अहमदाबाद: गुजरात हाई कोर्ट दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की उस याचिका को खारिज कर दी, जिसमें उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पढ़ाई -लिखाई और डिग्री पर सवाल उठाए थे। गुजरात हाई कोर्ट ने पीएम मोदी की डिग्री सार्वजनिक करने की मांग करने वाली याचिका को तुच्छ और भ्रामक पिटिशन करार देते हुए केजरीवाल पर 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। गुजरात हाईकोर्ट ने केंद्रीय सूचना आयोग के उस आदेश को निरस्त कर दिया। जिसमें आरटीआई के तहत डिग्री देने की बात कही गई थी।

आपको बता दें कि गुजरात हाईकोर्ट का यह फैसला ऐसे वक्त पर आया है जब अरविंद केजरीवाल ने फिर से पीएम मोदी की शैक्षिक योग्यता पर सवाल उठाना शुरू किया है। केजरीवाल ने हाल ही में विधानसभा के अंदर कहा था कि पीएम मोदी अनपढ़ हैं। वे देश कम पढ़े-लिखे पीएम हैं। उन्होंने यह भी कहा था कि पीएम सिर्फ 12वीं पास हैं। आम आदमी पार्टी देशभर में पीएम की पढ़ाई पर सवाल खड़े कर रही है। गुजरात हाईकोर्ट के जस्टिस बीरेन वैष्णव ने गुजरात यूनिवर्सिटी की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर जुर्माना लगाने का आदेश दिया। केंद्रीय सूचना आयोग ने 2016 में गुजरात विश्वविद्यालय को आरटीआई के तरह पीएम मोदी की एमए की डिग्री देने का आदेश जारी किया था। केंद्रीय सूचना आयोग ने बिना गुजरात विश्वविद्यालय को नोटिस दिए हुए ही आर्डर पास कर दिया था।

जस्टिस बीरेन वैष्णव ने गुजरात यूनिवर्सिटी की याचिका पर फैसला देते हुए कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल गुजरात स्टेट लीगल सर्विसेस अथॉरिटी के पास चार हफ्ते में 25 हजार रुपये की धनराशि जमा करें। इससे पहले गुजरात हाईकोर्ट ने सुनवाई पूरी करने के बाद 9 फरवरी, 2023 को फैसला सुरक्षित रख लिया था।

क्या है पूरा मामलाः दरअसल सात साल पहले अरविंद केजरीवाल ने आरटीआई लगाकर पीएम मोदी की शैक्षणिक जानकारी मांगी थी। केंद्रीय सूचना आयोग (सीईसी) ने डीयू और गुजरात यूनिवर्सिटी को आर्डर जारी करके मांगी गई जानकारी केजरीवाल को देने को कहा था। इसके जवाब में गुजरात यूनिवर्सिटी ने बताया था कि मोदी ने डिस्टेंस एजूकेशन से एमए की डिग्री ली है। केजरीवाल ने डिग्री की कॉपी की भी मांगी। इसके बाद यह पूरा विवाद खड़ा हुआ था। तो वहीं

वहीं, दिल्ली के सीएम केजरीवाल ने गुजरात हाईकोर्ट के फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए ट्वीट किया है। इसमें केजरीवाल ने लिखा है कि क्या देश को ये जानने का भी अधिकार नहीं है कि उनके PM कितना पढ़े हैं? कोर्ट में इन्होंने डिग्री दिखाए जाने का ज़बरदस्त विरोध किया। क्यों? और उनकी डिग्री देखने की माँग करने वालों पर जुर्माना लगा दिया जायेगा? ये क्या हो रहा है? अनपढ़ या कम पढ़े लिखे PM देश के लिए बेहद ख़तरनाक हैं।

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