दिल्लीः कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक बार फिर कहा है कि मैं सावरकर नहीं गांधी हूं। माफी नहीं मांगूंगा। संसद की सदस्यता समाप्त होने के 23 घंटे बाद राहुल, प्रियंका गांदी वाड्रा के साथ कांग्रेस मुख्यालय पहुंचे और 28 मिनट मीडिया से बातचीत की। इस दौरान उन्होंने कहा कि हिन्दुस्तान का लोकतंत्र खतरे में है।
राहुल ने इसी लाइन के साथ अपनी बात की शुरुआत की। इसके बाद उन्होंने सवाल किया- अडाणी और मोदी का रिश्ता क्या है? उन्होंने केंब्रिज यूनिवर्सिटी में लोकतंत्र पर कही अपनी बात और सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है… वाले बयान पर सफाई भी दी। पूर्व सांसद राहुल ने अपनी सीपी के दौरान 16 बार मोदी जी, 9 बार प्रधानमंत्री और 38 बार अडाणी का नाम लिया। उन्होंने आगे का प्लान भी बताया। सवाल-जवाब में पूरी बातचीत पढ़ें…
आपको बता दें कि ‘सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है…’, राहुल के इस बयान से जुड़े मानहानि केस में सूरत की कोर्ट ने गुरुवार दोपहर 12.30 बजे राहुल को 02 साल की सजा सुनाई थी, लेकिन 27 मिनट बाद जमानत दे दी। सजा के 26 घंटे बाद शुक्रवार को उनकी सदस्यता खत्म कर दी गई।
पीसी के दौरान उनसे सवाल किया गया कि आप शहीदों के परिवार से आते हैं। आपकी दादी भी डिस्क्वालिफाई हुईं। जनता के बीच गईं। सत्ता में वापस आईं। आज के दौर में राहुल भी डिस्क्वालिफाई हो गए हैं। आपने तमाम मुद्दे उठाए। चीन का मुद्दा उठाया। क्या राहुल गांधी भी जनता के बीच में जाएंगे। और वही वापसी फिर से करेंगे?
इसके जवाब में राहुल ने कहा कि राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा में साढ़े चार महीने जनता के बीच रहे। ये मेरा काम है और करता जाऊंगा। आज के हिंदुस्तान में जो पहले राजनीतिक पार्टियों को सपोर्ट मिलती थी। मीडिया और बाकी संस्थानों से मिलती थी। अब नहीं मिलती है। तो विपक्षी पार्टियों के पास एक ही रास्ता है। जनता के बीच में जाने का।
वहीं ओबीसी वर्ग का अपमान करने के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि आप मेरी भारत जोड़ो यात्रा में मेरी कोई भी स्पीच देख लीजिए। मैं वहां कह रहा हूं कि सब समाज एक है। सबको एकसाथ चलना चाहिए। भाई चारा होना चाहिए। नफरत, हिंसा नहीं होनी चाहिए। ये OBC का मामला नहीं है, ये नरेंद्र मोदीजी और अडाणीजी के रिश्ते का मामला है। 20 हजार करोड़ रुपए, जो अडाणीजी को पता नहीं कहां से मिले। उसके बारे में मैं सवाल पूछ रहा हूं। उसका जवाब चाहिए। भाजपा ध्यान को भटकाने की कोशिश करती है। कभी OBC की बात करेगी, कभी विदेश में दिए बयान की बात करेगी।
उन्होंने कहा कि चाहे स्टेट हो कुछ भी हो। मैं सच्चाई को देखता हूं। मुझे और किसी चीज में रुचि नहीं है। मैं सच्चाई बोलता हूं। राजनीति में यह फैशनेबल बात नहीं है। मगर ये बात मेरे खून में है। मैं और कोई रास्ता निकाल ही नहीं सकता हूं। तो ये मेरा काम है। यही मेरी तपस्या है। जीवन की तपस्या है। इसे मैं करता जाऊंगा। चाहे मुझे डिस्क्वालिफाई करें। मारें-पीटें। चाहे जेल में डालें। मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता। इस देश ने मुझे सबकुछ दिया है।
इस दौरान उनसे सवाल किया गया कि भाजपा के नेता जो आप पर हमले कर रहे हैं। उस पर क्या कहेंगे। इसके अलावा, वायनाड के लोग भरोसा नहीं कर पा रहे हैं। उस पर आप क्या कहेंगे?
