दिल्लीः आम आदमी पार्टी (AAP) केजरीवाल सरकार के मंत्री रहे मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन को जेल भेजने की कहानी घर-घर जाकर लोगों को सुनाएगी। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास पर हुई बैठक में इस संबंध में 05 मार्च से कैंपेन शुरू करने का निर्णय लिया गया। इसमें लोगों को बताया जाएगा कि दिल्ली के शिक्षा और स्वास्थ्य मॉडल से परेशान होकर बीजेपी ने मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन को जेल भिजवाया है। इस डोर-टु-डोर कैंपेन का नेतृत्व इलाके के विधायक करेंगे।

इस बैठक के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन ने शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में दिल्ली को मॉडल बनाया। अमेरिका के राष्ट्रपति की पत्नी भी दिल्ली के स्कूल देखने आईं। सिसोदिया और जैन पर दुनिया को गर्व है, इसी से परेशान होकर PM ने उन्हें जेल भिजवाया है। केजरीवाल ने कहा- यह मामला भ्रष्टाचार का नहीं है। अगर सिसोदिया और जैन भाजपा में शामिल हो जाएं तो तुरंत रिहा हो जाएंगे।

भ्रष्टाचार के मामले में इस्तीफा दे चुके दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन की जगह केजरीवाल कैबिनेट में दो नाम तय हो चुके हैं। प्राप्त जानकारी के मुताबिक दिल्ली के CM अरविंद केजरीवाल ने आतिशी मार्लेना और सौरभ भारद्वाज का नाम एलजी (LG) उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना के पास मंजूरी के लिए भेजा है। अभी सिसोदिया और जैन के विभाग की जिम्मेदारी कैलाश गहलोत और राजकुमार आनंद के पास रहेगी। इस बारे में गजट नोटिफिकेशन भी जारी हो गया है।

सौरभ भारद्वाज केजरीवाल की 49 दिन की पहली सरकार में ट्रांसपोर्ट मंत्री रह चुके हैं। आतिशी मार्लेना एजुकेशन सेक्टर में सिसोदिया की सलाहकार रही हैं।

दरअसल, भ्रष्टाचार मामले में रविवार को मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी हुई थी। सोमवार को स्पेशल कोर्ट ने उन्हें CBI की रिमांड पर भेज दिया। इसके बाद सिसोदिया मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे। वहां भी उन्हें राहत नहीं मिली। इसके कुछ देर बाद ही उनका इस्तीफा आ गया।

आपको बता दें कि सिसोदिया को शराब नीति केस में CBI ने 26 फरवरी को गिरफ्तार किया था, वहीं सत्येंद्र जैन मनी लॉन्ड्रिंग केस में पिछले साल 30 मई से तिहाड़ जेल में बंद हैं। सिसोदिया केजरीवाल सरकार के सबसे ताकतवर मंत्री थे। उनके पास 33 में से 18 विभाग थे। वहीं जैन के पास स्वास्थ्य, उद्योग समेत 7 मंत्रालयों की जिम्मेदारी थी। इन्हें बाद में सिसोदिया को सौंप दिया गया था।

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