दिल्लीः 74वें गणतंत्र दिवस के मौके पर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के कर्त्तव्य पथ पर आयोजित समारोह के समापन के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को दर्शकों के बीच पहुंचे। पीएम मोदी लोगों को अचंभित करते हुए हर साल से अलग इस साल राष्ट्रपति (द्रौपदी मुर्मू) और उपराष्ट्रपति (जगदीप धनखड़) को विदा करने के बाद मीडिया की दीर्घा के सामने न जाकर सीधे नई संसद बनाने वाले श्रमिकों के बीच पहुंचे और हाथ हिलाकर लोगों का अभिवादन स्वीकार किया। दर्शक भी प्रधानमंत्री को अपने पास देखकर काफी उत्साहित दिखे। इस दौरान लोगों ने मोदी-मोदी के नारे लगाए।
इस साल गणतंत्र दिवस समारोह का थीम जनभागीदारी था और इसी के अनुरूप इस साल दर्शक दीर्घा में पहली लाइन वीवीआईपी लोगों की बजाय श्रमयोगियों जैसे सेंट्रल विस्टा कर्मी, फ्रंटलाइन कर्मी, सब्जी विक्रेता और ऑटो चालकों के लिए आरक्षित की गई थी। इस साल समाज के सभी वर्गों के आम लोगों जैसे सेंट्रल विस्टा, कर्तव्य पथ, नवीन संसद भवन, दूध, सब्जी विक्रेता, पथ विक्रेता आदि के निर्माण से जुड़े श्रमयोगियों को निमंत्रण भेजा गया था। इन विशेष आमंत्रितों को कर्त्तव्य पथ पर प्रमुखता से बैठाया गया था।
आपको बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी हर साल राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति को विदा करने के बाद सबसे पहले मीडिया कर्मियों के सामने जाते थे और इसके बाद इंडिया गेट की ओर बढ़ते थे, लेकिन इस साल वह न तो मीडियाकर्मियों की दीर्घा के सामने आए और न ही इंडिया गेट की ओर गए। इस साल प्रधानमंत्री सीधे आम दर्शकों की दीर्घा के पास गए और लोगों का अभिवादन स्वीकार करने के बाद वह विपरीत दिशा में राष्ट्रपति भवन की ओर बढ़ गए।
गणतंत्र दिवस के मौके पर पीएम मोदी राजस्थान की बंधेज पगड़ी में नजर आए। यह पीले और केसरिया रंग की थी। इसमें हरे और लाल रंग का प्रिंट भी थे। प्रधानमंत्री की यह राजस्थानी पगड़ी बेहद खूबसूरत लग रही थी। इसके साथ ही उन्होंने क्रीम रंग का चूड़ीदार कुर्ता-पजामा और काला कोट पहना था।
आपको बता दें कि आज बसंत पंचमी भी है। इस वजह से ये कयास लगाए जा रहे हैं कि मोदी ने अपने पहनावे का चयन इसी की ध्यान में रख कर किया था। पिछले साल गणतंत्र दिवस के मौके पर पीएम मोदी की पोशाक में उत्तराखंड और मणिपुर की एक झलक थी। उन्होंने उत्तराखंड की ब्रह्मकमल टोपी पहनी थी और मणिपुर से लीरुम स्टोल ली थी।