Old compass on vintage map with rope closeup. Retro stale

दिल्लीः मौजूदा समय में आप जब भी किसी डॉक्टर के पास इलाज करवाने के लिए जाते हैं,  तो डॉक्टर सबसे पहले स्टेथोस्कोप के जरिए आपके दिल की धड़कन सुनते हैं, लेकिन पहले ऐसा नहीं होता था। पहले डॉक्टर मरीज के सीने पर अपना कान लगाकर दिल की धड़कन सुनते थे, इससे महिला मरीज काफी असहज होती थी। स्टेथोस्कोप का आविष्कार होने के बाद यह समस्या खत्म हो गई, लेकिन क्या आप जानते हैं स्टेथोस्कोप का अविष्कार किसने किया। नहीं तो चलिए आज हम आपको बताते हैं। स्टेथोस्कोप का आविष्कार फ्रांस के रेने लेने ने किया था। रेने लेने का जन्म आज के ही दिन यानी 17 फरवरी 1781 को फ्रांस के पेरिस में हुआ था।

रेने जब 5 साल के थे, तभी उनकी मां गुजर गईं। उन्होंने मेडिकल की पढ़ाई अपने अंकल की देखरेख में की, लेकिन बाद में उनके पिता ने उन्हें डॉक्टरी की पढ़ाई करने से मना कर दिया। 1799 में रेने ने दोबारा मेडिकल की पढ़ाई शुरू की। पढ़ाई पूरी होने के बाद रेने पेरिस के नेक्कर अस्पताल में काम करने लगे।

एक दिन हुआ ये कि रेने के पास एक महिला अपना इलाज कराने पहुंची। उस समय स्टेथोस्कोप नहीं हुआ करता था, इसलिए डॉक्टर मरीज की छाती पर कान लगाकर उनकी धड़कन सुना करते थे। रेने को ये सब बहुत अजीब लगा। उन्होंने कागज को रोल किया और फिर महिला की धड़कन सुनी। यहीं से उन्हें स्टेथोस्कोप बनाने का आइडिया आया।

रेने ने 1816 में स्टेथोस्कोप का आविष्कार किया। पहला स्टेथोस्कोप लकड़ी का था। इसको लकड़ी का बनाने के पीछे शायद एक वजह ये भी थी कि रेने डॉक्टर होने के साथ-साथ म्यूजिशियन भी थे। उन्हें बांसुरी बजाने का शौक था और बांसुरी की तरह ही उन्होंने स्टेथोस्कोप को डिजाइन किया।

1820 के दशक में रेने के बनाए स्टेथोस्कोप का इस्तेमाल फ्रांस, जर्मनी, इटली और इंग्लैंड में होने लगा। हालांकि, उस समय कुछ डॉक्टर ऐसे भी थे, जो इसका मजाक उड़ाते थे। 1885 में एक डॉक्टर ने कहा था कि जब हमारे पास सुनने के लिए कान हैं, तो फिर स्टेथोस्कोप का इस्तेमाल क्यों करें?

डॉक्टर की पहचान माने जाने वाले स्टेथोस्कोप का आविष्कार करने वाले रेने 45 साल ही जी सके। 13 अगस्त 1826 को उनकी टीबी से मौत हो गई। आज जो स्टेथोस्कोप डॉक्टर इस्तेमाल करते हैं, उसे 1851 में आयरलैंड के डॉक्टर आर्थर लियर्ड ने बनाया था। आइए एक नजर डालते हैं देश और दुनिया में 17 फरवरी को घटित हुईं महत्वपूर्ण घटनाओं पर…

1670 : छत्रपति शिवाजी ने मुगलों को हराकर सिंहगढ़ के किले पर अपना परचम लहराया।
1843 : ब्रिटेन ने मियानी की लड़ाई जीतने के बाद पाकिस्तान के आज के सिंध प्रांत के ज्यादातर हिस्से पर कब्जा कर लिया।
1863: जिनेवा में अन्तरराष्ट्रीय रेडक्रॉस की स्थापना।
1882: सिडनी क्रिकेट ग्राउंड पर पहला टेस्ट मैच ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच खेला गया। ऑस्ट्रेलिया ने ये मैच 5 विकेट से जीता था।
1915 : गांधी जी ने पहली बार शांतिनिकेतन की यात्रा की।
1931 : लॉर्ड इरविन ने दिल्ली के वाइसरीगल लॉज में महात्मा गांधी का पहली बार भारत की जनता के लोकप्रिय नेता के रूप में स्वागत किया।
1959: दुनिया के पहले वेदर सैटेलाइट वेनगार्ड-2 को अमेरिका ने लॉन्च किया।
1963 : बास्केटबाल के दुनिया के महानतम खिलाड़ियों में शुमार माइकल जोर्डन का जन्म। उनके हवा में कुलांचे भरते कदमों के कारण उन्हें ‘एयर जोर्डन’ के नाम से पुकारा गया।
1979 : वियतनाम युद्ध के बाद वियतनाम ने चीन की बजाय सोवियत संघ से अपनी नजदीकियां बढ़ाईं और उसके कुछ चीन विरोधी और सोवियत समर्थक कदमों के चलते चीन ने अपने इस पड़ोसी देश पर हमला कर दिया।
1987: ब्रिटेन में शरण मांग रहे श्रीलंका के तमिलों के एक समूह को जब उनके देश वापस भेजने का प्रयास किया गया तो उन्होंने कपड़े उतारकर विरोध प्रकट किया।
1996 : इंडोनेशिया में भीषण भूकंप और उसके बाद सुनामी के कारण 100 से ज्यादा की मौत, 400 से ज्यादा घायल और 50 से ज्यादा लोग लापता।
1997: नवाज शरीफ पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बने।
2004 : फूलन देवी की हत्या के मामले का मुख्य आरोपी शमशेर सिंह राणा तिहाड़ जेल से फरार हुआ।
2005 : बांग्लादेश की विवादास्पद लेखिका तसलीमा नसरीन ने भारतीय नागरिकता का अनुरोध किया।
2007 : महिला उत्थान को समर्पित और वयोवृद्ध गांधीवादी कार्यकर्ता अरुणाबेन देसाई का गुजरात में निधन।
2009 : चुनाव आयोग ने चुनावों के दौरान अन्तिम चरण का मतदान समाप्त होने तक एग्जिट पोल के प्रसारण पर रोक लगा दी।
2014: सऊदी अरब की सोमाया जिबार्ती देश की पहली महिला मुख्य संपादक बनीं। उन्हें ‘सऊदी गजट’ अखबार का मुख्य संपादक बनाया गया।

 

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