दिल्लीः कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपने सरकारी बंगले को छिने जाने को लेकर बयान जारी किया है। राहुल ने लोकसभा सचिवालय को भेजे गए एक पत्र में कहा कि पिछले चार कार्यकाल से लोकसभा सांसद के तौर पर जनता का दायित्व पूरा करते हुए यहां बिताए वक्त की मेरे पास खुशहाल यादें हैं। मैं अपने अधिकारों के प्रति बिना किसी पूर्वग्रह के आपकी चिट्ठी में लिखी बातों का पालन करूंगा।

आपको बता दें कि लोकसभा की सदस्यता समाप्त किए जाने के सांसद के तौर पर सरकार की ओर से आवंटित बंगला खाली करना पड़ता है। इस संबंध में उन्हें अब लोकसभा आवास समिति ने नोटिस भी दिया है। नोटिस में राहुल को 12 तुगलक रोड स्थित सरकारी बंगला खाली करने को कहा गया है। उन्हें इसके लिए 22 अप्रैल तक की इजाजत दी गई है।

इससे पहले पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता बीते शुक्रवार यानी 24 मार्च को रद्द कर दी गई थी। लोकसभा सचिवालय की ओर से इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी गई। राहुल को गुरुवार को सूरत की अदालत ने मोदी उपनाम से जुड़े मानहानि मामले में दो साल की सजा सुनाई थी। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने ट्विटर पर लिखा था, ‘मैं भारत की आवाज के लिए लड़ रहा हूं। मैं हर कीमत चुकाने को तैयार हूं।’

केरल के वायनाड के पूर्व सांसद राहुल गांधी की ओर से 2019 में लोकसभा चुनाव के दौरान मोदी उपनाम को लेकर की गई टिप्पणी के मामले में गुरुवार यानी 23 मार्च को सूरत की अदालत ने फैसला सुनाया था। कोर्ट ने उन्हें धारा 504 के तहत दो साल की सजा सुनाई थी। हालांकि, कोर्ट ने फैसले पर अमल के लिए 30 दिन की मोहलत दे दी। इसके साथ ही उन्हें तुरंत जमानत भी दे दी थी। दरअसल, 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान कर्नाटक के कोलार की एक रैली में राहुल गांधी ने कहा था, ‘कैसे सभी चोरों का उपनाम मोदी है?’ इसी को लेकर भाजपा विधायक और गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज कराया था। उनका आरोप था कि राहुल ने अपनी इस टिप्पणी से समूचे मोदी समुदाय की मानहानि की है। राहुल के खिलाफ आईपीसी की धारा 499 और 500 (मानहानि) के तहत मामला दर्ज किया गया था।

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