सांकेतिक तस्वीर

मुंबई: वैश्विक महामारी कोरोना वायरस को लेकर एक परेशान कर देने वाला खुलासा हुआ है। एक स्टडी में पता चला है कि कोविड-19 की चपेट में आए हुए 46 फीसदी लोगों की लीवर में दिक्कत पैदा हो रही है। आपको बता दें कि पहले सांस और हार्ट पर ही कोविड का असर ज्यादातर देखने को मिलता था। यह जानकारी बीवाईएल नायर अस्पताल के एक रिसर्च में निकलकर सामने आई है।

यह अनुसंधान कोविड मरीजों को लेकर ज्यादा जानकारी और अच्छा खासा डेटा रखता है। अस्पताल के रिसर्च में पाया गया कि 46 फीसदी कोविड मरीजों में वायरस के कारण लीवर में दिकक्त थीं। जिसके पीछे का कारण महामारी के शुरुआती दिनों में प्रायोगिक और संभावित खतरनाक दवाओं का ज्यादा उपयोग और गंभीर रूप से कम ऑक्सीजन का स्तर निकलकर सामने आया है।

नायर अस्पताल के गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग ने कोविड को लेकर 3,280 स्क्रीनिंग में से 1,474 की रिपोर्ट का पूर्वव्यापी अध्ययन किया। इस दौरान रिसर्च में पाया कि लिवर फंक्शन असामान्यताओं वाले रोगियों में गंभीर बीमारी और जान जाने का जोखिम ज्यादा था।

वहीं, नायर अस्पताल के गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट एवं डीन डॉ. प्रवीण राठी ने बताया कि रिपोर्ट के नतीजे इस ओर इशारा करते हैं कि फेफड़े और दिल की तरह ही मरीजों के लीवर को खासा नुकसान पहुंचा है। उनके मुताबिक, असामान्य लीवर फंक्शन टेस्ट बीमारी की गंभीरता के साथ ही कोविड मरीजों के आईसीयू अस्पताल में भर्ती होने की संभावना का अनुमान लगाने के लिए एक मार्कर के रूप में काम कर सकता है। उदाहरण के तौर पर 50 से अधिक एसजीओटी (रक्त परीक्षण जो कि लीवर प्रोफाइल का हिस्सा है) वाले रोगियों के गंभीर परिणाम निकलकर सामने आए।

नायर अस्पताल के रिसर्च में पाया गया कि 8 फीसदी तक रोगियों के लीवर को ज्यादातर नुकसान पहुंचा था। इनमें से 4.3 फीसद मरीजों के एडमिट होते ही यह जानकारी सामने आई। 1,474 कोविड मरीजों की रिपोर्ट्स में से 681 का लीवर फंक्शन सही काम नहीं कर रहा था। जबकि 793 मरीजों का लीवर फंक्शन सामान्य था। असामान्य लिवर फंक्शन टेस्ट वाले समूह वाले मरीजों में से 28 फीसद की मौत हो गई। जबकि सामान्य लिवर फंक्शन टेस्ट वाले समूह में 13 फीसद की ही जान गई। हालांकि इन मरीजों की मौत की वजह के पीछे शुगर, ज्यादा उम्र, पहले से मौजूद सिरोसिस और लीवर की बीमारी के साथ-साथ कम ऑक्सीजन के स्तर जैसी चीजें भी निकलकर सामने आई हैं।

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