दिल्लीः रायसीना डायलॉग में राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली पहुंचीं इटली की प्रधानमंत्री जियॉर्जिया मेलोनी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दुनिया सबसे चहेता नेता बताया। आपको बता दें कि आज से रायसीना डायलॉग का 8वां संस्करण दिल्ली में शुरू होगा। इटली की प्रधानमंत्री जियॉर्जिया मेलोनी इस में इसकी चीफ गेस्ट के तौर पर शामिल हो रही है। उन्होंने गुरुवार को दिल्ली पहुंचने के बाद पीएम मोदी से मुलाकात की। इसके बाद संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया।
इस दौरान मेलोनी ने कहा, “पीएम मोदी दुनिया के सबसे चहेते नेता हैं। ये साबित हो चुका है कि वे कितने बड़े लीडर हैं। इसके लिए उन्हें बधाई।: ये बातें सुनकर दूसरे डायस पर खड़े मोदी हंसते नजर आए। यहां मोदी ने भारत और इटली के बीच स्टार्ट-अप ब्रिज का ऐलान किया।
मेलोनी ने कहा, “भारत के साथ हमारे रिश्ते बेहद मजबूत हैं। हम स्ट्रैटजिक पार्टनरशिप बनाए रखने के लिए काम करते रहेंगे। मोदी जानते हैं कि वो दोनों देशों के संबंधों को बढ़ाने के लिए हम पर भरोसा कर सकते हैं। हम उम्मीद करते हैं कि भारत, रूस-यूक्रेन जंग खत्म करने में अहम रोल निभा सकता है। दुनिया को साथ रखना जरूरी है।“
वहीं पीएम मोदी ने कहा, “हमारे डिप्लोमेटिक रिलेशंस 75 साल से हैं, लेकिन अब तक डिफेंस रिलेशंस नहीं थे। आज इसकी भी शुरुआत कर रहे हैं। इसके अलावा दोनों देश रिन्यूएबल एनर्जी, हाइड्रोजन, IT, टेलिकॉम, सेमीकंडक्टर्स और स्पेस से जुड़े मुद्दों पर मिलकर काम करेंगे।“
उन्होंने कहा, “यूक्रेन जंग की शुरुआत से ही भारत ने साफ किया है कि इस विवाद को बातचीत और डिप्लोमेसी से ही सुलझाया जा सकता है। भारत किसी भी शांति प्रक्रिया में योगदान देने के लिए तैयार है। हम इंडो-पैसिफिक में इटली की सक्रिय भागीदारी का भी स्वागत करते हैं। बहुत खुशी की बात है कि इटली ने इंडो-पैसिफिक ओशन इनिशिएटिव में शामिल होने का फैसला किया है।“
मेलोनी मेलोनी रायसीना डायलॉग की चीफ गेस्ट हैं। ये बैठक 3 दिन (2-4 मार्च) चलेगी। इसमें 100 देश के रिप्रेजेंटेटिव्स शामिल होंगे। उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज शाम 6:30 बजे करेंगे। ये बैठक ऐसे समय में हो रही है जब भारत G-20 की अध्यक्षता कर रहा है। इस लिहाज से इसे काफी अहम माना जा रहा है।
विदेश मंत्रालय के मुताबिक, रायसीना डायलॉग 2023 में 100 से ज्यादा देशों के प्रतिनिधि भाग लेंगे। इनमें मंत्री, पूर्व राष्ट्राध्यक्ष और सरकार के प्रमुख, सैन्य कमांडर, इंडस्ट्रीज लीडर्स, टेक्नोलॉजी लीडर्स, सामरिक मामलों के विशेषज्ञ, शिक्षाविद, पत्रकार, रणनीतिक मामलों के जानकार शामिल हैं।
इसे विदेश मंत्रालय ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन के सहयोग से आयोजित करता है। पिछले आठ सालों में रायसीना डायलॉग का प्रभाव अलग-अलग क्षेत्रों पर लगातार बढ़ रहा है। साथ ही इस समारोह की पहचान मेजर ग्लोबल कॉन्फ्रेंस के रूप में हुई है।
क्या है रायसीना डायलॉग: दुनिया के अलग-अलग देशों के लोगों का एक मंच है। वैश्विक हालात और चुनौतियों पर चर्चा के उद्देश्य से रायसीना डायलॉग की शुरुआत की गई। इसमें 100 से ज्यादा देशों के प्रतिनिधि हिस्सा लेते हैं। केंद्र सरकार ने रायसीना डायलॉग की शुरुआत 2016 में की थी। इसके बाद से हर साल इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने वाले देशों और लोगों की तादाद बढ़ती जा रही है। इसका आयोजन विदेश मंत्रालय की ओर से ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन के सहयोग से किया जाता है।
रायसीना डायलॉग 2022 में 90 देशों के 210 से अधिक प्रतिनिधि शामिल हुए थे। करीब 100 सेशन के दौरान रायसीना के युवा साथियों का कार्यक्रम भी आयोजित किया गया था। वहीं, 2021 में कोरोना के चलते इसे वर्चुअली आयोजित किया गया था।
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