दिल्लीः आज से ही दिन 2011 में मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में खेले गए क्रिकेट वर्ल्ड के फाइनल में मुकाबले में भारत ने श्रीलंका को 6 विकेट से करारी शिकस्त दी थी और दूसरी बार विश्व कप पर कब्जा किया था। तत्कालीन कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने नाबाद 91 रनों की शानदार पारी खेली थी। इससे पहले 1983 में कपिल देव की कप्तानी में भारत वनडे वर्ल्ड कप अपने नाम किया था।
फाइनल में श्रीलंका ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी की। महेला जयवर्धने ने नाबाद 103 रन बनाए। संगकारा ने 48 गेंदों में 67 रन की पारी खेली। श्रीलंका ने 50 ओवर में छह विकेट पर 274 रन बनाए थे। जहीर खान और युवराज सिंह ने दो-दो विकेट लिए। टारगेट का पीछा करने में वीरेंद्र सहवाग (0) और सचिन तेंदुलकर (18) जल्दी आउट हो गए। गौतम गंभीर ने 122 गेंदों में शानदार 97 रन की पारी खेली।
भारत को जीत के लिए 11 गेंदों पर 4 रन चाहिए थे, तब धोनी ने सिक्स लगाया और कप को भारत के नाम कर दिया। धोनी की कप्तानी में यह दूसरा वर्ल्ड कप खिताब था। इससे पहले 2007 में धोनी की कप्तानी में टी-20 का वर्ल्ड कप भी जीता था।
2011 वर्ल्ड कप का फाइनल मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में खेला गया। जहां भारत ने श्रीलंका को हरा कर कई मिथक तोड़े। वह पहली ऐसी मेजबान टीम बनी, जिसने वर्ल्ड कप जीता। इससे पहले किसी टीम ने अपनी जमीन पर वर्ल्ड कप हासिल नहीं किया था।
टीम इंडिया लक्ष्य का पीछा करते हुए चैम्पियन बनने वाली तीसरी टीम बनी। इससे पहले वर्ल्ड कप के इतिहास में दो बार ही ऐसा हो पाया था। लगातार दूसरी बार फाइनल खेल रहे श्रीलंका को भारत ने 10 गेंदें शेष रहते 6 विकेट से शिकस्त दी।
अमेरिका में डॉलर चलन में आयाः मौजूदा समय में डॉसर दुनिया की सबसे मजबूत करेंसी है, लेकिन इसके जन्म लेने की कहानी भी बहुत रोचक है। पहले यह सिर्फ सिक्कों में ही चलता था, जिससे लेनदेन का तरीका काफी सीमित था। फिर करीब 150 साल बाद पहली बार कागज का डॉलर छापा गया और आज दुनिया के 180 देशों में इसका सिक्का चलता है। पहले कागज पर छपी इस करेंसी को ग्रीनबैक कहा जाता था। ऐसा नहीं है कि आज सारे डॉलर सिर्फ कागज पर ही छापे जाते हैं। कुछ डॉलर सिक्के के रूप में भी होते हैं। अमेरिकी डॉलर के जन्म से अब तक हुए बदलाव की पूरी कहानी बड़ी दिलचस्प है.
कागज के नोट चलन में आने से पहले डॉलर भी चांदी के सिक्कों के रूप में चलता था। साल 1792 से पहले अमेरिकी नागरिकों के सामने करेंसी को लेकर बड़ी उलझन थी। सामान खरीदने और लेनदेन के लिए तंबाकू के पत्तों और जमीन के टुकड़ों का भी इस्तेमाल किया जाता था. लेकिन, यात्रा के दौरान लेनदेन में बड़ा संकट होता। इसके बाद 2 अप्रैल, 1792 में पहली बार डॉलर चलन में आया और इसे चांदी के सिक्कों के रूप में ढाला गया. तब कॉइनेज एक्ट के रूप में यूएस मिंट बनाया गया और सिक्के ढालने व दुनियाभर में उसका चलन बढ़ाने का जिम्मा भी इसी को दिया गया। लोग चांदी लेकर आते और मिंट उसे सिक्के में ढालकर दे देता.
