दिल्ली डेस्कः तुर्किये में सोमवार सुबह भूकंप के जोरदार झटके महसूस किए गए। भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 7.8 मापी गई। झटके तुर्किये की राजधानी अंकारा, नूरदगी शहर समेत 10 शहरों में महसूस किए गए। इसके अलावा सीरिया, लेबनान और इजरायल में भूकंप के झटके महसूस किए गए। भूकंप ने जान-माल को भारी क्षति पहुंचाई है।
न्यूज एजेंसी AFP के मुताबिक, अधिकारियों ने बताया कि तुर्किये में अब तक 76 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। 440 लोगों के घायल होने की खबर है। वहीं, सीरिया में 42 लोग मारे गए हैं। 200 से ज्यादा घायल हुए हैं।
यूएसजीए (USGS) यानी यूनाइटेड स्टेट्स जियोलॉजिकल सर्वे के मुताबिक, पहले महसूस किए भूकंप का केंद्र कहरामनमारस प्रांत के गाजियांटेप शहर से 30 किलोमीटर दूर और धरती की सतह से करीब 24 किलोमीटर नीचे था। भूकंप झटके स्थानीय समय के मुताबिक सोमवार को तड़के 04 बजकर 17 मिनट पर आया। इसके 11 मिनट बाद 6.7 तीव्रता का दूसरा भूकंप भी आया। इसका केंद्र जमीन से 9.9 किलोमीटर नीचे था। दूसरे भूकंप के 19 मिनट बाद 5.6 तीव्रता का तीसरा भूकंप भी आया। लिहाजा कई लोगों के मलबे में दबे होने और मारे जाने की आशंका जताई जा रही है। लोगों को बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है।
इससे पहले नवंबर में तुर्किये में 6.1 तीव्रता का भूकंप आया था। इसके झटके इतने तेज थे कि राजधानी अंकारा, इस्तांबुल और आस-पास के इलाकों में महसूस किए गए थे। हेल्थ मिनिस्टर फहार्टिन कोका ने कहा- 22 लोग घायल हुए। ये लोग भूकंप के डर से एक ऊंची इमारत से कूद गए थे।
अमेरिका अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, भूकंप के केंद्र के पास यानी गाजियांटेप शहर में कई सीरियाई रिफ्यूजी रहते हैं। यूनाइटेड नेशन्स कमिशनर फॉर रिफ्यूजी के मुताबिक, दुनिया के सबसे ज्यादा रिफ्यूजी तुर्किये में रहते हैं। इनमें से 3.5 मिलियन सीरिया के रिफ्यूजी हैं। गाजियांटेप से ही इनकी मदद के लिए बड़े ऑपरेशन्स चलाए जाते हैं।
उधर, सीरिया के अलेप्पो, हमा और लताकिया शहरों में भूकंप के झटके महसूस किए। इन शहरों में सरकार ने इमरजेंसी घोषित कर दी है। देश में ट्रेन सेवाएं रद्द कर दी गई हैं। भूकंप से प्रभावित इलाकों में रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है।
न्यूज एजेंसी AP के मुताबिक, भूकंप का केंद्र दुजसे प्रांत के गोलकाया में आया। ये शहर इस्तांबुल से 200 किलोमीटर दूर है। इसी शहर में 1999 में सबसे खतरनाक 7.2 तीव्रता का भूकंप आया था, जिसमें 845 लोगों की मौत हो गई थी।
साल 2017 में ईरान-इराक में क्रॉस-बॉर्डर भूकंप आया था। इराक के कुर्दिश शहर हलाबजा से इरान के कर्मानशाह प्रांत में झटके महसूस किए गए थे। इसमें 630 लोगों की मौत हुई थी। 8 हजार से ज्यादा लोग घायल हुए थे।
दुनिया में हर साल आते हैं 20,000 हजार भूकंपः दुनिया में हर साल कई भूकंप आते हैं, लेकिन इनकी तीव्रता कम होती है। नेशनल अर्थक्वेक इंफोर्मेशन सेंटर हर साल करीब 20,000 भूकंप रिकॉर्ड करता है। इसमें से 100 भूकंप ऐसे होते हैं जिनसे नुकसान ज्यादा होता है। भूकंप कुछ सेकेंड या कुछ मिनट तक रहता है। अब तक के इतिहास में सबसे ज्यादा देर तक रहने वाला भूकंप 2004 में हिंद महासागर में आया था। यह भूकंप 10 मिनट तक रहा था।
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