दिल्लीः 4 नवंबर 1889 को जमनालाल बजाज का जन्म मौजूदा समय के राजस्थान तथा तब की जयपुर रियासत के सीकर में ‘”काशी का बास” में एक गरीब मारवाड़ी परिवार हुआ था। वे केवल चौथी कक्षा तक पढ़े थे। जमनालाल जब 5 साल के थे, तब वर्धा के सेठ बच्छराज ने उन्हें गोद ले लिया। सेठ बच्छराज के पास बहुत संपत्ति थी, लेकिन जमनालाल को पैसे से प्यार नहीं था।
एक समय की बात है… सेठ बच्छराज के परिवार को किसी शादी में जाना था। उन्होंने जमनालाल से कहा कि वह भी हीरे-पन्नों से जड़ा एक हार पहनकर आएं। जमनालाल ने मना कर दिया और इस बात पर दोनों में अनबन हो गई। अनबन के बाद जमनालाल घर छोड़कर चले गए। उस वक्त उनकी उम्र 17 साल थी।
बाद में उन्होंने एक स्टाम्प पेपर पर पिता को ये लिखकर भेजा कि उन्हें उनकी संपत्ति में कोई दिलचस्पी नहीं है। उन्होंने लिखा, “मैं कुछ लेकर नहीं जा रहा हूं। तन पर जो कपड़े थे, बस वही पहने जा रहा हूं। आप निश्चिंत रहें। मैं जीवन में कभी आपका एक पैसा भी लेने के लिए अदालत नहीं जाऊंगा, इसलिए ये कानूनी दस्तावेज बनाकर भेज रहा हूं।“
बाद में किसी तरह जमनालाल को ढूंढ़ा गया और घर आने के लिए मनाया गया। जमनालाल घर आ गए, लेकिन वो संपत्ति का त्याग कर चुके थे। लिहाजा जब विरासत में उन्हें संपत्ति मिली, तो उन्होंने उसका दान करना शुरू कर दिया। जमनालाल जीवनभर खुद को ट्रस्टी की तरह ही मानते रहे।
ये वही जमनालाल हैं, जिन्हें सेठ जमनालाल बजाज के नाम से जाना जाता है। जमनालाल थे तो उद्योगपति, लेकिन कभी उद्योगपति की तरह नहीं रहे। उन्हें आज भी उद्योगपति ही माना जाता है, लेकिन वs एक स्वतंत्रता संग्राम सेनानी भी रहे थे। सेठ जमनालाल बजाज का निधन आज ही के दिन यानी 11 फरवरी 1942 में हुआ था।
जमनालाल गांधीजी से बहुत प्रभावित थे। साल 1915 में दक्षिण अफ्रीका से लौटने के बाद गांधीजी ने जब साबरमती में आश्रम बनाया, तो जमनालाल उनके साथ आश्रम में ही रहे। 1920 में नागपुर में कांग्रेस का अधिवेशन हुआ। उसमें जमनालाल ने गांधी जी के सामने अजीब सा प्रस्ताव रख दिया। उन्होंने कहा कि वे उनका 5वां बेटा बनना चाहते हैं और गांधीजी को अपने पिता के रूप में गोद लेना चाहते हैं।
शुरुआत में तो ये प्रस्ताव सुनकर गांधीजी को बहुत आश्चर्य हुआ, लेकिन धीरे-धीरे उन्होंने जमनालाल को अपना 5वां बेटा मान ही लिया। 16 मार्च 1922 को साबरमती जेल से गांधीजी ने जमनालाल को भेजी एक चिट्ठी में लिखा, तुम 5वें पुत्र तो बने ही हो, लेकिन मैं योग्य पिता बनने की कोशिश कर रहा हूं।
जमनालाल बजाज ने 1920 के दशक में शुगर मिल के जरिए बजाज ग्रुप की शुरुआत की। हालांकि, इसकी पूरी कमान उनके बड़े बेटे कमलनयन बजाज ने संभाली। जमनालाल आजादी की लड़ाई में लगे रहे। आज के समय में बजाज ग्रुप में 25 से ज्यादा कंपनियां हैं, जिनका सालाना टर्नओवर 280 अरब रुपए से ज्यादा है।
नेल्सन मंडेला जेल से रिहा हुएः आज के ही दिन यानी 11 फरवरी 1990 को दक्षिण अफ्रीका के महान नेता नेल्सन मंडेला जेल से रिहा हुए थे। अश्वेतों के साथ रंगभेद और अमानवीय बर्ताव के खिलाफ मंडेला ने आवाज उठाई थी। उन्हें जून 1964 में राजद्रोह और साजिश के मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई गई। इस कैद के 27 में से 18 साल मंडेला ने रोबेन आइलैंड जेल में बिताए। बाद में यह जेल स्वतंत्रता का प्रतीक बनी।
