दिल्लीः इस साल गणतंत्र दिवस के मौके पर कर्तव्य पथ पर राष्ट्रपति को तोपो की सलामी नहीं दी जाएगी। इस साल 25 पाउंडर पुरानी तोपों के बजाय नए 105 एमएम इंडियन फिल्ड गन से राष्ट्रीय ध्वज को 21 तोपों की सलामी दी जाएगी। यह फैसला सरकार की मेक इन इंडिया पहल को और आगे बढ़ाने के उद्देश्य से लिया है। दिल्ली क्षेत्र के चीफ ऑफ स्टाफ मेजर जनरल भावनीश कुमार ने सोमवार को संवाददाताओं से कहा हम स्वदेशीकरण की ओर जा रहे हैं और वह समय दूर नहीं जब सभी उपकरण स्वदेशी होंगे। उन्होंने बताया कि सेना द्वारा गणतंत्र दिवस परेड में प्रदर्शित किए जाने वाले सभी उपकरण भारत में बने हैं जिनमें आकाश हथियार प्रणाली और हेलीकॉप्टर, रुद्र और एएलएच ध्रुव शामिल हैं।

उन्होंने बताया कि इस साल 21 तोपों की सलामी 105 मिलीमीटर इंडियन फिल्ड गन से दी जाएगी जो 25 पाउंडर का स्थान लेंगी। गौरतलब है कि 2281 फिल्ड रेजीमेंट की 1940 के शुरुआत में निर्मित सात तोपों से राजपथ (अब कर्तव्य पथ) पर आयोजित गणतंत्र दिवस परेड में सलामी देने के लिए गोले दागे जाते थे। इनका निर्माण ब्रिटेन में हुआ था और इन्होंने द्वितीय विश्वयुद्ध में हिस्सा लिया था।

उन्होंने बताया कि वर्ष 1972 में 105 इंडियन फिल्ड गन को डिजाइन किया गया था और गन कैरेज फैक्टरी जबलपुर और फिल्ड गन फैक्टरी कानपुर में इनका निर्माण होता है और वर्ष 1984 से ही ये सेवा में है। गणतंत्र दिवस समारोह से पहले राजधानी दिल्ली में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। पुलिस और अन्य सुरक्षाकर्मी यहां गहन जांच अभियान चला रहे हैं।

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