दिल्ली: परिवार एक और विचारधारा अलग-अलग…। एक कांग्रेस का सांसद, तो दूसरा बीजेपी का। जी हां हम बात कर रहे हैं कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और बीजेपी सांसद वरुण गांधी की। इन दोनों नेताओं का संबंध नेहरू परिवार से हैं, लेकिन विचारधारा भिन्न-भिन्न है। राहुल हाल ही में ब्रिटेन दौरे से लौटे हैं। ब्रिटेन दौरे के दौरान केरल के वायनाड से सांसद राहुल ने कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी तथा लंदन में कई अन्य कार्यक्रमों में हिस्सा लिया था और मोदी सरकार पर हमला बोला थ। अब बीजेपी राहुल के लंदन में दिए गए बयान को लेकर हमलावर है। बीजेपी राहुल गांधी से माफी मांगने की मांग कर रही है। उधर, राहुल गांधी ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की और कहा कि वह सत्तापक्ष के सारे सवालों के जवाब सदन में आकर देंगे। इस बीच भारतीय जनता पार्टी के सासंद वरुण गांधी को भी ब्रिटेन से न्योता आया है।
वरुण गांधी को ब्रिटेन की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में मोदी सरकार की परफॉर्मेंस पर बोलने के लिए बुलाया गया है, लेकिन वरुण गांधी ने ऑक्सफोर्ड के न्योते को ठुकरा दिया है। अपनी ही सरकार के खिलाफ खुलकर बोलने वाले वरुण ने कहा कि उन्हें देश की बातें विदेश में करने का शौक नहीं है।
वरूण ने क्यों ठुकराया न्योताः लंदन की प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी ऑक्सफोर्ड से यूपी के पीलीभीत से बीजेपी सांसद वरुण गांधी को भाषण देने के लिए बुलाया गया था। उन्हें The House Believes Modi Is On The Right Path विषय पर बोलना था, लेकिन वरुण गांधी ने इस न्योते को ठुकरा दिया है। ऑक्सफोर्ड के न्योते को ठुकराते हुए गांधी ने कहा कि उन्हें लगता है कि इस तरह के मुद्दों को देश के भीतर ही उठाना चाहिए और विदेश में इसपर बात नहीं होनी चाहिए। वरुण ने कहा कि उन्हें देश की बात विदेश में करने का शौक नहीं है। वरुण ने आगे कहा कि उन्हें लगता है कि देश के भीतर ही ऐसे मुद्दों पर बोलने के लिए आगे कई अवसर आएंगे। आपको बता दें कि वरुण को यह न्योता ऑक्सफोर्ड यूनियन के अध्यक्ष मैथ्यू डिक ने भेजा था। ऑक्सफोर्ड यूनियन से वरुण गांधी को ही चुनने पर भी सवाल पूछा गया। उन्होंने कहा कि उन्हें लगता है वरुण कई सालों से राजनीति में सक्रिय हैं। भारतीय जनता पार्टी के प्रमुख सदस्य होने के नाते उन्होंने शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र के लिए काफी काम किया है।
बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से मिले न्योते पर आभार जताते हुए कहा कि यह उनके लिए सम्मान की बात है। उन्होंने आगे कहा कि भारत जैसे महान लोकतंत्र में किसी सामान्य नागरिक के लिए ऐसे कार्यक्रमों में भाग लेना और बहस के स्तर को नई ऊंचाई देना एक छोटा सा प्रयास है। मैं इसके लिए यूनियन को धन्यवाद देता हूं। हालांकि जिस विषय के लिए मुझे बुलाया गया है उसका पहले से ही निष्कर्ष पता है। आपको बता दें कि यह कार्यक्रम आगामी अप्रैल-जून में होने वाला था। वरुण गांधी के न्योता ठुकराने पर ऑक्सफोर्ड यूनियन के अध्यक्ष डिक ने कहा कि वो इस मुद्दे पर कुछ भी नहीं कहना चाहते।
आपको बता दें कि वरुण गांधी भले भारतीय जनता पार्टी की ओर से उत्तर प्रदेश के पीलीभीत से सासंद हैं लेकिन वह अक्सर अपनी ही सरकार के खिलाफ मुखर रहते हैं। उन्हें कई मंचों से मोदी सरकार की और उनकी नीतियों पर खूब बोलते सुना गया है। यही नहीं वरुण योगी सरकार के खिलाफ भी बढ़-चढ़ कर बोलते हुए दिखाई देते हैं। वरुण के इस बगावती तेवर पर हालांकि भारतीय जनता पार्टी ने अब तक कोई एक्शन या जवाब नहीं दिया है। वरुण गांधी के इस तेवर को देखते हुए उनके कांग्रेस पार्टी तो कहीं समाजवादी पार्टी में जाने के भी कयास लगाए जाते हैं। लेकिन उन्होंने अब तक इसपर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।