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चैत्र नवरात्रिः कलश स्थापना के लिए सुबह छह बजे से शाम छह बजे तक तीन शुभ मुहूर्त, जानें, पूजा का आसान विधि - Prakhar Prahari
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चैत्र नवरात्रिः कलश स्थापना के लिए सुबह छह बजे से शाम छह बजे तक तीन शुभ मुहूर्त, जानें, पूजा का आसान विधि

दिल्ली डेस्कः शक्ति आराधना और पूजा पाठ का महापर्व चैत्र नवरात्रि आज से शुरू हो गए हैं। 22 मांर्च से शुरू हुई चैत्र नवरात्रि 30 मार्च तक रहेगी। इस बार की चैत्र नवरात्रि को बेहद ही खास माना जा रहा है, क्योंकि ये पूरे 09 दिन की होगी। 30 मार्च को श्रीराम नवमी मनाई जाएगी। आपको बता दें कि हिंदू धर्म में नवरात्रि को बेहद पवित्र माना गया है। इस दौरान मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की विधि-विधान से पूजा अर्चना की जाती है। इन नौ दिनों में माता रानी की पूजा-अर्चना करने से विशेष फलों की प्राप्ति होती है।

आज षड महायोग में नवरात्रि शुरू हो रही है। शंख, हंस, शुक्ल, बुधादित्य, गजकेसरी और कुलदीपक नाम के शुभ योग का बनना समृद्धि का संकेत है। सूर्योदय के वक्त सूर्य के साथ चंद्र, बुध और गुरु, ये चारों ग्रह एक ही राशि में मौजूद रहेंगे। इनमें से तीन ग्रहों का उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र में होना शुभ फलदायी रहेगी। षड महायोग और ग्रहों का ऐसा संयोग कई सालों में बनता है।

आज 6 बड़े शुभ योग में घटस्थापना होगी। जिसके लिए दिनभर में 3 मुहूर्त हैं। नवरात्र में हर दिन देवी के अलग-अलग रूपों की पूजा होगी। खरीदारी और नई शुरुआत के लिए भी हर दिन शुभ मुहूर्त रहेंगे। लगभग हर साल नवरात्रि के पहले दिन चित्रा नक्षत्र और वैधृति योग पड़ता है। जिसके चलते घट स्थापना के लिए कुछ ही घंटो का मुहूर्त निकल पाता है। इस बार ऐसा नहीं है, इसलिए सूर्यास्त से पहले तक किसी भी मुहूर्त में कलश स्थापना कर सकेंगे।

इस साल 22 मार्च से लेकर 30 मार्च तक नवरात्रि है और 31 मार्च को दशमी के दिन पारण होगा। शास्त्रों के अनुसार, पूरे नौ दिन की नवरात्रि शुभ मानी जाती है। इसके अलावा इस बार मां दुर्गा का आगमन नाव यानी नौका पर हो रहा है। यह भी एक प्रकार का शुभ संकेत है। वैसे तो मां दुर्गा सिंह की सवारी करती हैं, लेकिन नवरात्रि के पावन दिनों में धरती पर आते समय उनकी सवारी बदल जाती है। मां जगदंबे की सवारी नवरात्रि के प्रारंभ होने वाले दिन पर निर्भर करती है। नवरात्रि का प्रारंभ जिस दिन होता है, उस दिन के आधार पर उनकी सवारी तय होती है।

आपको बता दें कि इस बार चैत्र माह में नवरात्रि की शुरूआत बुधवार को हो रही है। ऐसे में देवी भागवत पुराण के अनुसार, मां दुर्गा का आगमन नौका पर होगा। नौका पर मां दुर्गा का आगमन बहुत ही शुभ होता है। नौका पर मां के आगमन से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। नवरात्रि में विधि-विधान से माता की पूजा करने से भक्तों को हर कार्य में सफलता मिलती है।

महासंयोगः इस बार नवरात्रि पर बनने वाले विशेष महासंयोग बेहद खास है। चैत्र मास की नवरात्रि इस बार बुधवार, 22 मार्च को शुरू हो रही है जो 30 मार्च तक रहेगी। जो संपूर्ण 9 दिवसीय नवरात्र है। इसमें तिथियों की घटबढ़ नहीं है। प्रतिपदा तिथि 21 मार्च रात में 10 बजकर 53 मिनट पर लग जाएगी। इसलिए 22 मार्च को सूर्योदय के साथ नवरात्रि की शुरुआत कलश स्थापना के साथ होगी। इस वर्ष मां का आगमन नौका पर है, जिसे सुख-समृद्धि कारक कहा जाता है। पूरे 9 दिनों के नवरात्रि में मां के 9 स्वरूपों की पूजा होगी। चैत्र नवरात्रि इस बार पूरे नौ दिनों की होगी। इस बार तीन सर्वार्थ सिद्धि, तीन रवि योग, दो अमृत सिद्धि योग और गुरु पुष्य का संयोग बन रहा है। सर्वार्थ सिद्धि योग 23, 27 और 30 मार्च को लगेगा। अमृत सिद्धि योग 27 व 30 मार्च को और रवि योग 24, 26 व 29 मार्च को लगेगा। नवरात्रि के अंतिम दिन श्री रामनवमी पर गुरु पुष्य योग का महासंयोग बन रहा है।

नवसंवत्सर का प्रारंभः आपको बता दें कि चैत्र प्रतिपदा से ही नवसंवत्सर का प्रारंभ होता है, माना जाता है कि इसी दिन भगवान ब्रह्मा ने पृथ्वी की रचना की थी इसलिए यह और भी महत्वपूर्ण हो जाता है। इस वर्ष के राजा बुध और मंत्री शुक्र ग्रह होंगे। जिसके चलते शिक्षा क्षेत्र में बहुत क्रांति के अवसर मिलेंगे और महिलाओं का भी विशेष उत्थान इस वर्ष दिखाई पड़ेगा।

9 दिनों में 11 शुभ योगः चैत्र नवरात्रि के 9 दिनों में पांच रवियोग, चार सर्वार्थसिद्धि, एक अमृतसिद्धि और एक द्विपुष्कर योग बनेंगे। इसकी वजह से नवरात्रि की शुभता और बढ़ जाएगी। इस बार पांच राजयोग में नवरात्रि की शुरुआत हो रही है। जिससे इन नौ दिनों में खरीदारी, लेन-देन, निवेश और नए कामों की शुरुआत करना शुभ रहेगा।

इन योगों का शुभ फल लंबे समय तक दिखेगा। इस कारण कई लोगों के लिए सफलता और आर्थिक मजबूती देने वाला समय रहेगा। इस नवरात्रि लोगों के कल्याण के लिए योजनाएं बनेंगी और उन पर काम भी होगा। कई लोगों के लिए बड़े बदलाव वाला समय रहेगा।

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