दिल्लीः आज 14 मार्च है और आज का दिन भारतीय सिनेमा के लिए बेहद खास है। आज ही के दिन ठीक 92 साल पहले भारतीय सिनेमा की पहली सवाक यानी बोलती फिल्म रिलीज हुई थी। इस फिल्म का पहला शो मुंबई के मैजेस्टिक सिनेमा में 14 मार्च 1931 को दिखाया गया।
येह फिल्म एक राजकुमार और एक बंजारन लड़की की प्रेम कथा थी। जो जोसफ डेविड के लिखे एक पारसी नाटक पर आधारित थी। अर्देशिर ईरानी के डायरेक्शन में बनी इस फिल्म में मास्टर विट्ठल, जुबैदा, जिल्लो, सुशीला और पृथ्वीराज कपूर ने किरदार अदा किए थे।
इस फिल्म में 07 गाने थे और इसी फिल्म का ‘दे दे खुदा के नाम पे’ भारतीय सिनेमा का पहला सॉन्ग माना जाता है, जिसे वजीर मोहम्मद खान ने गाया था। फिल्म के बाकी गाने ‘बदला दिलवाएगा या रब…, ‘रूठा है आसमान…’, ‘तेरी कातिल निगाहों ने मारा…’, ‘दे दिल को आराम…’, ‘भर भर के जाम पिला जा…’, और ‘दरस बिना मारे है…’ थे।
124 मिनट की इस फिल्म को इम्पीरियल मूवीटोन नाम की प्रोडक्शन कंपनी ने प्रोड्यूस किया था। दुर्भाग्य से अब इस फिल्म का एक भी प्रिंट नहीं बचा है। अगर अब आप इस फिल्म को देखना चाहें तो नहीं देख सकते हैं।
अब इस फिल्म से जुड़ी कुछ रोचक बातें। 14 मार्च को जब ये फिल्म रिलीज हुई तो पहले ही दिन इसके टिकट लोगों ने ब्लैक में 50-50 रुपए में खरीदे थे। जो उस जमाने में काफी बड़ी रकम हुआ करती थी। शो 3 बजे शुरू होना था, पर लोग सवेरे 9 बजे ही मैजेस्टिक सिनेमा के बाहर जमा हो गए थे। भीड़ को बेकाबू होता देख उस पर नियंत्रण करने के लिए पुलिस बुलानी पड़ी थी। पुलिस ने दर्शकों को कंट्रोल करने के लिए लाठियां भी चलाई थीं।
यह वह दौर था जब महिलाओं का फिल्मों में काम करना अच्छा नहीं माना जाता था। इसलिए एक्ट्रेस जुबैदा को शुरू में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। जुबैदा की दो बहनें सुल्ताना और शहजादी भी एक्ट्रेस थीं। जुबैदा गुजरात के नवाब सिद्दी इब्राहीम की बेटी थीं। जुबैदा ने देवदास (1937) और मेरी जान जैसी पॉपुलर फिल्मों में काम किया। आइए एक नजर डालते हैं देश और दुनिया में 14 मार्च को घटित हुईं महत्वपूर्ण घटनाओं पर…
1647: बावारिया, कॉलोन, फ्रांस और स्वीडन ने 30 साल चले युद्ध के बाद संघर्ष विराम संधि पर हस्ताक्षर किये।
1653: नीदरलैंड के कमांडर जोहान वान गैलेन ने एंग्लो-डच युद्ध में ब्रिटिश बेड़े को हराया।
1794: एली ह्विटनी ने कॉटन गिन मशीन का पेटेंट कराया जो अमेरिकी कपास उद्योग के लिए बडी क्रांतिकारी साबित हुई।
1879: सापेक्षता का सिद्धांत और द्रव्यमान एवं ऊर्जा का संबंध (E= mc2) बताने वाले महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन का जन्म हुआ।
1883: जर्मन दार्शनिक, अर्थशास्त्री, इतिहासकार, राजनीतिक सिद्धांतकार, समाजशास्त्री कार्ल मार्क्स का निधन।
