दिल्लीः केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को बजट पेश करने के दौरान कई बड़ी योजनाओं की घोषणा की। इसके साथ ही उन्होंने कई तरह के पुराने शुल्कों को हटाने और कई वस्तुओं के शुल्क में वृद्धि करने की घोषणा की। अब सरकार सिगरेट पर आकास्मिकता शुल्क को बढ़ाएगी। इसे फिलहाल 16 फीसदी बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। वहीं, प्रयोगशालाओं में निर्मित हीरों को बढ़ावा देने के लिए सीमा शुल्क में छूट दी जाएगी, जिससे इनकी कीमतों में भी गिरावट आएगी। इस तरह से आने वाले दिनों में मोबाइल फोन खरीदना सस्ता हो सकता है, वहीं सोना-चांदी खरीदना महंगा। सरकार ने मोबाइल फोन के कुछ पार्ट्स पर इंपोर्ट ड्यूटी घटा दी है और सोना-चांदी पर ड्यूटी में इजाफा किया है। ऐसे में आम आदमी की जेब पर किन चीजों का बोझ बढ़ने जा रहा है। तो जलिए जानने की कोशिश करते हुए कि बजट के बाद क्या सस्ता होगा और क्या महंगा
सस्ताः
- लिथियम आयन बैटरी बनाने में इस्तेमाल सामान की इंपोर्ट ड्यूटी घटाई
- टीवी पैनल के ओपन सेल के पुर्जों पर कस्टम ड्यूटी 5% से घटाकर 2.5% की गई
- मोबाइल फोन मैन्युफैक्चरिंग के लिए कुछ पार्ट्स पर कस्टम ड्यूटी घटाई
- लैब में बने हीरों की मैन्युफैक्चरिंग में इस्तेमाल सीड पर ड्यूटी कम की
- एक्सपोर्ट को बढ़ावा देने के लिए श्रिंप फीड पर कस्टम ड्यूटी कम करेगी
- क्रूड ग्लिसरीन पर कस्टम ड्यूटी 7.5% से घटाकर 2.5% की गई
- क्लीनिंग एजेंट डीनेचर्ड इथाइल अल्कोहल से कस्टम ड्यूटी खत्म की गई
महंगाः
- सिगरेट पर प्राकृतिक आपदा आपात ड्यूटी (NCCD) को 16% बढ़ाया
- गोल्ड बार और प्लेटिनम से बने सामान की ड्यूटी बढ़ाई
- चांदी और उससे बने सामान पर ड्यूटी बढ़ाई
- कंपांउडेड रबर पर ड्यूटी को 10% से बढ़ाकर 25% किया
- चांदी से बनी वस्तुओं पर कस्टम ड्यूटी में इजाफा किया
- किचन इलेक्ट्रिक चिमनी पर कस्टम ड्यूटी 7.5% से बढ़ाकर 15% की गई
एक बार देख लीजिए ये पूरी लिस्ट…
सामान……………………सस्ता
LED टीवी……………….सस्ता
मोबाइल फोन……………सस्ता
खिलौना…………………..सस्ता
मोबाइल कैमरा लेंस……सस्ता
इलेक्ट्रिक गाड़ियां……….सस्ता
हीरे के आभूषण…………सस्ता
बायोगैस से जुड़ी चीजें…सस्ता
लिथियम सेल्स …………सस्ता
साइकिल………………….सस्ता
सामान………………….. महंगा
सिगरेट…………………. महंगा
पीतल………………….. महंगा
छाता………………….. महंगा
विदेशी किचन
चिमनी…………………. महंगा
सोना………………….. महंगा
आयातित चांदी
के सामान…………….. महंगा
प्लेटिनम……………… महंगा
कपड़ा…………………. महंगा
विदेशी खिलौने……….. महंगा
अब बात करते हैं जीएसटी (GST) वस्तु एवं सेवा कर की, जिसके दायरे में 90% प्रोडक्ट आते हैं…
आपको बता दें कि 2017 में जीएसटी को लागू किया गया था, जिसके बाद लगभग 90% प्रोडक्ट की कीमत GST पर निर्भर करती है, जिसे GST काउंसिल तय करती है। वर्तमान में GST के टैक्स स्लैब में चार दरें – 5%, 12%, 18% और 28% हैं। आवश्यक वस्तुओं को इस टैक्स से छूट है या सबसे निचले स्लैब में रखा है। GST से जुड़े सभी फैसले GST काउंसिल लेती है।