Old compass on vintage map with rope closeup. Retro stale

दिल्लीः आज के ही दिन 2015 में भारत की स्टार शटलर साइना नेहवाल ने कीर्तिमान रचा था। दरअसल साइना नेहवाल भारत की पहली महिला बैडमिंटन खिलाड़ी हैं, जिन्होंने ओलिंपिक में कांस्य पदक जीता। वहीं, 2015 में आज ही के दिन यानी 28 मार्च को वह बैडमिंटन में चीनी दबदबे को खत्म कर दुनिया की नंबर-1 शटलर बनी थी। 26 मार्च को उनकी जिंदगी पर बनी बायोपिक रिलीज हुई है, जिसमें परिणीति चोपड़ा ने साइना का किरदार निभाया है।

17 मार्च 1990 को जन्मी इस शटलर ने आठ साल की उम्र में बैडमिंटन खेलना शुरू किया था, जब उनका परिवार हरियाणा से हैदराबाद आ गया था। साइना को बैडमिंटन विरासत में मिला और उनकी मां स्टेट लेवल की बैडमिंटन खिलाड़ी थीं। शुरुआत में हैदराबाद में भाषा को लेकर दिक्कतों का सामना किया, लेकिन जल्द ही उन्होंने इस समस्या को भी दूर किया। 2008 में BWF वर्ल्ड जूनियर चैम्पियनशिप जीतकर साइना ने बता दिया था कि वह बड़ी उपलब्धियां हासिल करने का दम रखती हैं। उसी साल उन्होंने बीजिंग ओलिंपिक खेलों के लिए भी क्वालिफाई किया था। क्वार्टर फाइनल तक पहुंचकर उन्होंने ऐसा करने वाली पहली भारतीय महिला बैडमिंटन खिलाड़ी बनने का गौरव हासिल किया। इंडोनेशिया की मारिया क्रिस्टिन युलियांटी से हारने से पहले उन्होंने दुनिया की 5वें नंबर की खिलाड़ी और चौथी वरीयता प्राप्त हांगकांग की वांग चेन को हराया।

साइना नेहवाल सबके भरोसे पर खरी उतरीं, उन्हें 2009 में अर्जुन पुरस्कार और 2010 में राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया। ओलिंपिक क्वार्टर फाइनल में पहुंचने के बाद साइना को वह आत्मविश्वास मिला, जिसकी उन्हें जरूरत थी। अगले दो वर्षों में उन्होंने बैडमिंटन जगत में धमाल मचा दिया। उन्होंने BWF हांगकांग ओपन, सिंगापुर ओपन और इंडोनेशिया ओपन का खिताब जीता। 2011 के बेहतरीन साल के बाद, 22 वर्षीय साइना नेहवाल ने 2012 में लंदन ओलिंपिक का कांस्य पदक जीतकर इतिहास रच दिया। साइना ने अगले तीन वर्षों में ऑस्ट्रेलियन ओपन, दो बार इंडिया ओपन और चाइना ओपन जीता, हालांकि प्रतिष्ठित ऑल इंग्लैंड ओपन उनके लिए अभी भी एक सपना है जिसे वे कभी नहीं जीत सकीं।

2015 में साइना नेहवाल ऑल इंग्लैंड चैम्पियनशिप जीतने के करीब पहुंची थीं, पर संघर्ष पूर्ण मैच में कैरोलिना मारिन से हार का सामना करना पड़ा था। 2015 में ही साइना दुनिया की नंबर-1 महिला बैडमिंटन खिलाड़ी बनी। यह उपलब्धि उनसे पहले किसी भारतीय महिला खिलाड़ी ने हासिल नहीं की थी। प्रकाश पादुकोण जरूर पुरुष वर्ग में दुनिया के नंबर-1 खिलाड़ी हो चुके हैं। 2010 में कॉमनवेल्थ गेम्स का गोल्ड जीतने वाली साइन ने 2018 में फिर कामयाबी हासिल की।

साइना नेहवाल पिछले कुछ वर्षों से चोटों से परेशान रही हैं। इसके बाद पीवी सिंधु ने भारतीय परचम अंतरराष्ट्रीय सर्किट में फहराया और 2016 के ओलिंपिक खेलों में सिल्वर मेडल जीता। अपने 12 साल के करियर में साइना ने 24 से अधिक अंतरराष्ट्रीय खिताब जीते, जिनमें 11 सुपर सीरीज खिताब शामिल हैं। वह ओलिंपिक, वर्ल्ड चैम्पियनशिप और वर्ल्ड जूनियर चैम्पियनशिप के प्रत्येक इवेंट में कम से कम एक पदक जीतने वाली एकमात्र भारतीय शटलर हैं।

वरुण गांधी नफरत भरे भाषण के लिए गिरफ्तारः उत्तर प्रदेश में पीलीभीत लोकसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार वरुण गांधी को 2009 में उस समय गिरफ्तार किया गया था, जब उन पर मुस्लिमों के खिलाफ नफरत फैलाने का आरोप लगा था। उन चुनावों में वरुण ने कांग्रेस के वीएम सिंह को 2.81 लाख वोट से हराया था। खैर, 19 दिन बाद उन्हें जमानत मिल गई और वे रिहा हो गए थे। 5 मार्च 2013 को पीलीभीत की कोर्ट ने उन्हें इस मामले में बाइज्जत बरी कर दिया था।

