन बाद हनुमान जन्मोत्सव का पर्व मनाया जाता है। ये पर्व विश्वभर में हनुमत भक्तों द्वारा धूमधाम से मनाया जाता है। हनुमान जन्मोत्सव पर भगवान हनुमान की पूजा-आराधना का विशेष महत्व होता है। मान्यता है कि हनुमान जन्मोत्सव के दिन विधि विधान से महाबली हनुमान की पूजा अर्चना करने से सभी विघ्न बाधाओं का अंत होता है। साथ ही मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। हनुमानजी को संकट मोचन कहा जाता है। इनके पथ पर चलने वालों को कोई भी संकट नहीं मिलता है। तो चलिए अब हम आपको हनुमान जयंती के महत्व और पूजा विधि के बारे में बताते हैं…
हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र पूर्णिमा तिथि का प्रारंभ 05 अप्रैल सुबह 9 बजकर 19 मिनट पर हो रहा है। वहीं इसका समापन 6 अप्रैल की सुबह 10 बजकर 04 मिनट पर होगा। उदया तिथि के अनुसार हनुमान जयंती 06 अप्रैल 2023, गुरुवार के दिन मनाई जाएगी।
शुभ मुर्हूतः
चैत्र पूर्णिमा तिथि आरंभ- 05 अप्रैल से सुबह 09: 19 मिनट पर
चैत्र पूर्णिमा तिथि समापन- 06 अप्रैल से सुबह 10:04 मिनट पर
सुबह- 6: 06 से 7: 40 मिनट तक
दोपहर- 12: 24 से 01: 58 मिनट तक
शाम- 5: 07 से 8:07 मिनट तक
महत्वः हनुमान जन्मोत्सव के दिन विधि विधान से बजरंगबली की पूजा अर्चना करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। ध्यान रहे हनुमान जी की पूजा करते समय भगवान राम का पूजन अवश्य करें, क्योंकि प्रभु श्री राम की पूजा के बिना हनुमान जी की पूजा अधूरी मानी जाती है।
पूजा विधिः
मंत्र:
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