1905: फ्रांसीसी समाजशास्त्री, दार्शनिक और पत्रकार रेमंड आरों का जन्म।
1912: इटली के राजा विट्टोरियो इमैनुअल तृतीय जानलेवा हमले में घायल हुए।
1913: मलयाली लेखक शंकरन कुट्टी पोट्टेक्कट का जन्म।
1914: सर्बिया और तुर्की ने शांति समझौते पर हस्ताक्षर किये।
1926: लातिन अमेरिकी देश कोस्टारिका में रेल हादसे में 248 लोगों की मौत ,93 घायल।
1931: भारत की पहली बोलती फिल्म आलमआरा का बॉम्बे (अब मुम्बई) में प्रदर्शन हुआ।
1939: स्लोवाकिया ने आजादी की घोषणा की।
1955: राजकुमार महेंद्र नेपाल के राजा बने।
1963: स्वतंत्रता सेनानी, राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता जयनारायण व्यास का निधन।
1965: फिल्म अभिनेता आमिर खान का जन्म हुआ। आमिर पहली बार 1973 में यादों की बारात फिल्म में बाल कलाकार के रूप में नजर आए थे। ग्यारह साल बाद 1984 में आई होली उनकी पहली फिल्म थी। उन्हें कयामत से कयामत तक से इंडस्ट्री में पहचान मिली।
1965: इजरायली मंत्रिमंडल ने पश्चिमी जर्मनी के साथ राजनयिक संबंध बहाल करने पर सहमति दी।
1976: अमेरिका ने नेवादा में परमाणु परीक्षण किया।
1987: फिजी में रक्तहीन सैनिक क्रान्ति के बाद सरकार का तख्तापलट हुआ।
1988: गणित प्रेमियों के लिए खास दिन ‘पाई डे’ पहली बार मनाया गया।
1993: आस्ट्रेलियाई बल्लेबाज रिकी पोंटिंग ने 18 वर्ष की उम्र में तस्मानिया के लिये खेलते हुये दो शतक बनाये।
1998: सोनिया गांधी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की अध्यक्ष बनीं। 16 दिसंबर 2017 तक लगातार 19 साल इस पद पर रहीं।
1999: स्पेन का कार्लोस मोया विश्व का नंबर एक टेनिस खिलाड़ी बना।
2004: चीन में निजी सम्पत्ति को क़ानूनी मान्यता प्रदान करने के लिए संविधान में संशोधन।
2004: व्लादिमीर पुतिन लगातार दूसरी बार रूस के राष्ट्रपति बने। 1999 में उन्होंने तत्कालीन राष्ट्रपित बोरिस येल्तसिन की जगह ली थी।
2013: इराक की राजधानी बगदाद में सिलसिलेवार कार बम धमाकों में 25 लोगों की मौत और 50 अन्य घायल हो गये।
2013: शी जिनपिंग चीन के राष्ट्रपति बने। जिनपिंग इससे पहले पांच साल चीन के उप-राष्ट्रपति भी रहे थे।
2018: ब्रिटिश भौतिकशास्त्री एवं ब्रह्माण्ड-वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग का 76 वर्ष की आयु में निधन1
2018: ब्लैक होल पर काम करने वाले वैज्ञानिक और अ ब्रीफ हिस्ट्री ऑफ टाइम: फ्रॉम दि बिग बैंग टू ब्लैक होल किताब लिखने वाले स्टीफेन हॉकिन्स का निधन। हॉकिन्स कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में सैद्धांतिक भौतिक विज्ञान और गणित के प्रोफेसर थे। शारीरिक विकलांगता के बावजूद उन्होंने ब्रह्मांड विज्ञान के क्षेत्र में कई अहम सिद्धांत दिए।
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