दिल्ली डेस्कः पाकिस्तान में सियासी ड्रामा चरम पर है। पुलिस पिछले 17 घंटे से पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को गिरफ्तार करने की कोशिश कर रही है, लेकिन अभी तक उसे कामयाबी नहीं मिली है। पुलिस बुधवार को भी लाहौर के जमान पार्क में मौजूद है, यहां इमरान का घर है। आपको बता दें कि तोशाखाना केस में उन्हें गिरफ्तार करने के लिए पुलिस मंगलवार शाम से यहां मौजूद है।
उधर, इमरान की पार्टी पाकिस्तान-तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के कार्यकर्ता हिंसक प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने पुलिस पर पत्थर और पेट्रोल बम भी फेंके। पुलिस ने आंसू गैस और वॉटर कैनन का इस्तेमाल किया। हालात को संभालने के लिए जमान पार्क में एडिशनल फोर्स बुलाई गई है। मदद के लिए हेलिकॉप्टर और ड्रोन भी तैनात किए गए हैं।
वहीं पूर्व पीएम इमरान ने बुधवार तड़के एक वीडियो मैसेज जारी कर कहा कि मेरी गिरफ्तारी लंदन प्लान का हिस्सा है। उनका मकसद मुझे जेल में डालना और PTI को गिराना है। इमरान ने सुबह 4 बजे के करीब समर्थकों के नाम सोशल मीडिया पर अपील जारी की। उन्होंने कहा- मेरी गिरफ्तारी लंदन प्लान का हिस्सा है। उनका मकसद मुझे जेल में डालना और PTI को गिराना है। उन्हें नवाज शरीफ के सारे केस खत्म करने हैं। उन्हें भरोसा दिलाया गया है कि उनके खिलाफ मामले खत्म किए जाएंगे। मुझे जेल में डालने का कानून से कोई ताल्लुक नहीं है। मैंने कोई जुर्म नहीं किया है। मैं सारी कौम को बता रहा हूं कि वे फिर से आएंगे और हमारे लोगों पर टियर गैस और वॉटर कैनन से हमला करेंगे।
उन्होंने कहा, “इस्लामाबाद में मुझ पर 2 बार हमले हुए थे। कोर्ट को पता है कि मैं अपनी सेफ्टी के चलते पेश नहीं हो रहा हूं। आज मैंने एक अंडरटेकिंग दी है। DIG को श्योरिटी बॉन्ड भी देने की कोशिश की। कानून के मुताबिक अगर अरेस्टिंग ऑफिसर को श्योरिटी बॉन्ड दे दिया जाता है तो फिर गिरफ्तारी नहीं की जा सकती, लेकिन वे मुझे किसी भी हाल में गिरफ्तार करना चाहते हैं इसलिए उन्होंने बॉन्ड नहीं लिया।“
आपको बता दें कि इमरान को सरकारी खजाने (तोशाखाना) के बेशकीमती गिफ्ट्स कौड़ियों के दाम खरीदकर उन्हें अरबों रुपए में बेचने का आरोप है। इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने उन्हें 29 मार्च तक गिरफ्तार करने का ऑर्डर जारी किया था। इमरान के 18 मार्च तक प्रोटेक्टिव बेल ले रखी है, लेकिन पुलिस अभी ही उन्हें अरेस्ट करने की कोशिश कर रही है।
तीन दिन से जारी है गिरफ्तारी की कोशिशः
सोमवारः ‘जियो न्यूज’ के मुताबिक, सोमवार को जब पुलिस खान को गिरफ्तार करने पहुंची तो PTI ने इलेक्शन कैम्पेन शुरू करने का ऐलान कर दिया। चंद मिनट बाद एक रैली भी प्लान कर ली गई। इमरान काले रंग की बुलेट प्रूफ गाड़ी में घर से निकले और इसी मैं बैठकर रैली को संबोधित किया।
मंगलवार: पुलिस और रेंजर्स कमांडो की एक टीम खान की हर हरकत पर नजर रख रही थी। हालात बिगड़े तो पुलिस ने जमान पार्क के इलाके में इंटरनेट बंद करा दिया। दो हेलिकॉप्टर आसमान से निगरानी करते रहे।
बुधवार: एडिशनल फोर्स जमान पार्क में बुला ली गई है। हेलिकॉप्टर के साथ-साथ ड्रोन भी निगरानी कर रहे हैं।
आपको बता दें कि खैबर पख्तूनख्वा (KP) प्रांत में 10 साल इमरान खान की पार्टी की सरकार रही है। अब यहां केयरटेकर सरकार है। इसके बावजूद इमरान की सुरक्षा में KP राज्य की पुलिस तैनात है। वह इस्लामाबाद पुलिस को रोक रही थी और इस वजह से गिरफ्तारी में देरी हुई। यानी पुलिस vs पुलिस का पेंच फंस गया है।
उधर पाकिस्तान के मौजूदा प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने जियो न्यूज के प्रोग्राम कैपिटल टॉक को दिए इंटरव्यू में कहा- हमने खान पर कोई केस दर्ज नहीं किया। अब अगर अदालत के आदेश का पालन भी नहीं करेंगे तो क्या होगा। इमरान कहते हैं कि वो 72 साल के बुजुर्ग हैं तो शांति से गिरफ्तारी क्यों नहीं देते।
