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लूट गए अडानी, अमीरों की लिस्ट में नंबर 3 से 22वें नंबर पर पहुंचा

दिल्लीः अडानी ग्रुप पर अडानी ग्रुप पर अमेरिकी शोध कंपनी हिंडनबर्ग की रिपोर्ट पर संसद से शेयर बाजार तक हंगामा मचा हुआ है। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट  के बाद अडानी समूह को काफी नुकसान उठाना पड़ा है। गौतम अडानी की नेटवर्थ 55 बिलियन डॉलर हो गई है। पिछले साल गौतम अडानी की नेटवर्थ  150 बिलियन डॉलर थी। मशहूर अमेरिकी मैगजीन फोर्ब्स की ओर से शुक्रवार को जारी हुई अमीरों की रियल टाइम लिस्ट में गौतम अडानी 22वें स्थान पर पहुंच गए हैं। आपको बता दें कि 27 फरवरी के पहले गौतम अडानी दुनिया के तीसरे सबसे अमीर व्यक्ति थे। वहीं एशिया में पहले नंबर पर काबिज थे।

उधर, अमेरिकी स्टॉक एक्सचेंज डाउ जोंस ने अडानी एंटरप्राइजेज को सस्टेनबिलिटी इंडेक्स से बाहर कर दिया, जिसके बाद कंपनी के शेयर 35 प्रतिशत तक की गिरावट कर दी गई। हालांकि बाद में अडानी इंटरप्राइजेज के शेयर में ​रिकवरी आई और यह ​केवल ​​​2.19% की गिरावट के साथ 1,531 रुपए पर बंद हुआ। निचले स्तर से शेयर में 50% की रिकवरी देखने को मिली।

आपको बता दें कि अमेरिकी शोध कंपनी हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने से पहले 24 जनवरी की शाम को अडानी एंटरप्राइजेज के शेयर की कीमत 3400 रुपए के करीब थी और गुरुवार को यह करीब एक हजार रुपए तक नीचे आ गया। फिर रिकवर होकर 1,531 रुपए पर बंद हुआ।

इधर, एडवोकेट एमएल शर्मा ने हिंडनबर्ग रिसर्च के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। इसमें उन्होंने निवेशकों का शोषण करने और उन्हें ठगने के लिए हिंडनबर्ग रिसर्च के फाउंडर नाथन एंडरसन और उनके साथियों के खिलाफ FIR दर्ज करने की मांग की है। साथ ही उन निवेशकों के लिए मुआवजे की भी मांग की है, जिन्हें शेयर की कीमत गिरने से नुकसान हुआ है।

वहीं संसद में अडानी ग्रुप में एसबीआई (SBI) यानी भारतीय स्टेट बैंक और एलआईसी (LIC) का पैसा लगाने के मुद्दे पर लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही लगातार दूसरे दिन स्थगित करनी पड़ी। विपक्ष इसकी जांच संयुक्त संसदी समिति (JPC) या सुप्रीम कोर्ट के पैनल से कराने की मांग कर रहा है। इस पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि देश का शेयर मार्केट नियमों के मुताबिक चल रहा है। अडाणी के बिजनेस विवाद की वजह से निवेशकों का भरोसा डगमगाने की आशंका नहीं है।

प्राप्त जानकारी के मुताबिक सरकारी बैंक SBI ने अडानी ग्रुप को 21.38 हजार करोड़ रुपए का लोन दिया है। वहीं, फाइनेंस एवं इंश्योरेंस कंपनी LIC ने पिछले कुछ साल में अडानी ग्रुप में 30,127 करोड़ रुपए का इन्वेस्टमेंट किया है। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने से पहले LIC का ग्रुप के शेयरों से प्रॉफिट 81,000 करोड़ रुपए था, जो 02 फरवरी को 43,000 करोड़ रुपए रह गया। विपक्षी नेताओं का कहना है कि शेयर बाजार का यह अमृतकाल का सबसे बड़ा महाघोटाला है।

इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सोमवार को संसद परिसर में विपक्षी पार्टियों की मीटिंग बुलाई। इसमें कांग्रेस, TMC, आम आदमी पार्टी (AAP), समाजवादी पार्टी, DMK, जनता दल और लेफ्ट समेत 13 पार्टियां शामिल हुईं। इसके बाद कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि पार्टी कार्यकर्ता 06 फरवरी को देशभर के जिलों में स्थित LIC और SBI कार्यालयों के सामने विरोध-प्रदर्शन करेंगे। इसके जवाब में केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा- अडाणी स्टॉक क्रैश से सरकार का कोई लेना-देना नहीं है। विपक्ष के पास कोई और मुद्दा नहीं है।

ACE इक्विटी के पास अवेलेबल डेटा के मुताबिक, 31 दिसंबर 2022 तक LIC के पास अडाणी ग्रुप में करीब 1% ( 0.975%) हिस्सेदारी है। बीते 6 ट्रेडिंग सेशन में LIC का अडाणी ग्रुप में इन्वेस्टमेंट लगभग आधा रह गया है। विपक्ष का कहना है कि लोगों की मेहनत का पैसा बर्बाद हो रहा है। लोगों का विश्वास SBI और LIC से उठ जाएगा।

उधर, एनएसई (NSE) यानी नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ने अडानी ग्रुप के तीन शेयरों को शॉर्ट टर्म के लिए एडिशनल सर्विलांस मेजर्स (ASM) लिस्ट में शामिल कर लिया है। इनमें अडानी पोर्ट, अडानी एंटरप्राइजेज, और अबुंजा सीमेंट शामिल है। ASM निगरानी का एक तरीका है, जिसके जरिए मार्केट के रेगुलेटर सेबी और मार्केट एक्सचेंज BSE, NSE इस पर नजर रखते हैं। इसका लक्ष्य निवेशकों के हितों की रक्षा करना है। किसी शेयर में उतार-चढ़ाव होने पर उसे निगरानी में डाला जाता है।

 

इस बीच,आरबीआई ( RBI) यानी भारतीय रिजर्व बैंक ने देश के सभी बैंकों से अडानी ग्रुप को दिए कर्ज और निवेश का ब्योरा मांगा है। हालांकि, बैंकों ने कहा है कि अडाणी ग्रुप में उनका निवेश सुरक्षित है। इससे पहले स्विट्जरलैंड की कंपनी क्रेडिट सुईस ने मार्जिन कर्ज देने के लिए समूह के बॉन्ड को गारंटी के रूप में स्वीकारना बंद कर दिया। सिटी ग्रुप ने भी कंपनी की लैंडिंग वैल्यू हटा दी।

वहीं, रेटिंग एजेंसी मूडीज का इस मामले में कहा है कि अडानी ग्रुप की नकदी की स्थिति का आकलन किया जाएगा। अभी उनके लिए फंड जुटाना मुश्किल होगा। इधर, क्रेडिट रेटिंग एजेंसी फिच ने कहा है- हम अडाणी ग्रुप की कंपनियों के कैश फ्लो पर नजर बनाए हुए हैं। अभी उनकी रेटिंग पर कोई तत्काल प्रभाव नहीं पड़ा है। हमारी नजर बनी हुई है। अडानी ग्रुप की 8 कंपनियों को फिच रेटिंग मिली है।

इस बीच बांग्लादेश सरकार ने अडानी ग्रुप के साथ एनर्जी सेक्टर में डील में संशोधन की मांग की है। बांग्लादेश पावर डेवलपमेंट बोर्ड ने गुरुवार को अडाणी पावर को चिट्‌ठी लिखी। इसमें बिजली खरीदी की कीमतों में बदलाव करने की मांग की है। BPDC का कहना है कि उसे महंगी दर पर बिजली मिल रही है। BPDC ने नवंबर 2017 में 25 साल के लिए 1496 मेगावाट बिजली की आपूर्ति के लिए अडाणी पावर से डील की थी।

Delhi Desk

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