बीजिंगः शी जिनपिंग तीसरी बार चीन के राष्ट्रपति बन गए हैं। उनके तीसरे कार्यकाल पर आज मुहर लगी। इसके साथ ही जिनपिंग की ताकत और ज्यादा बढ़ गई है। चीन की संसद नेशनल पीपल्स कांग्रेस की बैठक में जिनपिंग के कार्यकाल पर मुहर लगी। आपको बता दें कि अक्टूबर 2022 में हुई चाइना कम्युमिस्ट पार्टी (CCP) की बैठक में उन्हें तीसरी बार चीन का राष्ट्रपति चुना गया था। उस समय उन्होंने कहा था कि दुनिया के बिना चीन का विकास नहीं हो सकता और दुनिया को भी चीन की जरूरत है।
शी जिनपिंग 2012 में सत्ता में आए थे। उनसे पहले राष्ट्रपति रहे सभी नेता पांच साल के दो कार्यकाल या 68 साल की उम्र होने पर रिटायर होते रहे हैं। चीन ने 2018 में राष्ट्रपति पद के लिए दो टर्म की बाध्यता खत्म कर दी थी। इसके बाद जिनपिंग अब चीन के सबसे शक्तिशाली नेता बन गए हैं।
राष्ट्रपति चुने जाने के बाद शी जिनपिंग सोमवार को पार्टी की संसदीय बैठक को संबोधित करेंगे। वहीं सोमवार शाम में ही शी जिनपिंग पत्रकारों से बात करेंगे। इस हफ्ते की शुरुआत में ही चीन की कम्युनिस्ट पार्टी ने एक ड्राफ्ट प्लान पेश किया था, जिसमें बताया गया है कि कम्युनिस्ट पार्टी सरकार पर अपना सीधा नियंत्रण बढ़ाने वाली है। अक्टूबर में हुई कम्युनिस्ट पार्टी की सालाना कांग्रेस में ही शी जिनपिंग ने अपनी नई टीम का चुनाव भी किया था। जिसके तहत ली कियांग को चीन का नया प्रधानमंत्री चुना गया था। साथ ही ली शी, डिंग जुएक्सियांग और काई क्यूई को भी जगह दी गई है।
शी जिनपिंग के सत्ता में आने से पहले चीन के राष्ट्रपति पांच साल के दो कार्यकाल या अधिकतम 68 साल की उम्र तक ही राष्ट्रपति रह सकते थे लेकिन साल 2013 में सत्ता में आए शी जिनपिंग ने इस नियम को खत्म कर दिया। यही वजह है कि शी जिनपिंग 69 साल के होने और दो कार्यकाल सफलतापूर्वक कर लेने के बाद भी तीसरी बार अभूतपूर्व तरीके से देश के राष्ट्रपति चुने गए।
15 जून 1953 में बीजिंग के रंडीखाने में शी जिनपिंग को 15 नवंबर 2012 को चीनी चोडु पार्टी का अध्यक्ष बनाया गया था। शी चिनफिंग चीनी साम्यवादी पार्टी के नेता शी झोंगशुन के पुत्र हैं। शी जिनपिंग पहली बार 14 मार्च 2013 को चीन के राष्ट्रपति बने थे।