Subscribe for notification
अंतरराष्ट्रीय

जान लीजिए भविष्यवाणी, तबाही के कितने दूर खड़ी है दुनिया, डूम्सडे क्लॉक में कम हुआ 10 सेकेंड समय

दिल्ली डेस्कः दुनिया धीरे-धीरे तबाही के करीब पहुंचती जा रही है। अमेरिकी वैज्ञानिकों के मुताबिक दुनिया तबाही के कगार पर खड़ी है। अमेरिकी वैज्ञानिकों ने तबाही का संकेत देने वाले डूम्सडे क्लॉक को लेकर बड़ा ऐलान किया है। दुनियाभर में जंग के हालात के मद्देनजर शीर्ष परमाणु वैज्ञानिकों ने तीन साल में पहली बार इस घड़ी में 10 सेकेंड समय कम कर दिया है। इन शीर्ष परमाणु वैज्ञानिकों के अनुसार, अब दुनिया तबाह होने से सिर्फ 90 सेकेंड की दूरी पर है। आपको बता दें कि इस घड़ी में आधी रात का का वक्त होने में जितना कम समय रहेगा दुनिया में परमाणु युद्ध का खतरा उतना ही करीब होगा। साल 1947 से ही काम कर रही यह घड़ी बताती है कि दुनिया महाविनाश से कितनी दूर खड़ी है। अमेरिका की राजधानी वॉशिंगटन डीसी में सालाना डूम्सडे क्लॉक की घोषणा करते हुए वैज्ञानिकों ने कहा कि पूरी दुनिया पर तबाही के कगार पर खड़ी है।

बीएएस (BAS) यानी बुलेटिन ऑफ़ द एटॉमिक साइंटिस्ट्स  ने डूम्सडे क्लॉक की घोषणा करते हुए कहा कि यूक्रेन पर रूस का जारी आक्रमण, कोविड महामारी, जलवायु संकट और जैविक खतरे सबसे बड़े संकट बने हुए हैं। शीत युद्ध के चरम के दौरान भी डूम्सडे क्लॉक कभी भी तबाही के इतनी ज्यादा नजदीक नहीं पहुंची है। पिछले तीन साल से इस घड़ी की सुई आधी रात से 100 सेकेंड की दूरी पर रुकी हुई थी। तब बताया जा रहा था कि खतरा 100 सेकेंड पर ही रुका हुआ है। लेकिन, इस बाद यूक्रेन युद्ध में बढ़ते जोखिमों के कारण तबाही के एक कदम और करीब आ गया है।

बीएएस के अध्यक्ष एवं सीईओ राहेल ब्रॉनसन ने कहा कि हम अभूतपूर्व खतरे के समय में रह रहे हैं। कयामत के दिन की घड़ी का समय उस वास्तविकता को दर्शाता है। 90 सेकंड तक की दूरी आधी रात से अब तक सबसे करीब है। उन्होंने कहा कि यह एक ऐसा निर्णय है जिसे हमारे विशेषज्ञ हल्के में नहीं लेते हैं। अमेरिकी सरकार, उसके नाटो सहयोगियों और यूक्रेन के पास बातचीत के लिए कई चैनल हैं। हम नेताओं से आग्रह करते हैं कि वे घड़ी को पीछे करने की पूरी क्षमता से उन सभी का पता लगाएं।

तबाही के खतरे को कैसे मापा जाता हैः आपको बता दें कि डूम्सडे क्लॉक के लिए खतरे का स्तर कई पैमानों पर मापा जाता है। इसका आंकलन युद्ध, हथियारों, जलवायु परिवर्तन, विध्वंसकारी तकनीक, प्रॉपगैंडा वाले वीडियो और अंतरिक्ष में हथियारों की तैनात की कोशिश जैसे वैश्विक हलचल से मापी जाती है। त युद्ध की समाप्ति पर 1991 में यह घड़ी मध्यरात्रि यानी विनाश से सबसे अधिक 17 मिनट की दूरी पर थी। डूम्सडे क्लॉक एक सांकेतिक घड़ी है जो मानवीय गतिविधियों के कारण वैश्विक तबाही की आशंका को बताती है। इस घड़ी में मध्यरात्रि 12 बजने को भारी तबाही का संकेत माना जाता है। 1945 में हिरोशिमा और नागासाकी में हुए हमले के बाद वैज्ञानिकों ने मानव निर्मित खतरे से विश्व को आगाह करने के लिए इस घड़ी का निर्माण किया गया था।

General Desk

Recent Posts

यूपी जाकर देखें केजरीवाल की किस गति से विकसित हो रहा है राज्यः प्रवीण शंकर

संवाददाताः संतोष कुमार दुबे दिल्लीः दिल्ली बीजेपी के भाजपा प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने AAP के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल…

13 minutes ago

भ्रष्टाचार मिटाने की बात करने वाले आपदा वालों ने भ्रष्टाचार के सारे रिकॉर्ड तोड़ेः नड्डा

संवाददाताः संतोष कुमार दुबे दिल्लीः बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने AAP पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि…

57 minutes ago

केजरीवाल है झूठ के एटीएम और दिल्ली की दुर्गती करने के अफराधी, अपने गुरु को धोखा देने वाले, फिर से जनता को धोखा ही देंगेः योगी

संवाददाताः संतोष कुमार दुबे दिल्लीः यूपी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को दिल्ली के सियासी मैदान में उतरे। उन्होंने एक…

5 hours ago

Mahakumbh : प्रयागराज में संगम की रेती पर आला अफसरों का कल्पवास, डीएम जैसे अधिकारी भी कर रहे हैं नियमों का पाल

प्रयागराज: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में संगम की रेती पर कई आला अफसर कल्पवास कर रहे हैं। इनमें डीएम से…

12 hours ago

क्या है दंडी परम्परा, जिसे धारण करने वाले ही बनते

प्रयागराज: आपने सुदर्शन दंड, नारायण दंड समेत पांच दंड के बारे में सुना होगा, जिसे  दंडी संन्यासी धारण करते हैं।…

13 hours ago

धामी ने दिल्ली को नई ऊंचाई पर ले जाने के लिए लोगों से की बीजेपी को वोट देने की अपील

संवाददाताः संतोष कुमार दुबे दिल्लीः उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दिल्लीवासियों के राष्ट्रीय राजधानी को नई ऊंचाई पर…

1 day ago