दिल्ली डेस्कः विनाशकारी भूकंप ने तुर्किये और सीरिया में भारी तबाही मचाई है। इन दोनों देशों में 24 घंटे बाद भी यहां लाशें मिलने का सिलसिला जारी है। अभी भी बड़ी-बड़ी इमारतों के कई टन मलबों के नीचे जिंदगियां तलाशी जा रही हैं। बच्चे, बूढ़े, महिलाएं, जो मिल रहे हैं, उनकी हालात देख रेस्क्यू टीम के हाथ कांप जा रहे हैं। जैसे ही किसी के जिंदा होने की खबर मिलती है, तो उसे बचाने को कोशिशें और बैचेनी बढ़ जाती है।
इस बीच तुर्किये के सानलिउर्फा प्रांत में ऐसा ही वाक्य देखने को मिला, जब एक महिला को 22 घंटे बाद जिंदा बाहर निकाला गया। रेस्क्यू टीम को ये महिला बेहोश हालात में मिली। उधर सीरिया के अलेप्पो में भी लोगों को बिल्डिंग की छतें काटकर निकाला जा रहा है। ऐसा मंजर दोनों देशों के कई शहरों में है।
आपको बता दें कि तुर्किये और सीरिया में ये तबाही सोमवार को आए तीन बड़े भूकंपों के कारण आई है। प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक पहला तुर्किये के वक्त के मुताबिक, सोमवार सुबह करीब चार बजे (7.8) और दूसरा करीब 10 बजे (7.6) और तीसरा दोपहर 3 बजे (6.0)। इसके अलावा 243 आफ्टर शॉक्स दर्ज किए गए। इनकी तीव्रता 4 से 5 रही।
तुर्किये और सीरिया में अब तक 4300 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। तुर्किये में 2921 लोगों की जान जा चुकी है। 15 हजार से ज्यादा लोगों के घायल होने की खबर है। वहीं, सीरिया में 1444 लोग मारे गए और 2 हजार से ज्यादा जख्मी हैं।
विनाशकारी भूकंप के कारण तुर्किये के 10 से ज्यादा प्रांतों में भारी तबाही हुई है। यहां 6217 से ज्यादा इमारतें धराशायी हो गई हैं। सीरिया में भी भूकंप की वजह से ऐसे ही हालात हैं। यहां भूकंप प्रभावित कई इलाके बशर अल असाद की सरकार और विद्रोहियों के कब्जे में हैं जिसकी वजह तबाही का सटीक आंकड़ा मिलना मुश्किल हो रहा है।
वहीं सीरियाई सरकार की एजेंसी सना ने बताया है कि अलेप्पो शहर में कई ऐतिहासिक इमारतों को नुकसान पहुंचा है। UN के प्रवक्ता के स्टीफन दुजारिक के मुताबिक नॉर्थ वेस्ट सीरिया में 224 इमारतें गिरी है। और 325 को काफी नुकसान पहुंचा है।
The magnitude 7.8 earthquake that struck Turkey and Syria is likely to be one of the deadliest this decade. Why was the quake so bad? https://t.co/vf37HkYfno pic.twitter.com/cwSRiaT42n
— Reuters (@Reuters) February 7, 2023
पीएम मोदी ने जताया दुखः भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तुर्किये और सीरिया में आए विनाशकारी भूकंप में लोगों की मौत पर शोक व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि भारत इस त्रासदी से निपटने में मदद के लिए हरसंभव सहायता देने को तैयार है। भूकंप के कारण हुए जान-माल के नुकसान से दुखी हूं। शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना। घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं।
पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा कि यह जानकर गहरा दुख हुआ कि विनाशकारी भूकंप ने सीरिया को भी प्रभावित किया है। पीड़ितों के परिवारों के प्रति मेरी गहरी संवेदना। हम सीरियाई लोगों के दुख को साझा करते हैं और इस कठिन समय में सहायता और समर्थन प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
