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ईरानी में हैवानियतः सैकड़ों छात्रों को स्कूल जाने से रोकने के लिए दिया गया जहर - Prakhar Prahari
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ईरानी में हैवानियतः सैकड़ों छात्रों को स्कूल जाने से रोकने के लिए दिया गया जहर

तेहरानः ईरान में लड़कियों को स्कूल जाने से रोकने के लिए एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। ईरान के सैकड़ों लड़कियों को इसलिए जहर दिया गया, ताकि वे स्कूल न जा सके। इस बात की खुलासा ईरान के डिप्टी स्वास्थ्य मंत्री यूनुस पनाही ने किया है। ईरानी मंत्री ने बताया कि ईरान के पवित्र शहर कोम समेत कई जगहों पर लड़कियों के स्कूलों को बंद कराने के लिए कुछ लोगों द्वारा सैकड़ों छात्राओं को जहर दिया गया। जहर केमिकल कंपाउंड के रूप में दिया गया और अभी तक इस मामले में कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है। फिलहाल मामले की जांच चल रही है।

बीते साल नवंबर से कोम शहर में स्कूली छात्राओं के शरीर में जहर की पुष्टि हुई, जिनमें से कई को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। ईरान के डिप्टी स्वास्थ्य मंत्री यूनुस पनाही ने रविवार को इस घटना की पुष्टि की है। वहीं, स्थानीय मीडिया के अनुसार, कोम के स्कूलों में कई छात्राओं को जहर दिया गया। कुछ लोग चाहते थे कि सभी स्कूल खासकर लड़कियों के स्कूल बंद हो जाएं। हालांकि ईरान के मंत्री पनाही ने इस मामले में ज्यादा जानकारी देने से इनकार कर दिया है। फिलहाल ईरान सरकार मामले की जांच कर रही है।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ईरान के चार शहरों के 14 स्कूलों में पढ़ने वाली छात्राओं को निशाना बनाया गया। इनमें उत्तर पश्चिमी शहर आर्देबिल, राजधानी तेहरान, पश्चिमी शहर बोरोजर्द और कोम शहर शामिल हैं। कोम शहर ईरान का पवित्र शहर माना जाता है और यह बेहद रूढ़िवादी और धार्मिक तौर पर कट्टर शहर माना जाता है। देश के अधिकतर नेताओं और राष्ट्रपतियों ने कोम शहर से ही धार्मिक शिक्षा ली है।  सोशल मीडिया पर कई वीडियो भी सामने आईं थी, जिसमें कुछ नाराज परिजन शिक्षण संस्थानों के बाहर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे।

लड़कियों को जहर देने का मामला ऐसे समय सामने आया है, जब हाल ही में ईरान में हिजाब विरोधी हिंसक विरोध प्रदर्शन पूरे देश में फैल गए थे और पूरी दुनिया में इन्हें समर्थन मिला था। 22 वर्षीय युवती महसा अमीनी की पुलिस हिरासत में हुई मौत के बाद यह विरोध प्रदर्शन भड़के थे, जिन्होंने हिंसक रूप ले लिया था। इन विरोध प्रदर्शन में सुरक्षा बलों द्वारा कथित तौर पर 500 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी और चार प्रदर्शनकारियों को फांसी की सजा दी गई थी। हजारों लोगों को जेल में डाल दिया गया था।

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