दिल्लीः कांग्रेस नेता राहुल गांधी अब पूर्व सांसद हो चुके हैं। लोकसभा से उनकी सदस्यता समाप्त हो चुकी है। कांग्रेस इस मुद्दे को लेकर देशव्यापी आंदोलन कर रही है। इस बीच केरल के वायनाड से लोकसभा सदस्य रहे राहुल की संसद सदस्यता खत्म होने पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह का बयान सामने आया है। गिरिराज ने कहा कि जब चारा घोटाले में आदेश आया था और लालू प्रसाद की सदस्यता जाने वाली थी। उस समय राहुल लालू से नहीं मिलते थे। राहुल ने तब ऐसे मामले में अपील के प्रावधान से संबंधित अध्यादेश को फाड़ दिया था। लालू जी ने उस समय राहुल को श्राप दिया था।
वहीं, राहुल गांधी पर हुई कार्रवाई को लेकर शनिवार को यूथ कांग्रेस देशभर में प्रदर्शन करेगी। इसके अलावा पार्टी सोमवार से देशभर में संविधान बचाओ आंदोलन शुरू करने का ऐलान किया है। इसकी रणनीति के लिए पार्टी की आज एक अहम बैठक भी होने वाली है। इसमें खड़गे समेत पार्टी के वरिष्ठ नेता शामिल होंगे। रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रियंका और सोनिया भी इसमें शामिल हो सकती हैं।
आपको बता दें कि 2013 में जब सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया था कि सांसद/विधायक को 2 साल या उससे ज्यादा की सजा मिलने पर उसकी सदस्यता तत्काल प्रभाव से खत्म हो जाएगी। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ मनमोहन सरकार एक अध्यादेश लाई थी, जिससे सुप्रीम कोर्ट का फैसला निष्प्रभावी हो जाए।
इससे पहले 24 सितंबर 2013 को कांग्रेस सरकार ने अध्यादेश की खूबियां बताने के लिए एक प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई थी। इसी प्रेस कॉन्फ्रेंस में राहुल गांधी ने पहुंचकर कहा था- ये अध्यादेश बकवास है और इसे फाड़कर फेंक देना चाहिए। उन्होंने अध्यादेश की कॉपी को फाड़ दिया था। इसके बाद ये अध्यादेश वापस ले लिया गया था।
राहुल की संसद सदस्यता शुक्रवार को समाप्त कर दी गई। लोकसभा सचिवालय ने पत्र जारी करके इसकी जानकारी दी थी, साथ ही लोकसभा की वेबसाइट से भी राहुल का नाम हटा दिया था। राहुल केरल के वायनाड से सांसद थे। राहुल ने 2019 में लोकसभा चुनाव के दौरान कर्नाटक की सभा में मोदी सरनेम को लेकर बयान दिया था।
उन्होंने कहा था कि सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है। इस मानहानि केस में सूरत की कोर्ट ने गुरुवार दोपहर 12.30 बजे राहुल गांधी को 2 साल की सजा सुनाई थी। हालांकि, 27 मिनट बाद उन्हें जमानत मिल गई थी। लेकिन, सजा के ऐलान के 26 घंटे बाद ही उनकी सदस्यता खत्म कर दी गई।
सुप्रीम कोर्ट ने 11 जुलाई 2013 को अपने फैसले में कहा था कि कोई भी सांसद या विधायक निचली अदालत में दोषी करार दिए जाने की तारीख से ही संसद या विधानसभा की सदस्यता के लिए अयोग्य घोषित हो जाएगा।
कांग्रेस पार्टी राहुल गांधी को 2024 का चुनाव फिर से अमेठी से लड़ाने की तैयारी कर रही थी। 2019 का लोकसभा चुनाव राहुल BJP नेता स्मृति ईरानी से हार गए थे। कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव राजेश तिवारी लगातार अमेठी के गांवों में घूमकर प्रधान और ब्लॉक प्रमुखों के साथ बैठक कर राहुल के चुनाव लड़ने की रणनीति बना रहे हैं। लेकिन, हाईकोर्ट से उन्हें राहत नहीं मिलती है तो दो साल की सजा और उसके बाद 6 साल के लिए अयोग्यता के कारण 8 साल वह चुनाव नहीं लड़ पाएंगे।