उधर, पीएमओ (PMO) प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी राहत सामग्री के साथ राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और चिकित्सा दलों को तुर्किये गणराज्य की सरकार के समन्वय से तुरंत तुर्किये भेजा जाएगा। राहत व बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ की दो टीमें, विशेष रूप से प्रशिक्षित श्वान दस्ते और आवश्यक उपकरण भूकंप प्रभावित क्षेत्र में उड़ान भरने के लिए तैयार हैं। दोनों टीमों में 100 कर्मी शामिल हैं।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी भूकंप में लोगों की मौत पर शोक व्यक्त किया। उन्होंने ट्वीट किया कि तुर्किये में भूकंप के कारण हुए जानमाल के नुकसान से बहुत व्यथित हूं। इस कठिन समय में अपनी संवेदना और समर्थन से तुर्की के विदेश मंत्री को अवगत कराया। प्रधानमंत्री के निर्देश के बाद प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पीके मिश्रा ने तत्काल राहत उपायों पर चर्चा करने के लिए साउथ ब्लॉक में बैठक की।
वहीं, अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भी तुर्किये और सीरिया में विनाशकारी भूकंपों पर शोक व्यक्त किया।
आपको बता दें कि तुर्की का नाम अब तुर्किये हो गया है। राष्ट्रपति रिसेप तैयप एर्दोआन की सरकार ने इसके लिए कोशिश शुरू की थी। संयुक्त राष्ट्र (UN) ने नए नाम तुर्किये को मान्यता दी है।
यूरोपियन यूनियन के साथ भारत भी तुर्किये को मदद भेजेगा। भारत सरकार ने कहा- विशेष रूप से प्रशिक्षित डॉग स्क्वॉड और आवश्यक उपकरणों के साथ 100 कर्मियों वाली NDRF की 2 टीमें भूकंप प्रभावित क्षेत्र में जाने के लिए तैयार हैं।
भूकंप से जुड़े अपडेट्स…
- इजरायल, अजरबैजान, रोमानिया, नीदरलैंड्स भी रेस्क्यू के लिए टीम भेज रहे हैं।
- तुर्किये में भूकंप प्रभावित इलाकों में ब्लड डोनेशन कैंप लगाए गए हैं।
- रूस ने भी तुर्किये और सीरिया को मदद भेजने का ऐलान किया है। पुतिन फिलहाल 100 बचाव कर्मियों के साथ दो इल्यूशिन-76 एयरक्राफ्ट भेजने की तैयारी कर रहे हैं।
- अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और चीन भी मदद भेजने के लिए तैयार हैं।
- भूकंप ने अंकारा, गाजियांटेप, कहरामनमारस, डियर्बकिर, मालट्या, नूरदगी समेत 10 शहरों में भारी तबाही मचाई है। यहां 1,710 से ज्यादा बिल्डिंग गिरने की खबर है। कई लोग मलबे के नीचे दबे हैं। लोगों को बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। कई इलाकों में इमरजेंसी लागू कर दी गई है।
- तुर्किये के वाइस प्रेसिडेंट फुआत ओक्ते के ऑफिस की तरफ से एक बयान जारी किया गया। कहा- देश के 10 शहरों में इमरजेंसी और रेड अलर्ट जारी रहेगा। सभी स्कूल-कॉलेज एक हफ्ते बंद रहेंगे। फिलहाल, 200 फ्लाइट्स रद्द कर दी गई हैं। हम मिलिट्री के लिए एयर कॉरिडोर बना रहे हैं। इसमें सिर्फ एयरक्राफ्ट को लैंड और टेकऑफ की मंजूरी दी जाएगी।
उधर, यूएनजीसी ((USGS) यानी यूनाइटेड स्टेट्स जियोलॉजिकल सर्वे ने चौंकाने वाली बात कही है। इसके आंकड़ों के मुताबिक, तुर्किये में मरने वालों की संख्या एक हजार से ज्यादा हो गई है। यह संख्या 10 हजार तक पहुंच सकती है।
USGS ने इसके पीछे तर्क दिया कि 1939 में 7.8 तीव्रता का भूकंप आया था। तब 30 हजार लोगों की मौत हुई थी। वहीं, 1999 में 7.2 तीव्रता का भूकंप आया था, तब 17 हजार से ज्यादा लोगों की जान गई थी।
भूकंप के कारण सीरिया के दमिश्क, अलेप्पो, हमा, लताकिया समेत कई शहरों में इमारतें गिरने की खबर है। ट्रेन सेवाएं रद्द कर दी गई हैं। भूकंप से प्रभावित इलाकों में रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है। यहां के कई इलाकों में लोगों ने बताया कि करीब 40 सेकेंड तक भूकंप के झटके महसूस किए गए।