Subscribe for notification
अंतरराष्ट्रीय

दुनिया का कौन सा देश खरीद रहा है सबसे ज्यादा हथियार, रूस-यूक्रेन युद्ध का क्या असर

दिल्ली : रूस और यूक्रेन के बीच एक साल से अधिक समय से जंग चल रही है। इस बीच भारत हथियार आयात के मामले में दुनिया शीर्ष स्थान पर बरकरार है। हालांकि साल 2013-17 और 2018-22 के बीच इसके आयात में 11 प्रतिशत की कमी आई है। स्टॉकहोम स्थित थिंक टैंक ‘सिपरी’ द्वारा सोमवार को जारी एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई। ‘सिपरी’ रिपोर्ट में कहा गया, भारत के हथियार आयात में गिरावट का संबंध जटिल खरीद प्रक्रिया, आर्म्स सप्लायर्स में विविधता लाना और आयात के स्थान पर घरेलू डिजाइन को तरजीह देने से है। ‘स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट’ (सिपरी) ने कहा कि वर्ष 2018-22 के दौरान दुनिया के पांच सबसे बड़े हथियार आयातक भारत, सऊदी अरब, कतर, ऑस्ट्रेलिया और चीन थे।

स्वीडिश थिंक टैंक के मुताबिक यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के कारण अमेरिका और यूरोप से कीव को सैन्य सहायता लगातार मिल रही है। इससे यूक्रेन 2022 में हथियारों का दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा आयातक बन गया है। स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) ने बताया कि 1991 से, जब यूक्रेन सोवियत संघ के पतन के बीच स्वतंत्र हुआ, 2021 के अंत तक, यूक्रेन ने कुछ प्रमुख हथियारों का आयात किया। हालांकि, पिछले साल 24 फरवरी को मास्को के आक्रमण ने इसे स्पष्ट रूप से बदल दिया। SIPRI ने वैश्विक हथियारों के हस्तांतरण पर अपनी रिपोर्ट में कहा कि केवल कतर – जिसने पिछले एक दशक में नाटकीय रूप से अपनी हथियारों की खरीद में वृद्धि की है और भारत ने वर्ष में अधिक हथियारों का आयात किया है।

सिपरी की रिपोर्ट के मुताबिक, पांच सबसे बड़े हथियार निर्यातकों में अमेरिका, रूस, फ्रांस, चीन और जर्मनी शामिल हैं। SIPRI ने कहा कि हथियारों के निर्यात में लंबे समय से संयुक्त राज्य अमेरिका और रूस का दबदबा रहा है। दोनों देश पिछले तीन दशकों से सबसे बड़े और दूसरे सबसे बड़े हथियार निर्यातक हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2018-22 के दौरान दुनिया के आठवें सबसे बड़े हथियार आयातक पाकिस्तान की तरफ से आयात में 14 प्रतिशत की वृद्धि हुई। इसमें चीन इसका मुख्य सप्लायर रहा है।

हालांकि, दोनों देशों अमेरिका और रूस के बीच की खाई काफी चौड़ी हो रही है। वहीं, रूस और तीसरे सबसे बड़े हथियार आपूर्तिकर्ता, फ्रांस के बीच की खाई कम हो गई है। थिंक टैंक ने कहा कि यह संभावना थी कि यूक्रेन पर आक्रमण रूस के हथियारों के निर्यात को और सीमित कर देगा क्योंकि मास्को को अपने स्वयं के सशस्त्र बलों की आपूर्ति को प्राथमिकता देने की आवश्यकता है। साथ ही व्यापार प्रतिबंधों के कारण अन्य देशों से कम मांग है। SIPRI के आंकड़ों से पता चला है कि 2013-17 और 2018-22 की अवधि के बीच अमेरिकी हथियारों के निर्यात में 14% की वृद्धि हुई है। वाशिंगटन ने 2018-22 में वैश्विक हथियारों के निर्यात का 40% हिस्सा लिया।

admin

Recent Posts

बढ़ायी जा सकती है दिल्ली विधानसभा सत्र की अवधिः बिष्ट

संवाददाताः संतोष कुमार दुबे दिल्लीः बीजेपी के वरिष्ठ नेता एवं मुस्तफाबाद से विधायक मोहन सिंह बिष्ट ने कहा है कि…

10 hours ago

शत प्रतिशत पूरे किये जाएंगे बीजेपी के चुनावी वादेः रेखा गुप्ता

संवाददाताः संतोष कुमार दुबे दिल्लीः दिल्ली की सीएम  रेखा गुप्ता ने रविवार को कहा कि बीजेपी ने विधानसभा चुनाव के…

10 hours ago

champions trophy 2025: आज सुपर संडे को भिड़ेंगी भारत और पाकिस्तान की टीमें, 2017 के फाइनल का बदला लेने के इरादे से उतरेगी टीम इंडिया

स्पोर्ट्स डेस्कः दुबईः क्रिकेट में आज सुपर संडे है। आज चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के ग्रुप स्टेज में सबसे बड़ा मुकाबला…

23 hours ago

क्या नौकरियां खत्म कर देगा AI, पढ़िये रिलेवेंट बने रहने के लिए क्या करें

दिल्ली: AI यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक लगातार तेजी से विकसित हो रही है और हर क्षेत्र में अपनी पकड़ बना…

24 hours ago

मध्य प्रदेश, बिहार और असम के तीन दिवसीय दौरे पर पीएम मोदी, आज बागेश्वर धाम चिकित्सालय की रखेंगे आधारशिला

दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार से यानी 23 से 25 फरवरी तक मध्यप्रदेश, बिहार और असम के तीन दिवसीय दौरे…

24 hours ago

मौसम ने बदला मिजाज, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल, उत्तराखंड में बर्फबारी, 13 राज्यों में ओलावृष्टि के अलर्ट

दिल्लीः पश्चिमोत्तर भारत के पहाड़ी राज्यों में एक बार फिर मौसम बदला है। केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और…

2 days ago