मंडेला राजनीतिक कैदी के तौर पर जेल गए, लेकिन वहां उनसे सामान्य कैदियों जैसा व्यवहार किया गया। उनसे 10 से 14 घंटे तक मजदूरी कराई गई, पत्थर तुड़वाए गए। इसी वजह से उनकी आंखें हमेशा के लिए खराब हो गईं।
अफ्रीकी नेशनल कांग्रेस और पैन अफ्रीकी कांग्रेस पर लगे प्रतिबंध हटने के नौ दिन बाद 11 फरवरी 1990 को मंडेला रिहा हो गए। मंडेला ने इस कैद को अपनी जीवनी में देश से बाहर जाने की यात्रा बताया था। 1994 को वह दक्षिण अफ्रीका के लोकतांत्रिक रूप से चुने गए पहले राष्ट्रपति बने। आइए एक नजर डालते हैं देश और दुनिया में 11 फरवरी को घटित हुईं महत्वपूर्ण घटनाओं पर…
1613 : मुगल बादशाह जहांगीर ने ईस्ट इंडिया कंपनी को सूरत में कारखाना लगाने की अनुमति दी।
1720 : स्वीडन तथा प्रशिया के बीच शांति समझौता।
1793 : प्रशिया की सेना ने नीदरलैंड के वेनलो पर कब्जा किया।
1814 : यूरोपीय देश नॉर्वे ने स्वतंत्रता की घोषणा की।
1847: अमेरिका के महान आविष्कारक थॉमस एडिसन का जन्म। एडिसन के नाम पर अकेले एवं संयुक्त रूप से 1093 पेटेंट हैं, जो अपने आप में एक विश्व रिकार्ड है।
1889 : जापान में मेजी संविधान को अंगीकार किया गया।
1919 : फ्रेडरिक एबर्ट जर्मनी के राष्ट्रपति चुने गये।
1933 : गांधी जी के साप्ताहिक प्रकाशन ‘हरिजन’ का पहला अंक पुणे से प्रकाशित।
1942 : सेठ जमनालाल बजाज का निधन हुआ
1953 : सोवियत संघ ने इजरायल के साथ कूटनीतिक संबंध तोड़े।
1956 : ब्रिटेन के दो राजनयिक जो पांच वर्ष पहले रहस्यमय परिस्थितियों में लापता हो गए थे, सोवियत संघ में दोबारा दिखे।
1963 : सोवियत संघ (अब रूस) से चार मिग लड़ाकू विमान भारत पहुंचे। सोवियत संघ के साथ 12 मिग खरीदने की डील 1962 की जंग से पहले हुई थी।
1964 : ताइवान ने फ्रांस के साथ कूटनीतिक संबंध तोड़े।
1968 : जनसंघ के संस्थापक पंडित दीन दयाल उपाध्याय की मुगलसराय में हत्या कर दी गयी।
1977 : भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद का निधन।
1979 : अयातुल्ला खमैनी के समर्थकों ने ईरान की राजधानी तेहरान पर कब्जा किया।
1979 : ईरान के प्रधानमंत्री ने इस्तीफा दिया, सर्वोच्च नेता अयातुल्ला खमनेई का सत्ता पर कब्जा।
1987 : अमेरिका ने नेवादा परीक्षण स्थल पर परमाणु परीक्षण किया।
1990 : नेल्सन मंडेला को 27 साल बाद जेल से रिहा किया गया।
1997 : भारतीय खगोल भौतिकविद् जयंत वी नार्लीकर को यूनेस्को के ‘कलिंग पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया। उन्हें यह पुरस्कार वर्ष 1996 के लिए दिया गया।
2003 : इंग्लैंड क्रिकेट टीम ने वर्ल्ड कप का मैच खेलने से इसलिए इंकार कर दिया क्योंकि वो जिम्बाब्वे में खेला जाना था। वर्ल्ड कप का मैच नहीं खेलने के पीछे ऐसा कारण पहली बार दिया गया था। बाद में ये मैच रद्द हो गया।
2003: इंग्लैंड क्रिकेट टीम ने वर्ल्ड कप का मैच खेलने से इसलिए इनकार कर दिया क्योंकि वो जिम्बाब्वे में खेला जाना था। वर्ल्ड कप का मैच नहीं खेलने के पीछे ऐसा कारण पहली बार दिया गया था। बाद में ये मैच रद्द हो गया।
2011 : मिस्र में क्रांति के दौरान राष्ट्रपति होस्नी मुबारक ने इस्तीफा दिया।
2013 : रूस के कोमी क्षेत्र में विस्फोट में 18 खदान कर्मी मारे गये।
2014 : पूर्वी अल्जीरिया में ओउम एल बुआधी प्रांत के एक पहाड़ी इलाके में एक सैन्य परिवहन विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें लगभग 77 लोगों की मौत हो गई।