इमरान के खिलाफ दर्ज है 80 केसः पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री खान के खिलाफ अब तक कुल 80 केस दर्ज हो चुके हैं। खान पर तोशाखाना में जमा गिफ्ट्स को सस्ते में खरीदने और ज्यादा दामों में बेचने का आरोप है। इसे लेकर पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने उन्हें 5 साल के लिए अयोग्य घोषित किया है। उनकी संसद सदस्यता भी रद्द कर दी गई है।
इस फैसले के खिलाफ इमरान समर्थकों ने चुनाव आयोग (EC) के ऑफिस के बाहर हिंसक प्रदर्शन किया था, जिसमें कुछ लोग घायल भी हुए थे। इस घटना के बाद खान के खिलाफ एंटी टेररिज्म एक्ट के तहत वारंट जारी हुआ था।
पिछले साल 20 अगस्त को इस्लामाबाद में एक रैली के दौरान इमरान ने महिला जज और पुलिस अधिकारियों को खुलेआम धमकी दी थी। इसी बीच इमरान की पार्टी PTI की लीगल टीम ने इस्लामाबाद हाईकोर्ट में खान की गिरफ्तारी से पहले जमानत याचिका दायर कर दी थी। ये सोमवार को खारिज हो गई।
पूर्व पीएम इमरान पर आरोप है कि उन्होंने इलेक्शन एफिडेविट में सिर्फ दो बेटे होने की जानकारी दी थी, लेकिन इलेक्शन कमीशन को अमेरिका में एक बेटी होने की बात नहीं बताई। इस मामले में एक पिटीशन इस्लामाबाद हाईकोर्ट में दायर की गई थी।
पिछले महीने दायर की गई एक पिटीशन में मांग की गई थी कि झूठा हलफनामा देने के मामले में इमरान को चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य करार दिया जाए। हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार, इमरान और इलेक्शन कमीशन को नोटिस भेजकर इस पर जवाब मांगा था। हाईकोर्ट ने कहा- इमरान के खिलाफ आरोप बेहद गंभीर हैं। हम इस पर सुनवाई जारी रखेंगे।
मामला कितना गंभीर है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इसकी सुनवाई इस्लामाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस आमिर फारुख ने खुद अपने हाथ में रखी है। पिटीशन सोशल एक्टिविस्ट साजिद महमूद ने दायर की है।
पिटीशन के मुताबिक पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के चीफ इमरान ने एफिडेविट में कहा था कि उनके दो बेटे हैं। इनके नाम कासिम और सुलेमान खान हैं। दोनों ब्रिटेन में खान की तलाकशुदा पत्नी जेमिमा के साथ रहते हैं। इमरान ने अमेरिका में रहने वाली 28 साल की टैरिन व्हाइट का नाम क्यों नहीं दिया। अमेरिकी और ब्रिटिश अदालतों में साबित हो चुका है कि टैरिन की मां सीटा व्हाइट और इमरान का अफेयर था। इसी से टैरिन का जन्म हुआ।
पिटीशन में कहा गया है कि इमरान ही टैरिन के पिता हैं और इसके तमाम सबूत मौजूद हैं। इसका मतलब यह है कि खान ने संविधान के अनुच्छेद 62 का उल्लंघन किया और झूठा हलफनामा दिया। लिहाजा, उन्हें फ्यूचर में कोई भी इलेक्शन लड़ने से रोका जाए। इस्लाम के मुताबिक, किसी भी उम्मीदवार का सादिक और अमीन (सच्चा और ईमानदार) होना जरूरी है।
टैरिन 28 साल की हो चुकी हैं और अमेरिका में रहती हैं। उनकी मां का नाम सीटा व्हाइट है। खान टैरिन के लिए लगातार पैसा भी भेजते हैं और इसके सबूत मौजूद हैं।
उधर, अमेरिका के कैलिफोर्निया हाईकोर्ट के जस्टिस एंथोनी जोन्स ने 13 अगस्त 1997 को इमरान को टैरिन का पिता घोषित किया था। जस्टिस जोन्स ने फैसले में कहा था- तमाम मेडिकल रिपोर्ट्स और जांच से यह साफ है कि इमरान ही टैरिन व्हाइट के पिता हैं। टैरिन की मां सीटा व्हाइट और खान 1987-88 तक रिलेशन में थे। इमरान ने जांच में मदद करने से इनकार कर दिया था। उन्होंने जांच के लिए ब्लड सैंपल भी नहीं दिया था। टैरिन इन दिनों वेबर्ली हिल्स में रहती हैं।
टैरिन का जन्म 15 जून 1992 को हुआ था। सीटा के वकील ने अमेरिकी हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान कहा था- खान ने टैरिन से कभी बातचीत नहीं की। हालांकि वो टैरिन की मां सीटा के संपर्क में रहे। 2004 में सीटा व्हाइट की हार्टअटैक से मौत हो गई थी। इसके पहले सीटा ने अमेरिकी कोर्ट में इमरान के खिलाफ केस भी दर्ज कराया था।
सुनवाई के दौरान इमरान के वकील ने कहा कि 1992 से पहले मेरा मुवक्किल एक्टिव क्रिकेटर था। वो कई देशों में घूमे। नाइट क्लब्स और पब्स में जाते थे। क्रिकेट से रिटायर होने के बाद वो कट्टर मजहबी हो गए।
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