इस्लामाबादः पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में इंसानियत को शर्मसार कर देने वाला एक मामला सामने आया है। यहां पर भीड़ ने ईशनिंदा के आरोपी को थाना से बाहर बेरहमी से पीट-पीट कर उसकी हत्या कर दी। प्राप्त जानकारी के मुताबिक भीड़ ने जब थाने पर हमला किया तो पुलिसवाले वहां से भाग खड़े हुए। हालांकि बाद में वे एक्स्ट्रा फोर्स के साथ लौटे और ईशनिंदा के आरोपी की लाश को जलने से बचा लिया।
पाकिस्तानी अखबार द डॉन ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि आरोपी का नाम मोहम्मद वारिस (45) था और यह घटना पंजाब प्रांत के ननकाना साहिब जिले में घटित हुई है। घटना के बाद ननकाना के DSP और SHO को सस्पेंड कर दिया गया।
रिपोर्ट के मुताबिक मोहम्मद वारिस पर कुरान का अपमान करने का आरोप लगा था। इसके बाद रविवार सुबह उसे गिरफ्तार किया गया। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि ईशनिंदा की खबर के बारे में सुनकर सैकड़ों लोग थाने में घुस गए। लॉकअप का ताला तोड़ कर वारिस को बाहर ले गए। उसे लाठी और रॉड्स से पीटा, जिसके कारण मौके पर ही मौत हो गई।
‘द डॉन’ की रिपोर्ट के अनुसार भीड़ आरोपी को फांसी देना चाहती थी। वक्त रहते पुलिस मौके पर पहुंची और उसे पुलिस स्टेशन ले गई। लोगों का गुस्सा इससे शांत नहीं हुआ। वे पुलिस की गाड़ी का पीछा करते हुए थाने पहुंचे। हंगामा करते हुए आरोपी को भीड़ के हवाले करने को कहा, लेकिन जब पुलिस नहीं मानी तो लोग मेन गेट तोड़ते हुए थाने में घुस गए। यहां तोड़फोड़ की और आरोपी को बाहर ले जाकर मार डाला।
रिपोर्ट के मुताबिक भीड़ के खौफनाक इरादों से पुलिसवाले भी डर गए और उस वक्त थाना छोड़कर भाग खड़े हुए। हालांकि बाद में बड़ी तादाद में दूसरे थानों की पुलिस भी वहां पहुंची और आरोपी के शव को जलने से बचाया।
आपको बता दें कि पाकिस्तान में इस तरह की घटना का यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले दिसंबर 2021 में ईशनिंदा के आरोप में श्रीलंकाई नागरिक प्रियंशा कुमार को भीड़ ने पहले पीटकर मार डाला और फिर आग लगा दी थी।
प्रियंथा कुमारा के केबिन में एक पोस्टर फटा हुआ मिला था, इस पर मोहम्मद लिखा था। फैक्ट्री में काम करने वाले कर्मचारियों ने इसे पैगंबर का अपमान मान लिया था।
आपको बता दें कि पाकिस्तान में ईशनिंदा को लेकर बेहद सख्त कानून हैं। इसके बावजूद कई लोगों की पीट-पीटकर हत्या कर दी जाती है। अप्रैल 2017 में मिशाल खान को मरदान यूनिवर्सिटी में उसके साथियों ने पीट-पीट कर मार दिया था। 2012 में बहावलपुर के पास हिंसक भीड़ ने एक दिमागी रूप से परेशान व्यक्ति को थाने से खींचकर मार दिया था। इसी तरह दादो में भी भीड़ ने थाने में घुसकर ईशनिंदा के आरोपी को जिंदा जलाया था।