भोपाल: पिछले लगभग तीन साल में रोजगार कार्यालयों में 37.8 लाख शिक्षित व्यक्तियों ने रजिस्ट्रेशन कराया। इनमें से केवल 21 लोगों को सरकारी और अर्ध सरकारी संस्थाओं में नौकरी मिली, जबकि 2.51 लाख लोगों को निजी क्षेत्र में नौकरी के प्रस्ताव मिले हैं। इन आंकड़ों से मध्य प्रदेश में बेरोजगारी की स्थिति का आप अंदाजा लगा सकते हैं। एमपी विधानसभा में कांग्रेस के विधायक मेवाराम जाटव के एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया गया कि प्रदेश सरकार ने वित्त वर्ष 2021-22 में अपने रोजगार कार्यालयों पर 1,674 करोड़ रुपये खर्च किए हैं।
मध्य प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र में खेल एवं युवा मामलों की मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया ने जाटव के प्रश्न के उत्तर में बताया कि अप्रैल 2020 से जनवरी-फरवरी 2023 के बीच 37,80,679 शिक्षित और 1,12,470 अशिक्षित व्यक्ति एमपी के रोजगार पोर्टल पर रजिस्टर्ड थे। उन्होंने कहा कि इस अवधि के दौरान सरकारी और अर्धसरकारी कार्यालयों में 21 लोगों को नौकरी दी गई। इसके अलावा 2,51,577 लोगों को रोजगार मेलों में निजी संगठनों से प्रस्ताव पत्र मिले। उन्होंने बताया कि वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान रोजगार कार्यालयों पर 1,674.73 करोड़ रुपये खर्च किए गए।
आपको बता दें कि एमपी में ये हालत तब है, जबकि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पिछले कुछ महीनों में ही कई बार ये घोषणा कर चुके हैं कि एक साल में एक लाख सरकारी भर्तियां की जाएंगी। बुधवार को विधानसभा में पेश 2023-24 के बजट में भी वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने कहा है कि इस साल एक लाख युवाओं को नौकरी दी जाएगी।
संवाददाताः संतोष कुमार दुबे दिल्लीः बीजेपी के वरिष्ठ नेता एवं मुस्तफाबाद से विधायक मोहन सिंह बिष्ट ने कहा है कि…
संवाददाताः संतोष कुमार दुबे दिल्लीः दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता ने रविवार को कहा कि बीजेपी ने विधानसभा चुनाव के…
स्पोर्ट्स डेस्कः दुबईः क्रिकेट में आज सुपर संडे है। आज चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के ग्रुप स्टेज में सबसे बड़ा मुकाबला…
दिल्ली: AI यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक लगातार तेजी से विकसित हो रही है और हर क्षेत्र में अपनी पकड़ बना…
दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार से यानी 23 से 25 फरवरी तक मध्यप्रदेश, बिहार और असम के तीन दिवसीय दौरे…
दिल्लीः पश्चिमोत्तर भारत के पहाड़ी राज्यों में एक बार फिर मौसम बदला है। केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और…