न्‍यूयॉर्क: आतंकवाद के मुद्दे पर भारत एक बार फिर पाकिस्तान को लताड़ा है। भारत ने 23 फरवरी का दिन संयुक्‍त राष्‍ट्र महसभा (उंगा) में कहा कि पाकिस्‍तान आज भी आतंकियो के लिए सुरक्षित ठिकाना बना हुआ है। भारतीय काउंसलर प्रतीक माथुर ने कहा कि पाकिस्‍तान वह देश है जिसने हमेशा ही आतंकियों को सुरक्षित पनाह दी है। माथुर की यह टिप्‍पणी विदेश मंत्री एस जयशंकर की तरफ से आतंकवाद पर दिए गए बयान के बाद आई थी। जयशंकर ने कहा था कि भारत और पाकिस्‍तान के बीच मूलभूत असहमति को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। उनका कहना था कि एक देश जिसका मूल उद्योग ही आतंकवाद है और यह कभी भी समृद्धशाली नहीं हो सकता है।

भारतीय प्रतिनिधि प्रतीक माथुर ने संयुक्त राष्ट्र में कहा कि दो दिनों तक विचार विमर्श करने के बाद हर यूएन सदस्‍य जो यहां मौजूद है, उसने तय किया है कि शांति का रास्‍ता सिर्फ तभी संभव है जब अंसतोष और असहमति का हल तलाश जाए। उन्‍होंने पाकिस्तान के अनावश्यक उकसावे को ‘अफसोसजनक’ बताया। प्रतीक माथुर कहा, “मैं इस मंच से यही कहूंगा कि भारत ने इस बार पाकिस्‍तान के उकसावे का जवाब नहीं देने का फैसला किया है। हमारी सलाह पाकिस्‍तानी प्रतिनिधिदल को बस इतनी ही है कि जिस तरह से हमने राइट टू रिप्‍लाई का प्रयोग पहले किया है, वह भी इसका प्रयोग कर सकता है।“

भारत ने साल 2021-2022 में संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद में उन आतंकियों को प्राथमिकता के तौर पर रखा था जिनके पाकिस्‍तान के साथ संबंध है। भारत ने 1267 के तहत साल 2022 में लश्‍कर-ए-तैयबा के आतंकी अब्‍दुल रहमान मक्‍की, जैश-ए-मोहम्‍मद के अब्‍दुल रुऊफ असगर, लश्‍कर के साजिद मीर, शाहिद महमूस और ताल्‍हा सईद को आतंकियों की लिस्‍ट में शामिल कराया था।

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