दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट आज BBC की प्रतिबंधित डॉक्यूमेंट्री ‘इंडिया: द मोदी क्वेश्चन’ पर लगे बैन को हटाने को लेकर को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई करेगा। टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा, वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण और एडवोकेट एमएल शर्मा ने बीबीसी की डॉक्यूमेंट्र पर लगी पाबंदी को हटाने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। याचिका में कहा गया है कि BBC की डॉक्यूमेंट्री पर बैन लगाने का सरकार का फैसला मनमाना और असंवैधानिक है।
याचिका में दावा किया गया है कि ‘इंडिया: द मोदी क्वेश्चन’ नामक डॉक्यूमेंट्री में 2002 के गुजरात दंगों और उनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भूमिका की जांच की गई है। जब दंगे भड़के थे, तब PM मोदी, गुजरात के मुख्यमंत्री थे। याचिका में यह भी कहा गया है कि डॉक्यूमेंट्री में दंगे रोकने में नाकामयाब रहे जिम्मेदारों से जुड़े कई फैक्ट्स हैं। हालांकि, सच्चाई सामने आने के डर से इसे आईटी रूल 2021 के नियम 16 के तहत बैन किया गया है। रिकॉर्ड किए गए फैक्ट्स भी सबूत हैं और इन्हें पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है, जिसे न्याय नहीं मिला है।
याचिका कर्ताओं ने याचिका में गुजरात दंगों के लिए जिम्मेदार लोगों की जांच की भी मांग की गई है। एमएल शर्मा ने कहा है कि BBC डॉक्यूमेंट्री के दोनों एपिसोड और BBC के रिकॉर्ड किए गए सभी ओरिजनल फैक्ट्स की जांच करें। साथ ही गुजरात दंगों में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से किसी भी तरह से जिम्मेदार या शामिल आरोपियों के खिलाफ IPC की धारा 146, 302, 376, 425 और 120-बी और के तहत उचित कार्रवाई करें।
उधर, कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई याचिका को लेकर सोमवार को ट्वीट किया था और उन्होंने किसी का नाम लिए बिना कहा कि देश में जहां हजारों आम नागरिक न्याय के लिए इंतजार और तारीखों की मांग कर रहे हैं। ऐसे समय में कुछ लोग सुप्रीम कोर्ट का कीमती समय बर्बाद करते हैं।
वहीं, बीजेपी के राज्यसभा सांसद एवं सीनियर एडवोकेट महेश जेठमलानी ने BBC पर चीनी कंपनी से पैसा लेकर भारत विरोधी डॉक्यूमेंट्री बनाने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा- BBC को चीनी कंपनी हुवावे ने मोदी की छवि खराब करने के लिए पैसा दिया है। अब BBC चीनी एजेंडे को ही आगे बढ़ा रहा है। महेश जेठमलानी दिवंगत एडवोकेट राम जेठमलानी के बेटे हैं।
उन्होंने ट्वीट करके कहा था कि BBC इतना भारत विरोधी क्यों है? BBC का भारत के खिलाफ दुष्प्रचार फैलाने का एक लंबा इतिहास रहा है। 2021 में बिना जम्मू-कश्मीर के भारत का नक्शा BBC ने जारी किया था। बाद में उसने भारत सरकार से माफी मांगी थी और नक्शे को सही किया था।
आपको बता दें कि बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री सीरीज का पहला पार्टी इसी महीने जारी किया गया था, जिसे भारत सरकार ने ब्लॉक किया है। विदेश मंत्रालय ने इसे ‘प्रोपेगैंडा पीस’ बताया था। हालांकि, कई विश्वविद्यालयों में छात्र संगठनों द्वारा इसकी स्क्रीनिंग की जा रही है, जिसके कारण विवाद गहराता जा रहा है। सबसे पहले केरल में इस डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग की गई। इसके बाद भाजपा के युवा मोर्चा ने प्रदर्शन किया था।
बीबीसी ने 2002 में गुजरात में हुए दंगों के दौरान गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की भूमिका पर सवाल उठाते हुए एक डॉक्यूमेंट्री इंडियाः द मोदी क्वेश्चन जारी की है। बीबीसी की इस डॉक्यूमेंट्री पर प्रोपेगैंडा चलाने, पक्षपात करने और भारत की छवि को नुकसान पहुंचाने के आरोप लगे। जिसके बाद इस डॉक्यूमेंट्री पर सरकार ने बैन लगा दिया। सरकार के बैन लगाने के बाद कई विपक्षी नेताओं ने सरकार के इस कदम की आलोचना की।
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