दिल्ली डेस्कः तुर्किये और सीरिया में आए विनाशकारी भूकंप से मरने वालों की संख्या 12 हजार के करीब पहुंच गई है। इन दोनों मुल्कों में अब तक कुल 11,719 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि करीब 40 हजार लोग घायल हुए हैं। इस बीच दोनों देशों की मदद के लिए 70 से भी ज्यादा देश आगे आए हैं। भारत भी ‘ऑपरेशन दोस्त’ के तहत मदद भेज रहा है। दरअसल, टर्किश और हिंदी भाषा में ‘दोस्त’ शब्द का इस्तेमाल होता है, इसलिए इस ऑपरेशन का नाम दोस्त रखा गया है।
वहीं, भारत के विदेश मंत्रालय ने बुधवार को बताया कि तुर्किये में भूकंप आने के बाद से ही एक भारतीय नागरिक लापता है। साथ ही तुर्किये के दूर-दराज के इलाकों में 10 भारतीय फंसे हुए हैं। इन्हें रेस्क्यू करने की कोशिश की जा रही है।
भूकंप से जुड़े अपडेटः
- तुर्किये के कई शहरों में तापमान 9 से माइनस 2 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया है। हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि ऐसी स्थिति में लोगों को हाइपोथर्मिया होना का खतरा है।
- भारत ने तुर्किये में रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए NDRF टीमों के साथ गरुड़ एरोस्पेस कंपनी के ड्रोन भेजे हैं।
- तुर्किये में 9,057 लोगों की जान जा चुकी है और 35 हजार से ज्यादा लोगों के घायल होने की खबर है।
- सीरिया में 2,662 से ज्यादा लोग मारे गए और 4 हजार से ज्यादा जख्मी हैं।
- वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन का कहना है कि मौत का आंकड़ा 20 हजार के पार जा सकता है।
आपको बता दें कि तुर्किये और सीरिया में ये तबाही सोमवार को आए तीन बड़े भूकंपों के कारण आई है। प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक पहला तुर्किये के वक्त के मुताबिक, सोमवार सुबह करीब चार बजे (7.8) और दूसरा करीब 10 बजे (7.6) और तीसरा दोपहर 3 बजे (6.0)। इसके अलावा 243 आफ्टर शॉक्स दर्ज किए गए। इनकी तीव्रता 4 से 5 रही।
इस बीच भारत ने भी तुर्किये को मदद भेजी है। भारतीय वायुसेना का C-17 विमान 2 NDRF टीमों, डॉक्टरों और राहत सामग्री के साथ वहां पहुंच चुका है। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी तुर्किये के हालात पर चिंता जाहिर की। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पीएम मोदी ने मंगलवार को बीजेपी संसदीय दल की बैठक कहा, “आज तुर्किये जिस हालात से गुजर रहा है, उसे मैं समझ सकता हूं। 2001 में भुज में जब भूकंप आया था, तब मैं मुख्यमंत्री था। मुझे पता है कि रेस्क्यू ऑपरेशन में क्या दिक्कतें आती हैं।“ आपको बता दें कि गुजरात के भुज में आए भूकंप में 16 हजार से ज्यादा लोगों की जान गई थी। घायलों का आंकड़ा 68 हजार से ज्यादा था।
यूएन (UN) यानी संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि हिमपात और बारिश के कारण भूकंप से प्रभावित दोनों ही देशों में बचाव कार्य प्रभावित हो रहा है। इमरजेंसी सर्विसेज की टीमों को रेस्क्यू में काफी दिक्कत हो रही है। तुर्किये के हताय प्रांत में एक आदमी ने रोते हुए न्यूज एजेंसी रॉयटर्स को बताया कि इमारतों के ढेर में दबे लोग जान बचाने के लिए चीख रहे हैं। भूख, चोट और कड़ाके की ठंड से परेशान हैं।
वहीं, सीरिया में बचाव कार्यों में लगी व्हाइट हेलमेट्स की टीम के सदस्य रायद अल सालेह ने बताया कि जगह-जगह दबे लोगों को बचाने का काम वक्त के खिलाफ रेस की तरह लग रहा है।
भूकंप प्रभावित तुर्किये तथा की मदद के लिए दुनियाभर के देशों ने हाथ बढ़या है। विभिन्न देशों में तुर्किये और सहायता सामग्रियां भेजीं है।
देश का नाम…………………..तुर्किये और सीरिया के लिए मदद
दक्षिणइ कोरिया……………….5 मिलियन की मदद देने की घोषणा की है।
चीन…………………………..6 मिलियन की मदद देन की घोषणा की है।
ऑस्ट्रेलिया-न्यूजीलैंड………….11 मिलियन की मदद देने की घोषणा की है।
भारत…………………………इंडियन एयरफोर्स का C-17 विमान 2 NDRF टीमों, डॉक्टरों और राहत सामग्री के साथ भेजा।
अमेरिका………………………79 लोगों की दो सर्च ऑपरेशन टीम, 100 फायर फाइटर्स और इंजीनियर भेजें।
यूरोपियन यूनियन………………सर्च और रेस्क्यू ऑपरेशन टीम भेजी
रूस…………………………..बचाव कार्य के लिए 300 सैनिक और हेलीकोप्टर्स
इजरायल………………………बचाव कार्य के लिए 150 इंजीनियर, मेडिकल स्टाफ
ब्रिटेन………………………….76 रेस्क्यू स्पेशलिस्ट की टीम
पाकिस्तान……………………..सर्च रेस्क्यू टीम और 25 टन की राहत सामग्री भेजी।
इनके अलावा चेक रिपब्लिक, फ्रांस, माल्ता, नीदरलैंड, पोलैंड, अल्जेरिया, इटली, मोल्दोवा, अल्बानिया, उज्बेकिस्तान, हंगरी, जर्मनी, सर्बिया, स्लोवाकिया, आर्मेनिया और कतर ने भी तुर्किये और सीरिया में मदद भेजने का ऐलान किया है।