इसके जवाब में उन्होंने कहा कि वायनाड के लोगों के साथ मेरा पारिवारिक रिश्ता है। फैमिली और प्यार का रिश्ता है। मैंने सोचा कि मैं वायनाड के लोगों के लिए चिट्ठी लिखूं कि मेरे दिल में उनके लिए क्या है।
कांग्रेस के नेता कह रहे हैं कि गुजरात के कोर्ट ने जो सजा सुनाई और आपका जो निलंबन हुआ यह सब कुछ पीएम और केंद्र सरकार के कहने पर हो रहा है, लेकिन बीजेपी कह रही है कि कानून ने अपना काम किया है। आप क्या कहेंगे? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि ये लीगल मैटर है। मैं हिंदुस्तान के लीगल सिस्टम की इज्जत करता हूं। इस पर यहां बात नहीं करना चाहता हूं।
आपकी सदस्यता रद्द हुई तो बहुत सारे ऐसे विपक्षी दल जो कांग्रेस से दूरी बनाके चलते थे, वह भी आपके समर्थन में आए। तो क्या आपको लगता है कि वो समय आ गया है जब सारे विपक्ष को एकजुट हो जाना चाहिए।
इसके जवाब में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि मैं सब विपक्षी दलों का धन्यवाद करता हूं कि उन्होंने इस मामले में हमारा सपोर्ट किया। हम सब मिलकर काम करेंगे।
इस दौरान जब उनसे सवाल किया गया कि बयान को लेकर आपको सजा सुनाई गई है। क्या आपको उस बयान को लेकर अफसोस है? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि अभी ये लीगल डिस्कशन है। उसपर मैं टिप्पणी नहीं करना चाहता। मगर मैं जो भी सवाल उठाता हूं वो सोच-समझकर उठाता हूं।
कुछ ही दिन पहले लक्षद्वीप के सांसद मोहम्मद फैसल की सदस्यता रद्द हो गई थी। बाद में हाईकोर्ट ने स्टे कर दिया था। अभी भी उनकी सदस्यता बहाल नहीं हुई है। लेकिन चुनाव आयोग ने चुनाव की घोषणा करने के बाद उसे रोक दिया था। अगर ऊपरी अदालत से आपको स्टे मिलता है। तो आपको उम्मीद है कि लोकसभा स्पीकर भी आपकी सदस्यता को बहाल करेंगे।
इसके जवाब में राहुल ने कहा कि मुझे उम्मीद में कोई इंटरेस्ट ही नहीं है। चाहे मुझे सदस्यता मिले, ना मिले, मैं अपना काम करूंगा। अगर ये मुझे स्थायी रूप से डिसक्वालिफाई कर दें, तो भी मैं अपना काम करूंगा। चाहे ये मुझे बहाल कर दें, तो भी मैं अपना काम करूंगा। मैं संसद के अंदर हूं या बाहर, मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता। मुझे अपनी तपस्या करनी है, वो मैं करके दिखाऊंगा।
इस दौरान जब उनसे सवाल किया गया कि जो दो सीएम आपके साथ बैठे हैं, उनका भी अडाणी जी से रिश्ता है। इन स्टेट का जो अडाणी जी के साथ बिजनेस चल रहा है, वो बिजनेस रोका जाएगा क्या?
इसके जवाब में राहुल ने कहा कि आप डिस्ट्रैक्ट करने की कोशिश मत कीजिए। 20 हजार करोड़ रुपए अडाणी जी की शैल कंपनियों में कहां से आए। आप जांच कीजिए, अगर बात निकली कि ये हमारे सीएम का पैसा है तो उन्हें जेल में डाल दीजिए। अगर बात निकली कि किसी और का पैसा है तो उसको जेल में डालिए।
जब उनसे सवाल किया गया कि मोदी वाले बयान पर सूरत कोर्ट के फैसले के बाद आप क्या करेंगे? इसके जवाब में राहुल ने कहा4 कि नरेंद्र मोदी जी ने ये जो पैनिक रिएक्शन किया है। इससे विपक्ष को सबसे ज्यादा फायदा मिलेगा। ये इन्होंने हमें हथियार पकड़ा दिया है। ये मोदी जी पैनिक में आ गए कि बात निकल जाएगी कि ये 20 हजार करोड़ रुपए किसके हैं। वो डर गए, घबरा गए। ये पूरा सीक्वेंस इन्होंने शुरू कर दिया।
जनता के दिमाग में ये सवाल आ गया है। जनता जानती है कि अडाणी जी एक भ्रष्ट व्यक्ति हैं। अब जनता के दिमाग में ये सवाल उठा है कि हिंदुस्तान का पीएम एक भ्रष्ट व्यक्ति को क्यों बचा रहा है। बीजेपी के लोगों ने कहा कि अडाणी पर आक्रमण देश पर आक्रमण है। इनके लिए देश अडाणी है और अडाणी देश है।
