दिल्ली डेस्कः छह फरवरी 2023 को आए विनाशकारी भूकंप ने तुर्किये और सीरिया में भारी तबाही मचाई है। इन दोनों ही देशों में भूकंप से मरने वालों की संख्या लगतार बढ़ती जा रही है। इन दोनों मुल्कों में भूकंप के कारण अब तक 28,192 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। वहीं, घायलों की संख्या 78 हजार के पार हो गई है। इसी बीच UN की मदद भेजने वाले इकाई के चीफ मार्टिन ग्रिफिथ्स ने कहा कि भूकंप से हुई मौतों का आंकड़ा दो गुना हो सकता है। जैसे-जैसे मलबा हटेगा, शव बरामद होंगे। रेस्क्यू ऑपरेशन फाइनल स्टेज में है, लेकिन हम नहीं जानते की इसे कब रोका जाना चाहिए।
वहीं, सीरिया में समय पर मदद नहीं पहुंच पा रही है। इसकी वजह भूकंप के बाद सड़कों पर जमा हुआ मलबा है। हरेम शहर में एक पिता ने बताया कि उनकी बटी मलबे में दबी थी, लेकिन किसी ने उनकी मदद नहीं की। अबू अली ने कहा कि मेरी बेटी भूकंप के एक दिन बाद भी जिंदा थी। मलबे में दबे रहने के 24 घंटे बाद भी उस तक मदद नहीं पहुंची। हमारे पास मलबा हटाने के लिए कोई मशीनें नहीं थी। हम मदद का इंतजार करते रहे। काफी वक्त बीत गया। मैंने खुद अपने हाथों से उसके शव को बाहर निकाला।
इस बीच तुर्किये में मलबे से एक भारतीय का शव बरामद हुआ है। व्यक्ति का नाम विजय कुमार और उम्र 35 साल बताई जा रही है। वह उत्तराखंड का रहने वाला था और 23 जनवरी को तुर्किये गया था। कुमार की बॉडी मालत्या शहर में 24 मंजिला होटल के मलबे के नीचे मिली। परिवार वालों ने कुमार के बाएं हाथ में बने टैटू को देखकर शव की पहचान की। कुमार की पत्नी और दो बच्चे हैं।
भारत ऑपरेशन दोस्त के तहत तुर्किये और सीरिया की मदद करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है। 10 फरवरी को भारतीय सेना की टीम ने नुरदागी शहर से एक साल की बच्ची को मलबे से पांच दिन बाद जिंदा बाहर निकाल लिया। साथ ही तुर्किये के हताय प्रांत में बनाए गए भारतीय सेना के फील्ड अस्पताल में लगातार लोगों का इलाज किया जा रहा है। अभी तक यहां 106 लोगों को भर्ती किया गया है। इसके पहले भारतीय टीम ने 9 फरवरी को भी नूरदागी शहर से 6 साल की बच्ची को रेस्क्यू किया था।
राहत एवं बचाव कार्य के लिए तुर्किये गई भारतीयों की टीम में डॉग स्क्वाड भी है। इनमें जूली-रोमियो-हनी और रैंबो नाम के डॉग्स शामिल हैं। जो लैब्राडोर नस्ल के हैं और विशेष रूप से प्रशिक्षित हैं। ये आपदा प्रभावित क्षेत्रों में बचाव कार्यों के दौरान सूंघने और अन्य महत्वपूर्ण कौशल में विशेषज्ञ हैं।
उधर, मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक तुर्किये के फामागुस्ता शहर से 39 बच्चों की एक वॉलीबॉल टीम अदियामन शहर गई थी। यहां टीम जिस होटल में ठहरी हुई थी, जो भूकंप के बाद धराशायी हो गया। 5 दिन बाद भी इन बच्चों की तलाश जारी है। रेस्क्यू टीम का कहना है कि उन्हें तबाह हुए 7 मंजिला होटल के मलबे से 3 शव मिले हैं। इनमें से दो शव टीचर्स के हैं। एक शव 8वीं क्लास में पढ़ने वाले स्टूडेंट का है। रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। मां-बाप भी बच्चों के शव ढूंढने में लगे हुए हैं।
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