Subscribe for notification
अंतरराष्ट्रीय

Turkey Syria Earthquake Situation: तुर्किये और सीरिया में भूकंप से मरने वालों की संख्या पहुंची 41 हजार के पार, 95 देशों ने की मदद की पेशकश

दिल्लीः विनाशकारी भूकंप के बाद तुर्किये और सीरिया का मंजर डरावना है। इन दोनों देशों में भूकंप के 10 दिन बाद भी मौतों का आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है। भूकंप के कारण अब तक 41 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। तुर्की के अधिकारियों ने 35,418 और सीरियाई सरकार ने 5,800 से ज्यादा लोग मारे जाने की पुष्टि की है। दोनों देशों में अब भी राहत ओर बचाव कार्य जारी है। दोनों देशों में दुनियाभर से मदद भेजी जा रही है।

इसी बीच तुर्किये की डिजास्टर मैनेजमेंट एजेंसी ने बताया है कि बचाव कार्य को पूरा करने में 1 लाख से ज्यादा बचाव कर्मी हिस्सा लेंगे। इसमें अलग-अलग तरह के 5500 वाहनों का इस्तेमाल किया जाएगा। अब तक 95 देशों ने तुर्किये को मदद ऑफर की है।

तुर्किये और सीरिया में रेस्क्यू ऑपरेशन जारी हैं। अब भी लोगों को मलबे के नीचे से निकाला जा रहा है। हैरानी की बात यह है कि 8 से 9 दिन बाद भी कई लोग जिंदा मिल रहे हैं। तुर्किये के हताय प्रांत में 26 साल की महिला को 201 घंटे बाद बचाया गया। इधर, अदीयमन शहर में 199 घंटे बाद 18 साल के युवक को रेस्क्यू किया गया। तुर्किये में एक करोड़ 30 लाख लोग 10 राज्यों में डिसप्लेस हो चुके हैं। अब तक 8 हजार लोगों को बचा लिया गया है।

इस बीच कई देश सीरिया बॉर्डर पर रेस्क्यू ऑपरेशन छोड़कर वापस लौट रहे हैं। इजरायल ने रविवार को सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए अपनी टीम हतजाला ग्रुप को इमरजेंसी फ्लाइट से वापस बुला लिया। इससे पहले जर्मनी और ऑस्ट्रिया ने भी अपने बचाव दलों के तुर्किये से निकाल लिया था।

आपको बता दें कि इजरायल समेत कई देशों की इंटेलिजेंस एजेंसी को इनपुट मिला है कि तुर्किये बॉर्डर पर अलग-अलग गुटों में हिंसक झड़प होने वाली हैं। जिनसे वहां पहुंचे बचाव कर्मियों की जान को खतरा है। जर्मनी के बचाव दल ने भी बताया कि वहां गोलीबारी हो रही है। वहीं तुर्किये के कहरामनमारस में रविवार देर रात 4.7 की तीव्रता का एक और भूकंप का झटका महसूस किया गया। तुर्किये में 6 फरवरी को आए भूकंप के बाद लगातार आफ्टरशॉक आ रहे हैं जिनसे लोग परेशान हैं।

कैसे आता है भूकंपः  भूकंप के आने की मुख्य वजह धरती के अंदर प्लेटों का टकरना है। धरती के भीतर सात प्लेट्स होती हैं जो लगातार घूमती रहती हैं। जब ये प्लेटें किसी जगह पर आपस में टकराती हैं, तो वहां फॉल्ट लाइन जोन बन जाता है और सतह के कोने मुड़ जाते हैं। सतह के कोने मुड़ने की वजह से वहां दबाव बनता है और प्लेट्स टूटने लगती हैं। इन प्लेट्स के टूटने से अंदर की एनर्जी बाहर आने का रास्ता खोजती है, जिसकी वजह से धरती हिलती है और हम इसे भूकंप मानते हैं।

क्या है रिक्टर स्केलः रिक्टर स्केल भूकंप की तीव्रता को मापने का एक मापक है. अमेरिकी भूकंपविज्ञानी चार्ल्स एफ रिक्टर और बेनो गुटेनबर्ग ने साल 1935 में इसे तैयार किया था. भूकंप की तीव्रता सिस्मोग्राफ पर ऊंची लाइनों के रूप में दिखती है. हालांकि, आज के आधुनिक युग में भूकंप की तीव्रता को मापने के लिए कई आधुनिक यंत्र और टेक्नोलॉजी आ चुकी हैं, जो भूगर्भीय हलचल को बारीकी से पकड़ लेती है. लेकिन फिर भी जब बात भूकंप की तीव्रता की आती है तो रिक्टर स्केल के पैमाने पर ही इसकी गणना को लिखा और समझा जाता है.