दरअसल, चांदी में डॉलर को ढालने का जुगाड़ ज्यादा चला नहीं और इसकी कमी से नई मुश्किलों ने जन्म लेना शुरू कर दिया। अमेरिकी बैंकों ने चांदी के बजाए अपनी मुद्रा छापनी शुरू कर दी, जिसका परमानेंट हल 1861 में निकाला गया और कागज की मुद्रा छापने पर विचार शुरू हुआ। इस तरह पहली बार सरकार के कंट्रोल में डिमांड नोट्स के रूप में कागज की मुद्रा चलन में आई।
सरकारी मंजूरी के बावजूद डॉलर को कागज के रूप में छापने में सबसे बड़ी मुश्किल स्याही को लेकर थी। हालांकि, केमिस्ट ने ऐसी स्याही बना ली जिसे मिटाया न जा सके। हरे रंग की इस स्याही को नोट के पिछले हिस्से पर लगाया जाता था और यही कारण है कि शुरुआत में डॉलर की नोट को ग्रीनबैक्स कहा गया। अब आप सोच रहे होंगे कि शुरुआती नोट कितने डॉलर का था। कागज की करेंसी पहली बार 5, 10 और 20 डॉलर की छापी गई. फिर एक साल बाद 1862 में पहली बार 1 डॉलर का नोट छापा गया। आइए एक नजर डालते हैं देश और दुनिया में 02 अप्रैल को घटित हुईं घटनाओं पर…
1559 : इटली के जेनोआ क्षेत्र से यहूदियों को निकाला गया।
1679 : मुगल शासक अकबर ने जजिया कर समाप्त किया।
1720 : पेशवा बालाजी विश्वनाथ का निधन।
1745 : ऑस्ट्रिया और बवेरिया ने शांति संधि पर हस्ताक्षर किया।
1767 : यीशु की सोसायटी का स्पैनिश साम्राज्य और नेपल्स के साम्राज्य में दमन किया गया।
1787 : न्यायपालिका के एक चार्टर ने आपराधिक और नागरिक अधिकार क्षेत्र के पहले न्यू साउथ वेल्स न्यायालयों की स्थापना के लिए अधिकार प्रदान करने पर हस्ताक्षर किए।
1792 : अमेरिका ने दुनिया में सबसे ज्यादा प्रचलित है करेंसी डॉलर को स्थापित किया।
1860 : ट्यूरिन में पहली इटली की संसद की बैठक शुरू हुई।
1902 : शास्त्रीय गायक बड़े ग़ुलाम अली ख़ाँ का जन्म।
1902 : पहला इलेक्ट्रिक फिल्म थियेटर अमेरिका के लॉस एंजिल्स में खोला गया।
1912 : टाइटैनिक जहाज के समुद्री परीक्षण की शुरुआत हुई।
1933 : भारतीय क्रिकेटर प्रिंस रणजीत सिंहजी का गुजरात के जामनगर में निधन।
1935 : ग्रेट ब्रिटेन के रॉबर्ट वॉटसन-वाट ने पहली व्यावहारिक रडार प्रणाली का तैयार किया।
1940 : ब्रिटेन और डेनमार्क ने एक व्यापारिक समझौते पर हस्ताक्षर किए।
1941 : जर्मन और इतालवी सेना ने अंग्रेजों को अजदबिया शहर से बाहर का रास्ता दिखाया।
1942 : कांग्रेस ने क्रिप्स मिशन के प्रस्ताव को खारिज किया।
1969 : प्रसिद्ध फिल्म अभिनेता अजय देवगन का जन्म।
1981 : भारत में टी वी के प्रसिद्ध हास्य कलाकार कपिल शर्मा का जन्म।
1984 : स्क्वाड्रन लीडर राकेश शर्मा, मिशन सोयूज़ टी-11 के तहत अंतरिक्ष जाने वाले पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्री बने।
1989 : फिलिस्तीन मुक्ति संगठन के नेता यासर अराफात फिलिस्तीन के राष्ट्रपति निर्वाचित।
1995 : गाजा में एक विस्फोट में आठ लोग मारे गए, जिसमें हमास के नेता भी शामिल थे।
1997 : सुमिता सिन्हा ने अपने ऊपर से 3200 किलोग्राम भार के ट्रक को पार करने की अनुमति देकर रिकार्ड स्थापित किया।
2001 : नेपाल में माओवादी विद्रोहियों द्वारा 35 पुलिस अधिकारियों की हत्या।
2007 : सोलोमन द्वीप में शक्तिशाली सुनामी आयी।
2011 : भारतीय क्रिकेट टीम ने मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में आयोजित फाइनल मुकाबले में श्रीलंका को हराकर आईसीसी विश्व कप 2011 का ख़िताब जीता।
2013 : बर्मा के यांगून शहर में एक मस्जिद के अंदर भीषण आग लगने से 13 बच्चों की जलकर मौत हो गई।
2015 : केन्या के गारिसा यूनिवर्सिटी में बंदूकधारियों के हमले में 140 लोग मारे गए।
2017 : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर में देश की सबसे लंबी चेनानी-नाशरी सड़क सुरंग राष्ट्र को समर्पित की।
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