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देशभर में धूमधाम से मनाई गई होली, प्रधानमंत्री एंथनी अल्‍बानीस ने भी सेलिब्रेट किया रंगोत्सव - Prakhar Prahari
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देशभर में धूमधाम से मनाई गई होली, प्रधानमंत्री एंथनी अल्‍बानीस ने भी सेलिब्रेट किया रंगोत्सव

दिल्ली डेस्कः देशभर में गुरुवार को होली धूमधाम से मनाई गई। गलियों, मोहल्लों, मंदिरों और घाटों पर लोगों ने जमकर रंग-गुलाल उड़ाया। देश के विभिन्न हिस्सों से होली के जश्न की शानदार तस्वीरें और वीडियो सामने आए। इसी कड़ी में ऑस्‍ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्‍बानीस ने अहमदाबाद में होली का जश्न मनाया। उन्होंने ट्वीट किया, “होली का त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप कहां से आए हैं या आपका विश्वास क्या है, यह त्योहार हमें एकजुट करता है।“

उधर, सीआरपीएफ (CRPF) यानी केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के जवानों ने कश्मीर के पुलवामा में और बीएसएफ (BSF) यानी सीमा सुरक्षा बल के  जवानों ने पंजाब के अमृतसर में एक दूसरे को रंग-गुलाल लगाकर होली का त्योहार मनाया। इस अवसर पर जवानों ने डांस भी किया। प्रधानमंत्री मोदी ने देश के लोगों को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने ट्वीट किया, ‘होली की बहुत-बहुत शुभकामनाएं। आप सभी के जीवन में हमेशा आनंद और उमंग का रंग बरसे।’

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने घर पर होली समारोह का आयोजन किया, जिसमें अमेरिकी वाणिज्य मंत्री जीना रैमंडो भी शामिल हुईं। उन्होंने इस मौके पर जमकर डांस किया। इस अवसर पर विदेश मंत्री डॉ.एस जयशंकर भी मौजूद रहे।

होली से जुड़ी मान्यताएं…

  • बसंत ऋतु के आने पर मौसम सुहाना हो जाता है। इस वक्त न तो ज्यादा गर्मी होती है और न ही ज्यादा ठंड। ज्यादातर सभ्यताओं में आग और पानी से जुड़े पर्व वसंत के स्वागत में हैं। होली भी वसंत का रूप है। पुराने समय में रंग उड़ाकर इस ऋतु के आने पर उत्सव मनाते थे। इसलिए इसे वसंतोत्सव भी कहते हैं।
  • फाल्गुन महीने की पूर्णिमा को कश्यप ऋषि के द्वारा अनुसूया के गर्भ से चंद्रमा का जन्म हुआ था। इसलिए इस तिथि पर चंद्रमा की विशेष पूजा और अर्घ्य देने का विधान बताया गया है। फाल्गुन महीने की पूर्णिमा पर चंद्रमा की पूजा करने से रोग नाश होता है। इस त्योहार पर पानी में दूध मिलाकर चंद्रमा को अर्घ्य देना चाहिए।
  • समुद्र मंथन के दौरान फाल्गुन पूर्णिमा पर महालक्ष्मी अवतरित हुई थीं। यही कारण है कि लक्ष्मी जयंती फाल्गुन पूर्णिमा को मनाई जाती है। लक्ष्मी जयंती के दिन को काफी शुभ माना जाता है, इस दिन किसी भी काम की शुरुआत कर सकते हैं। इस दिन मां लक्ष्मी के साथ भगवान विष्णु की पूजा भी की जाती है।
  • पुराने समय में फाल्गुन महीने की पूर्णिमा पर फसलें पक जाती थीं। तब उत्सव मनाते थे। ये परंपरा आज भी है। होली के वक्त खासतौर पर गेहूं की फसल पक जाती है।
  • इस फसल के पकने की खुशी में होली मनाने की परंपरा है। इसलिए किसान जलती हुई होली में नई फसल का कुछ हिस्सा चढ़ाते हैं और खुशियां मनाते हैं। होली की आग में इसलिए डालते हैं क्योंकि आग के जरीये ही वो भगवान तक पहुंचती है। इसे यज्ञ की तरह माना गया है।
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