शुरुआती दौर में रिक्टर स्केल को मध्यम आकार के भूकंप को मापने के लिए तैयार किया गया था. इसके तहत 3 से 7 तीव्रता के भूकंप को मापा जा सकता था. इससे दो या दो से ज्यादा भूकंपों की तीव्रता और नुकसान का अंदाजा लगाना आसान होता था. आज आधुनिक दौर के सिस्मोग्राफ को रिक्टर स्केल के अनुसार काम करने के लिए कैलिबर किया गया है और इसमें भूकंप की तीव्रता को मापने के लिए आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया गया है.

तीव्रता                 श्रेणी              असर                       संख्या

1.0 से 2.9 या कम तीव्रता माइक्रो आमतौर पर इनका पता नहीं चलता, मशीन में रिकॉर्ड होता है 1 लाख से ज्यादा
3.0–3.9 माइनर महसूस होता है, लेकिन नुकसान नहीं होता 12 हजार से 1 लाख तक
5.0–5.9 हल्का सभी लोग महसूस कर सकते हैं, हल्की टूट-फूट हो सकती है 2 से 12 हजार तक
5.0–5.9 मध्यम कमजोर बिल्डिंगों को कुछ नुकसान हो सकता है 200 से 2 हजार तक
6.0–6.9 तेज भीड़भाड़ वाले इलाकों में ज्यादा नुकसान हो सकता है 20 से 200 तक
7.0–7.9 भीषण पबड़े इलाके में बहुत अधिक नुकसान, कई लोगों की मौत हो सकती है तीन या इससे कम

 

भूकंप की तीव्रता और श्रेणीः  रिक्टर स्केल पर 2.0 से कम तीव्रता वाले भूकंप को माइक्रो कैटेगरी में रखा जाता है और यह भूकंप महसूस नहीं किए जाते। रिक्टर स्केल पर माइक्रो कैटेगरी के 8,000 भूकंप दुनियाभर में रोजाना दर्ज किए जाते हैं। इसी तरह 2.0 से 2.9 तीव्रता वाले भूकंप को माइनर कैटेगरी में रखा जाता है। ऐसे 1,000 भूकंप प्रतिदिन आते हैं इसे भी सामान्य तौर पर हम महसूस नहीं करते। वेरी लाइट कैटेगरी के भूकंप 3.0 से 3.9 तीव्रता वाले होते हैं, जो एक साल में 49,000 बार दर्ज किए जाते हैं। इन्हें महसूस तो किया जाता है लेकिन शायद ही इनसे कोई नुकसान पहुंचता है।

लाइट कैटेगरी के भूकंप 4.0 से 4.9 तीव्रता वाले होते हैं जो पूरी दुनिया में एक साल में करीब 6,200 बार रिक्टर स्केल पर दर्ज किए जाते हैं। इन झटकों को महसूस किया जाता है और इनसे घर के सामान हिलते नजर आते हैं। हालांकि इनसे न के बराबर ही नुकसान होता है।

General Desk

Recent Posts

अमेरिकी कोर्ट ने जन्मजात नागरिकता खत्म करने के ट्रम्प के आदेश पर लगाई रोक, बोला…इससे दिमाग चकरा गया

वाशिंगटनः जन्मजात नागरिका को समाप्त करने के अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के फैसले पर फेडरल कोर्ट ने गुरुवार को 14…

6 hours ago

CBSE Exams : फोन के साथ पकड़े गए, तो दो साल का प्रतिबंध, जानें बोर्ड ने किया जारी किये है आदेश

दिल्लीः अगर आप 10वीं या 12वीं के छात्र हैं और इस साल 15 फरवरी से शुरू हो रहे बोर्ड की…

7 hours ago

दिल्ली पहुंचे इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो, विदेश राज्य मंत्री पावित्रा मार्गेरिटा ने हवाई अड्डे पर किया स्वागत

दिल्लीः इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो गुरुवार रात नई दिल्ली पहुंचे। वह अपने पहले दौरे पर भारत आए हैं। विदेश…

8 hours ago

हमले की झूठी कहानी गढ़ने, दूसरों पर आरोप लगाने की बजाय केजरीवाल दें अपनी पार्टी की अंतर्कलह पर ध्यानः सचदेवा

संवाददाताः संतोष कुमार दुबे दिल्लीः बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा ने पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को हमले की झूठी…

10 hours ago

बीजेपी नेताओं की सभाओं में उमड़ता जनसैलाब साफ कह रहा है कि दिल्ली में जनता बदलाव चाहती हैः धामी

संवाददाताः संतोष कुमार दुबे दिल्लीः उत्तराखंड के मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि दिल्ली की जनता बदलाव जाहती है।…

11 hours ago

यूपी जाकर देखें केजरीवाल की किस गति से विकसित हो रहा है राज्यः प्रवीण शंकर

संवाददाताः संतोष कुमार दुबे दिल्लीः दिल्ली बीजेपी के भाजपा प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने AAP के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल…

15 hours ago