नेताजी सुभाष चंद्र बोस नजरबंदी से बचकर बर्लिन पहुंचेः महान स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस को 2 जुलाई 1940 को हॉलवेट मूवमेंट के बाद गिरफ्तार कर लिया गया था। प्रेसीडेंसी जेल में उन्होंने आमरण अनशन किया, जिससे उनकी तबीयत खराब हो गई थी। इस पर 5 दिसंबर 1940 को उन्हें एल्गिन रोड स्थित अपने घर भेज दिया गया था। नेताजी के केस की सुनवाई 27 जनवरी 1941 को होनी थी, पर 26 जनवरी को ब्रिटिश हुकूमत को पता चला कि नेताजी तो कोलकाता में हैं ही नहीं। पता चला कि एक बीमा एजेंट जियाउद्दीन के वेश में वे 16-17 जनवरी की रात ही वहां से निकल गए थे। नेताजी कोलकाता से जापान होते हुए 28 मार्च 1941 को बर्लिन पहुंच गए थे। आइए एक नजर डालते हैं देश और दुनिया में 28 मार्च को घटित हुईं महत्वपूर्ण घटनाओं पर…

1561 : अकबर ने मालवा की राजधानी सांरगपुर पर हमला कर बाजबहादुर को हराया था।
1736 : ब्रिटेन के अविष्कारक जेम्स वाट का उत्तरी इंग्लैंड के ग्रीनीक नगर में जन्म हुआ।
1802 : हाइनरिक विल्हेम मथायस ओल्बर्स ने क्षुद्रग्रह पल्लास का पता लगाया।
1806 : वाशिंगटन कॉलेज (अब वाशिंगटन और जेफरसन कॉलेज) की स्थापना पेंसिल्वेनिया महासभा द्वारा की गयी।
1809 : मेडलिन युद्ध में फ्रांस के हाथों स्पेन की हार हुई।
1891 : पहला विश्व भारोत्तोलन चैम्पियनशिप आयोजित किया गया।
1910ः फ्रेंच इन्वेंटर हेनरी फाबरे ने दुनिया का पहला सीप्लेन कैनार्ड बनाया जिसने 457 मीटर लंबी उड़ान भरी थी।
1922 : अमेरिकी आविष्कारक ब्रेडली ए. फिस्के ने माइक्रोफिल्म पठन यंत्र का पेटेंट कराया।
1930 : तुर्की के बहुत से शहरों का नाम बदला गया। इसी दिन से राजधानी ‘अंगोरा’ को ‘अंकारा’ और ‘कॉन्सटानिनोपल’ का नाम बदल कर ‘इंस्तांबुल’ कर दिया गया।
1939ः जर्मनी के तानाशाह हिटलर ने पोलैंड के साथ एक-दूसरे पर आक्रमण नहीं करने संबंधी पांच साल पुराने समझौते को तोड़ा।
1941 : नजरबंदी में रह रहे नेताजी सुभाषचंद्र बोस कलकत्ता से भागकर बर्लिन पहुंचे।
1949 : अमेरिका के रक्षा सचिव जेम्स फोरेस्टल ने अचानक इस्तीफा दिया
1959 : चीन ने तिब्बत की सरकार भंग की और पांचेन लामा को पदासीन किया।
1962 : सीरिया में सैन्य विद्रोह के बाद राष्ट्रपति नाजिम अल-कुद्सी देश छोड़कर भागे।
1965 : डॉक्टर मार्टिन लूथर किंग ने काले अमेरिकियों के अधिकारों के लिए एलाबामा की राजधानी मॉटगुमरी में 25 हजार लोगों के साथ मार्च निकाला।
1972: तत्कालीन सोवियत रूस ने परमाणु परीक्षण किया।
1998ः अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने संसद में 261 के मुकाबले 274 वोट से विश्वास मत हासिल किया।
1999 : विनस विलियम्स ने बहन सेरेने को हराकर लिप्टन कप जीता। 115 साल में यह पहला मौका आया।
2000ः वेस्टइंडीज के कोर्टनी वॉल्श ने टेस्ट क्रिकेट में 435 विकेट लेकर कपिल देव का रिकॉर्ड तोड़ा।
2005 : सुमात्रा द्वीप में भूकंप, 8.7 तीव्रता के भूकंप ने पूरे इंडोनेशिया को हिला दिया था। यह भूकंप 1965 के बाद आने वाला चौथा सबसे बड़ा भूकंप था। जिसमें करीब एक हजार लोगों की मौत हुई।
2006: अमेरिका ने पाकिस्तान के पेशावर में स्थित अपना वाणिज्य दूतावास बंद किया।
2007: अमेरिका में सीनेट ने इराक से सेना वापसी को मंजूरी प्रदान की
2009: पीलीभीत लोकसभा सीट से बीजेपी उम्मीदवार वरुण गांधी को मुस्लिमों के खिलाफ भड़काऊ भाषण देने के आरोप गिरफ्तार किया गया।
2011: भारत में बाघों की संख्या में बढ़ोतरी दर्ज की गई। गणना के बाद वर्ष 2006 में 1411 के मुकाबले इनकी संख्या 1706 हो गई।
2013 : इंटरनेट पर इतिहास का सबसे बड़ा हमला हुआ। दुनियाभर में इंटरनेट की रफ्तार धीमी हुई।
2015: साइना नेहवाल दुनिया की नंबर एक महिला बैडमिंटन खिलाड़ी बनीं।

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