अमेठी में कांग्रेस के प्रवक्ता अनिल सिंह ने कहा कि पिछली बार राहुल चुनाव हार गए थे, इसकी वजह उनके ही कुछ खास लोग थे, लेकिन इस बार वे लड़ेंगे तो जरूर जीतेंगे। रही बात राहुल के चुनाव लड़ने की तो 2024 का चुनाव वे अमेठी से ही लड़ेंगे। हम लोग तैयारियों में जुटे हैं। हमने तय किया है कि हम लोग जहां भी हैं, वहीं सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे। ‘रघुपति राघव राम’ गाकर फैसले का विरोध करेंगे।
वहीं, कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि राहुल गांधी की सदस्यता समाप्त होना सोची समझी साजिश है। राहुल गांधी ने 7 फरवरी को लोकसभा में अडाणी मुद्दे पर भाषण दिया था। भाषण के 9 दिन बाद 16 फरवरी को उनके खिलाफ मानहानि मामले में शिकायतकर्ता ने हाईकोर्ट से स्टे वापस लिया। 27 फरवरी को 1 साल बाद फिर से बहस शुरू हुई। 17 मार्च फैसला रिजर्व किया गया और 23 मार्च को सजा का ऐलान हुआ। क्या ये महज संयोग है?
उधर, कांग्रेस महासचिव एवं राहुल गांधी की बहन प्रियंका गांधी ने कहा कि हमारी रगों में शहीदों का खून है, जो इस देश के लिए बहा है। हम डट कर लड़ेंगे, हम डरने वाले नहीं हैं। राहुल गांधी ने अडानी-मोदी के संबंधों पर सवाल किया था। सरकार इसका जवाब देना नहीं चाहती। राहुल के खिलाफ एक्शन इसी सवाल का नतीजा है।
क्यों समाप्त हुई राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यताः दरअसल 2019 लोकसभा चुनाव से पहले कर्नाटक के कोलार में एक रैली के दौरान राहुल गांधी ने कहा था, ‘चोरों का सरनेम मोदी है। सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है, चाहे वह ललित मोदी हो या नीरव मोदी हो चाहे नरेंद्र मोदी।’
इसके बाद सूरत पश्चिम के बीजेपी विधायक पूर्णेश मोदी ने राहुल के खिलाफ मानहानि का केस किया था। उनका कहना था कि राहुल गांधी ने हमारे पूरे समाज को चोर कहा है और यह हमारे समाज की मानहानि है। इस केस की सुनवाई के दौरान राहुल गांधी तीन बार कोर्ट में पेश हुए थे। आखिरी बार अक्टूबर 2021 की पेशी के दौरान उन्होंने खुद को निर्दोष बताया था। उनके वकील के मुताबिक, ‘राहुल ने कहा कि बयान देते वक्त मेरी मंशा गलत नहीं थी। मैंने तो भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाई थी।’
इसी मामले में राहुल गांधी को सूरत कोर्ट ने गुरुवार को दोषी करार दिया। कोर्ट ने उन्हें 2 साल की सजा और 15 हजार का जुर्माना भी लगाया। इसके कुछ देर बाद उसी कोर्ट ने उन्हें 30 दिन के लिए जमानत भी दे दी। मानहानि के मामले में 2 साल की जेल अधिकतम सजा है। यानी इससे ज्यादा इस मामले में सजा नहीं दी जा सकती है।
राहुल गांधी के वकील बाबू मांगूकिया ने बताया कि मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एचएच वर्मा की कोर्ट ने राहुल गांधी को IPC की धारा 499 और 500 के तहत दोषी ठहराया था। साथ ही उन्हें जमानत दे दी और 30 दिनों के लिए सजा को निलंबित कर दिया, ताकि उन्हें हाईकोर्ट में अपील करने का मौका मिल सके।