दिल्लीः लोकतंत्र हमारे खून में है और भारतीय न्यायपालिका को कभी भी विपक्ष बनने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता। यह कहना है केंद्रीय विधि मंत्री किरेन रिजिजू का। ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में सेंट्रल गवर्नमेंट लॉ ऑफिसर्स कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए रिजिजू ने कहा कि भारत विरोधी विदेशी ताकतें टुकड़े-टुकड़े गैंग की मदद से भारत पर हमला करती हैं।
उन्होंने कहा कि भारतीय न्यायपालिका स्वतंत्र है और न्यायपालिका को कभी भी विपक्ष की भूमिका निभाने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता। कोई भी भारतीय लोकतंत्र पर सवाल नहीं उठा सकता क्योंकि लोकतंत्र हमारे खून में है। रिजिजू ने कहा कि आजादी के नाम पर किसी को कुछ भी करने की छूट नहीं दी जा सकती, अगर ऐसा हुआ तो कानून व्यवस्था का क्या होगा!
विधि मंत्री ने कहा कि टुकड़े-टुकड़े गैंग के सदस्यों को यह समझ लेना चाहिए कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत पूरी तरह से कायाकल्प होने की यात्रा पर निकल चुका है। इन गैंगों को भारत विरोधी विदेशी ताकतों से मदद मिलती है। ये ताकतें भारतीय लोकतंत्र, भारत सरकार, न्यायपालिका और अन्य अहम संस्थाओं जैसे सेना, चुनाव आयोग और जांच एजेंसियों पर हमला करती रहती हैं।
इस कार्यक्रम के दौरान रिजिजू ने कहा कि देश के भीतर और बाहर से यह दिखाने की कोशिश की जा रही है कि भारतीय न्यायपालिका संकट में है। उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सोशल मीडिया पर जजों को भला-बुरा कहा जाता है अगर सरकार को लेकर ऐसी बातें होती हैं तो इनका स्वागत है लेकिन न्यायपालिका की इस तरह आलोचना सही संकेत नहीं है।