पटनाः बीजेपी ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बयान को लेकर उप पर हमला बोला है। बीजेपी सांसद रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि नीतीश कुमार से बिहार तो संभल नहीं रहा है और वे देश संभालने की बात कर रहे हैं। आपको बता दें कि एक दिन पहले शनिवार को नीतीश कुमार ने कहा था कि लोकसभा चुनाव में बीजेपी 100 सीटों पर सिमट जाएगी। रविशंकर प्रसाद ने कहा कि नीतीश का PM बनने का सपना कभी पूरा नहीं होगा क्योंकि देश की जनता PM मोदी और उनकी लीडरशिप पर यकीन करती है।
बीजेपी सांसद प्रसाद ने कहा कि नीतीश कई प्रधानमंत्री पद का दावेदार बनाये जाने की इच्छा जता चुके हैं, जबकि उनसे अपना राज्य ही नहीं संभल रहा है। नीतीश कुमार हों या कोई और, उन्हें यह पता होना चाहिए कि PM मोदी की लीडरशिप में देश ने बहुत तरक्की की है, जबकि नीतीश तो अभी तक अपनी राजनीतिक विश्वसनीयता भी नहीं बना पाए हैं।
वरिष्ठ नेता प्रसाद ने न्यूज एजेंसी से कहा कि उन्होंने कहा कि बिहार के CM नीतीश कुमार को क्या हो गया है? वे बिहार को संभालने में सक्षम नहीं हैं। राज्य संकट में है। उनकी पार्टी में अराजकता है। कांग्रेस उन्हें भाव नहीं दे रही है, इसके बाद भी वे लालूजी के चक्कर में फंस गए हैं और रात में सपने देखने लगे है। नीतीश बाबू देवगौड़ा या इंद्र कुमार गुजराल बनना चाहते हैं। वे यह नहीं देख रहे हैं कि PM मोदी के नेतृत्व में भारत आगे बढ़ रहा है।
इससे पहले 18 जनवरी को केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री एवं बीजेपी नेता गिरिराज सिंह ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तीखा हमला बोला था और कहा था कि नीतीश कुमार प्रधानमंत्री बनने के लिए बेताब हैं। गिरिराज सिंह ने कहा था नीतीश कुमार के दिमाग में प्रधानमंत्री बनने के लड्डू फूट रहे हैं। नीतीश कुमार 17 साल तक बिहार में विकास नहीं कर पाए। उनकी ‘समाधान यात्रा’ इस बात का सबूत है कि विकास नहीं हो सका।
केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा था कि जब केसीआर बिहार गए तो केसीआर के दिमाग में था कि नीतीश कुमार उन्हें प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाएंगे जबकि नीतीश ने सोचा था कि केसीआर उन्हें (नीतीश कुमार) उम्मीदवार बनाएं। लालू जी के साथ नीतीश कुमार कांग्रेस से मिले थे लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।
आपको बता दें कि नीतीश कुमार ने पिछले दिनों विपक्षी एकता को एकजुट करने की कवायद शुरू की थी। उन्होंने कहा था कि कांग्रेस के बिना भाजपा को हराया नहीं जा सकता है। इसके लिए कांग्रेस को अपनी विपक्षी एकता में शामिल करना ही होगा। कुछ लोगों ने सहमति जताई तो कुछ लोगों ने असहमति जताई थी। पिछले साल लालू यादव के साथ नीतीश कुमार मिलने कांग्रेस सुप्रीमो सोनिया गांधी से मिलने दिल्ली गए थे, लेकिन सोनिया गांधी से मुलाकात नहीं हुई थी। तब ये कयास लगाई जाने लगी कि नीतीश कुमार के फार्मूला से कांग्रेस सहमत नहीं है।
नीतीश कुमार का फार्मूला यह है कि चुनाव से पहले प्रधानमंत्री पद को लेकर कोई भी विवाद नहीं होना चाहिए। किसी एक चेहरे पर चुनाव नहीं लड़ना चाहिए। कांग्रेस सहित तमाम विपक्षी दल बस इस उद्देश्य से चुनाव लड़े कि भाजपा को हराना है और जब भाजपा हार जाएगी और विपक्षी एकता जीत जाएगी तो मिल बैठकर प्रधानमंत्री के चेहरे का फैसला कर लिया जाएगा। अब ऐसे में कांग्रेस इस बात को लेकर अपनी सहमति नहीं दी थी। नीतीश कुमार बार-बार कह रहे हैं कि कांग्रेस को फैसला लेना है और यदि कांग्रेस फैसला ले ले तो आगे का राह आसान हो जाएगा।
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