आपको इस मामले में मैक्सिमम सजा दी गई। आपकी पार्टी के एक सांसद ने कहा कि जज को ये तो देखना चाहिए था कि सामने जो शख्स है, वो गांधी परिवार से आता है। इसपर आप क्या कहेंगे। इसके जवाब में राहुल ने कहा कि डिस्ट्रैक्शन करना है, मैक्सिमम पनिशमेंट की तो जरूरत है। मिनिमम पनिशमेंट से बात थोड़ी बनेगी। मैं तो सोच रहा था भैया 5 साल होते, 7 साल होते, 10 साल होते, वो भी मिल जाता।
सदस्यता जाने के बाद अब आपका अगला कदम क्या होगा? इसके जवाब नें उन्होंने कहा कि मैं सिर्फ एक कदम उठाऊंगा। वो कदम होगा देश में सच के लिए लड़ना और देश के डेमोक्रेटिक नेचर को बचाना। इसके लिए मुझे जो भी करना पड़े, मैं करूंगा। देश के लोगों को मिस्टर अडाणी जैसे लोगों की सच्चाई बताऊंगा। अडाणी जी पीएम के साथ अपने रिश्ते का फायदा उठा रहे हैं।
बीजेपी कल से कह रही है कि आपने वो अध्यादेश नहीं फाड़ा होता तो आज आपकी सदस्यता नहीं जाती। इसपर आप क्या कहेंगे। इसके जवाब में उन्होंने कहा कि जब कोई किसी बात के लिए दोषी होता है, वह सभी का ध्यान भटकाना चाहते हैं। अगर आप चोर को पकड़ते हैं तो वो सबसे पहले कहता है कि मैंने चोरी नहीं की। उसके बाद वो आपसे दूसरी जगहों पर देखने के लिए कहता है। यही भाजपा कर रही है।
हमने अडाणी जी की कंपनी में 20 हजार करोड़ रुपए आते हुए देखे हैं। कोई नहीं जानता कि वो पैसा किसका है। वो अडाणी जी का पैसा नहीं हो सकता। वो ऐसा पैसा जेनरेट नहीं करते। वो पैसा किसी से तो आया है। ये ओबीसी, डिस्क्वालिफिकेशन, एंटी नेशनल ये सब पीएम की घबराहट से ध्यान हटाने के लिए है। हम मोदी जी के साथ अडाणी जी के रिश्ते को एक्सपोज करके रहेंगे।
राहुल जी जो जजमेंट आया है। उसको लेकर बीजेपी कह रही है कि आपने ओबीसी का अपमान किया। पूरे देश में प्रेस कॉफ्रेंस करने की तैयारी कर रही है। इसके जवाब में राहुल ने कहा कि भैया देखिए, पहला आपने पहली कोशिश वहां से की, दूसरी कोशिश यहां से की और तीसरी कोशिश यहां से की। आप इतना डायरेक्टली भाजपा के लिए क्यों काम कर रहे हो। कभी विवेक से काम करो यार। थोड़ा घुमाके पूछो। आपको ऑर्डर दिया है क्या? अगर आप भाजपा के लिए काम करना चाहते हैं तो सीने पर भाजपा का सिंबल लगाकर आइए। एक पत्रकार होने की एक्टिंग मत करिए।…हवा निकल गई…
इस दौरान जब उनसे सवाल किया गया कि भाजपा बार-बार आपसे माफी मांगने को कहती है, इस पर आप क्या सोचते हैं? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि राहुल गांधी सोचता है कि मेरा नाम सावरकर नहीं है, मेरा नाम गांधी है। गांधी किसी से माफी नहीं मांगता। मैंने संसद में कहा कि मुझे बोलने दीजिए। दो बार चिट्ठी लिखी। तीसरी बार खुद स्पीकर से मिलने गया कि आप मुझे बोलने दीजिए। आप लोकतंत्र के रक्षक हैं। उन्होंने मुस्कुरा कर कहा कि भैया मैं तो नहीं कर सकता। आप नहीं कर सकते तो कौन कर सकता है।
मेरा पॉइंट है कि इस देश में लोकतंत्र खत्म हो गया है। इस देश में जो हमारे दिल में है, वो हम बोल नहीं सकते हैं। संस्थानों पर हमला हो रहा है। उसका मैकेनिज्म मोदी जी और अडाणी जी का रिश्ता है। आप अडाणी जी को इसलिए बचा रहे हो क्योंकि आप ही अडाणी हो।
उधर, राहुल गांधी की संसद सदस्यता खत्म होने पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह का बयान आया। गिरिराज ने कहा, ‘जब चारा घोटाले में आदेश आया था और लालू प्रसाद की सदस्यता जाने वाली थी। उस समय राहुल लालू से नहीं मिलते थे। राहुल ने तब ऐसे मामले में अपील के प्रावधान से संबंधित अध्यादेश को फाड़ दिया था। लालू जी ने उस समय राहुल को शाप दिया था।’
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