दिल्ली डेस्कः तुर्किये (पुराना नाम तुर्की), सीरिया, लेबनान और इजरायल सोमवार को आए विनाशकारी भूकंप ने भारी तबाही मचाई। इसके कारण तुर्किये और सीरिया में अब तक 2310 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 10,000 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं।
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक तुर्किये में अब तक 1121 लोगों की जान जा चुकी है तथा 5385 लोगों के घायल होने की खबर है। सीरिया में 783 लोग मारे गए और 1500 से ज्यादा लोग जख्मी हैं। लेबनान और इजरायल में भी झटके महसूस किए गए, लेकिन यहां नुकसान की खबर नहीं है। तुर्किये में सोमवार को एक के बाद एक भूकंप के तीन झटके महसूस किए गए।
टर्किश मीडिया के मुताबिक तुर्किये में भूकंप के तीन तगड़े झटके महसूस किए गए। पहला तुर्किये के यह पहली बार भूकंप सुबह करीब चार बजे (7.8) और दूसरा करीब 10 बजे (7.6), तीसरा दोपहर 03 बजे (6.0) आया। इसके अलावा 78 आफ्टर शॉक्स दर्ज किए गए, जिनकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 04 से 05 रही।
प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक भूकंप का केंद्र तुर्किये का गाजियांटेप शहर था। यह सीरिया बॉर्डर से 90 किमी दूर है। इसलिए इसके आसपास के इलाकों में ज्यादा तबाही हुई। दमिश्क, अलेप्पो, हमा, लताकिया समेत कई शहरों में इमारतें गिरने की खबर है।
पीएम मोदी ने जताया दुखः भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तुर्किये और सीरिया में आए विनाशकारी भूकंप में लोगों की मौत पर शोक व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि भारत इस त्रासदी से निपटने में मदद के लिए हरसंभव सहायता देने को तैयार है। भूकंप के कारण हुए जान-माल के नुकसान से दुखी हूं। शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना। घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं।
पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा कि यह जानकर गहरा दुख हुआ कि विनाशकारी भूकंप ने सीरिया को भी प्रभावित किया है। पीड़ितों के परिवारों के प्रति मेरी गहरी संवेदना। हम सीरियाई लोगों के दुख को साझा करते हैं और इस कठिन समय में सहायता और समर्थन प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
उधर, पीएमओ (PMO) प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी राहत सामग्री के साथ राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और चिकित्सा दलों को तुर्किये गणराज्य की सरकार के समन्वय से तुरंत तुर्किये भेजा जाएगा। राहत व बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ की दो टीमें, विशेष रूप से प्रशिक्षित श्वान दस्ते और आवश्यक उपकरण भूकंप प्रभावित क्षेत्र में उड़ान भरने के लिए तैयार हैं। दोनों टीमों में 100 कर्मी शामिल हैं।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी भूकंप में लोगों की मौत पर शोक व्यक्त किया। उन्होंने ट्वीट किया कि तुर्किये में भूकंप के कारण हुए जानमाल के नुकसान से बहुत व्यथित हूं। इस कठिन समय में अपनी संवेदना और समर्थन से तुर्की के विदेश मंत्री को अवगत कराया। प्रधानमंत्री के निर्देश के बाद प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पीके मिश्रा ने तत्काल राहत उपायों पर चर्चा करने के लिए साउथ ब्लॉक में बैठक की।
वहीं, अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भी तुर्किये और सीरिया में विनाशकारी भूकंपों पर शोक व्यक्त किया।
आपको बता दें कि तुर्की का नाम अब तुर्किये हो गया है। राष्ट्रपति रिसेप तैयप एर्दोआन की सरकार ने इसके लिए कोशिश शुरू की थी। संयुक्त राष्ट्र (UN) ने नए नाम तुर्किये को मान्यता दी है।
यूरोपियन यूनियन के साथ भारत भी तुर्किये को मदद भेजेगा। भारत सरकार ने कहा- विशेष रूप से प्रशिक्षित डॉग स्क्वॉड और आवश्यक उपकरणों के साथ 100 कर्मियों वाली NDRF की 2 टीमें भूकंप प्रभावित क्षेत्र में जाने के लिए तैयार हैं।
भूकंप से जुड़े अपडेट्स…
- इजरायल, अजरबैजान, रोमानिया, नीदरलैंड्स भी रेस्क्यू के लिए टीम भेज रहे हैं।
- तुर्किये में भूकंप प्रभावित इलाकों में ब्लड डोनेशन कैंप लगाए गए हैं।
- रूस ने भी तुर्किये और सीरिया को मदद भेजने का ऐलान किया है। पुतिन फिलहाल 100 बचाव कर्मियों के साथ दो इल्यूशिन-76 एयरक्राफ्ट भेजने की तैयारी कर रहे हैं।
- अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और चीन भी मदद भेजने के लिए तैयार हैं।
- भूकंप ने अंकारा, गाजियांटेप, कहरामनमारस, डियर्बकिर, मालट्या, नूरदगी समेत 10 शहरों में भारी तबाही मचाई है। यहां 1,710 से ज्यादा बिल्डिंग गिरने की खबर है। कई लोग मलबे के नीचे दबे हैं। लोगों को बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। कई इलाकों में इमरजेंसी लागू कर दी गई है।
- तुर्किये के वाइस प्रेसिडेंट फुआत ओक्ते के ऑफिस की तरफ से एक बयान जारी किया गया। कहा- देश के 10 शहरों में इमरजेंसी और रेड अलर्ट जारी रहेगा। सभी स्कूल-कॉलेज एक हफ्ते बंद रहेंगे। फिलहाल, 200 फ्लाइट्स रद्द कर दी गई हैं। हम मिलिट्री के लिए एयर कॉरिडोर बना रहे हैं। इसमें सिर्फ एयरक्राफ्ट को लैंड और टेकऑफ की मंजूरी दी जाएगी।
उधर, यूएनजीसी ((USGS) यानी यूनाइटेड स्टेट्स जियोलॉजिकल सर्वे ने चौंकाने वाली बात कही है। इसके आंकड़ों के मुताबिक, तुर्किये में मरने वालों की संख्या एक हजार से ज्यादा हो गई है। यह संख्या 10 हजार तक पहुंच सकती है।
USGS ने इसके पीछे तर्क दिया कि 1939 में 7.8 तीव्रता का भूकंप आया था। तब 30 हजार लोगों की मौत हुई थी। वहीं, 1999 में 7.2 तीव्रता का भूकंप आया था, तब 17 हजार से ज्यादा लोगों की जान गई थी।
भूकंप के कारण सीरिया के दमिश्क, अलेप्पो, हमा, लताकिया समेत कई शहरों में इमारतें गिरने की खबर है। ट्रेन सेवाएं रद्द कर दी गई हैं। भूकंप से प्रभावित इलाकों में रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है। यहां के कई इलाकों में लोगों ने बताया कि करीब 40 सेकेंड तक भूकंप के झटके महसूस किए गए।