Courtesy Reuters

पेशावरः पाकिस्तान का पेशावर शहर सोमवार को आतंकवादी हमले से दहल गया। यहां पुलिस लाइन्स में बनी मस्जिद में सोमवार को हुए फिदायीन हमले में 46 पुलिसकर्मियों की मौत हो गई है तथा 157 लोग घायल हैं। घायलों में से 66 की हालत नाजुक बताई जा रही है। विस्फोट इतना जबरदस्त था कि करीब दो किलोमीटर तक इसकी आवाज सुनाई दी। मस्जिद का एक बड़ा हिस्सा ढह गया। मस्जिद के इमाम नूर-अल अमीन की भी मौत हो गई। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने अस्पताल पहुंचकर घायलों से मुलाकात की है।

एक चश्मदीद के मुताबिक दोपहर की नमाज के वक्त मस्जिद में करीब 500 लोग मौजूद थे। इस दौरान फिदायीन हमलावर बीच की एक लाइन में मौजूद था। अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि वह पुलिस लाइन्स पहुंचा कैसे, क्योंकि अंदर जाने के लिए गेट पास दिखाना होता है।

जियो न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक हमले की जिम्मेदारी तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) ने ली है। पाकिस्तान की सेना ने इलाके को घेर लिया। आपको बता दें कि घटना वाले स्थल के पास ही आर्मी की एक यूनिट का ऑफिस भी है। इलाके में TTP का खासा दबदबा है और पिछले दिनों इसी संगठन ने हमले की धमकी भी दी थी।

TTP के हमले पाकिस्तान में लगातार तेज होते जा रहे हैं। इनकी जद में पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद भी आ गई है। पिछले महीने इस्लामाबाद में एक फिदायीन हमला हुआ था। इसमें एक पुलिस अफसर मारा गया था और 06 लोग घायल हो गए थे। इसके बाद शाहबाज शरीफ ने कैबिनेट मीटिंग बुलाई थी। मीटिंग के बाद होम मिनिस्टर राणा सनाउल्लाह ने कहा था- पाकिस्तान अपनी हिफाजत के लिए किसी भी हद तक जा सकता है। अगर अफगानिस्तान की तालिबान हुकूमत ने TTP को नहीं रोका तो हम अफगानिस्तान में घुसकर इन आतंकियों को मारेंगे।

टीटीपी (TTP)  को लेकर अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच तनाव बेहद खतरनाक रूप लेता जा रहा है। दोनों देशों के बीच डूरंड लाइन पर तमाम एंट्री और एग्जिट पॉइंट बंद किए जा चुके हैं। हालात ये हैं कि दो महीनों में दोनों देशों के बीच फायरिंग में करीब 16 पाकिस्तानी सैनिक मारे जा चुके हैं।

पाकिस्तान सरकार हमलों के लिए TTP को जिम्मेदार बताती है। पाकिस्तान के गृहमंत्री राणा सनाउल्लाह अफगानिस्तान को धमकी देते हैं, जिसका जवाब तालिबान के सीनियर लीडर एवं उप-प्रधानमंत्री अहमद यासिर ने सोशल मीडिया पर एक फोटो शेयर करके दिया था। पाकिस्तान को आईना दिखाते हैं।

आपको बता दें कि यासिर जो तस्वीर सोशल मीडिया पर शेयर करते हैं, वह 1971 में भारत और पाकिस्तान के बीच जंग की है। पाकिस्तानी सेना की करारी शिकस्त हुई थी। उसके 90 हजार से अधिक सैनिकों ने सरेंडर किया था। सरेंडर डॉक्यूमेंट पर पाकिस्तान की तरफ से लेफ्टिनेंट जनरल आमिर अब्दुल्लाह खान नियाजी ने दस्तखत किए थे। उनके ठीक बगल में मौजूद थे हमारी सेना के लेफ्टिनेंट जनरल जगजीत सिंह अरोड़ा। इसी सरेंडर के बाद बांग्लादेश एक अलग मुल्क बना था और पाकिस्तान के दो टुकड़े हो गए थे।

अफगानिस्तान के उप-प्रधानमंत्री अहमद यासिर ने इस फोटो के साथ उर्दू में एक कैप्शन शेयर किया। इसमें कहा- राणा सनाउल्लाह, जबरदस्त। भूलिए मत कि ये अफगानिस्तान है। ये वह अफगानिस्तान है जहां बड़ी-बड़ी ताकतों की कब्रगाहें बन गईं। हम पर फौजी हमले का ख्वाब मत देखिए, वरना अंजाम उतना ही शर्मनाक होगा जितना भारत के सामने आपका हुआ था।

 

इस हमले में घायल हुए लोगों का पेशावर के लेडी हार्डिंग अस्पताल में चल रहा है। अस्पताल ने लोगों को ब्लड डोनेट करने की अपील की है। अस्पताल की ओर से जारी बयान में कहा गया कि आम लोग जितना हो सके, उतनी जल्दी ब्लड डोनेट करने अस्पताल पहुंचें। मिलिट्री डॉक्टरों का एक दल भी अस्पताल पहुंचा।

आपको बता दें कि पेशावर में पिछले साल मार्च में एक शिया मस्जिद में धमाका हुआ था। तब हमले में 62 लोग मारे गए थे। ये सभी शिया समुदाय के लोग थे। धमाके के वक्त मस्जिद में जुमे की नमाज चल रही थी। इस आत्मघाती हमले की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट खोरासान ग्रुप (IS-KP) ने ली थी।

वहीं नौ साल पहले यानी 16 दिसंबर 2014 को पेशावर के आर्मी पब्लिक स्कूल पर आतंकी हमला हुआ था। इसमें 148 लोग मारे गए थे। इनमें 141 स्कूली बच्चे थे। उस समय भी TTP ने हमले की जिम्मेदारी ली थी। बाद में साजिश रचने वाले चार आतंकियों को गिरफ्तार किया गया था। संगठन का प्रवक्ता भी गिरफ्तार हुआ था। हैरानी की बात अहसान उल्ला नाम का यह प्रवक्ता बेहद रहस्यमयी तरीके से फौज की गिरफ्त से बड़े आराम से फरार हो गया था। बाद में उसने खुद कहा था कि फौज ने ही उसे रिहा किया था।

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