दिल्ली डेस्कः भारतीय सेना की ओर से पाकिस्तान में किए गए सर्जिकल स्ट्राइक के मुद्दे पर दिग्विजय सिंह के बयान से कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने किनारा कर लिया है। राहुल गांधी ने मंगलवार को कहा कि कांग्रेस ने सेना के शौर्य पर कभी सवाल नहीं उठाया है। अगर सेना कुछ करती है तो उस पर सबूत देने की जरूरत नहीं। ये दिग्विजय जी की निजी राय है। मैं इससे सहमत नहीं हूं।

केरल के वायनाड से सांसद राहुल ने कहा कि कांग्रेस में किसी की बात को दबाया नहीं जाता, जहां चर्चा होगी वहां बेहूदा बात भी होगी। मुझे पार्टी के सीनियर लीडर के लिए ऐसा कहते हुए बुरा लग रहा है, लेकिन दिग्विजय जी ने बेहूदा बात ही कही है।

उन्होंने कहा, “जब हम अंग्रेजों से लड़ रहे थे, तब बीजेपी -संघ के लोग उनके साथ थे। उन्हीं के नेताओं ने दो देशों का कॉन्सेप्ट दिया। जहां तक दिग्विजय जी के बयान की बात है। उन्होंने जो सर्जिकल स्ट्राइक पर कहा, उससे हम पूरी तरह डिसएग्री करते हैं। कांग्रेस पार्टी भी इससे सहमत नहीं है। हमारी आर्मी पर हमें पूरा भरोसा है।“

कांग्रेस नेता ने बीजेपी और आरएसएस पर हमला बोलते हुए कहा कि मेरे दिल में बीजेपी , RSS, पीएम मोदी के लिए नफरत नहीं है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह जी ने अगर ऐसा कहा है कि मेरे दिन में नफरत है और मैं नफरत ही फैलाने निकला हूं, तो ये उनकी गलत सोच है। हालांकि, मुझे बड़ी हैरानी होगी अगर ये उनके अपने विचार हुए तो। जिस पार्टी में वे हैं, वहां उन्हें ऊपर से आदेश आते हैं कि क्या कहना है। मुझे नहीं लगता कि ऐसे बयान देने के अलावा उनके पास कोई और ऑप्शन होगा।

इस दौरान जब राहुल गांधी से पूछा गया कि दिग्विजय के बयान से पार्टी ने खुद को दूर कर दिया है, लेकिन उन पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं होती। इस पर राहुल ने कहा कि हमारी पार्टी डेमोक्रेटिक पार्टी है। यहां डिक्टेटरशिप नहीं है। हम दूसरे की आवाज दबाकर पार्टी चलाने में यकीन नहीं रखते हैं। यहां लोगों को अपनी बात रखने दी जाती है, चाहे वह पार्टी की सोच से कितनी भी अलग क्यों न हो। दिग्विजय जी ने जो भी कहा वे उनके निजी विचार हैं, लेकिन पार्टी के विचार उनके विचार से ऊपर हैं।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल ने कहा कि बीजेपी में चर्चा नहीं होती है। वहां पीएम मोदी सुबह उठते हैं और फैसला ले लेते हैं, जिसे सबको मानना पड़ता है। जैसे उन्होंने नोटबंदी और GST के समय किया था। कांग्रेस के विचार पार्टी के अंदर चर्चाओं से बनते हैं। मैं आपको विश्वास दिलाना चाहता हूं कि दिग्विजय सिंह के विचार पार्टी की विचारधारा से बिल्कुल अलग हैं। यात्रा ने अब तक जो हासिल किया है, वो उनके बयान से खत्म नहीं हाे जाता है।

उससे पहले जम्मू में ही मंगलवार को भारत जोड़ो यात्रा के दौरान कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह से सवाल पूछने पर जयराम रमेश भड़क गए। मीडिया दिग्विजय से सर्जिकल स्ट्राइक पर दिए बयान पर सवाल कर रहा था। इसी दौरान जयराम रमेश आए और कहने लगे- बहुत हो गया। आप लोग हमें चलने दीजिए। हम सभी सवालों के जवाब दे चुके हैं। आप प्रधानमंत्री से जाकर सवाल पूछिए।

आपको बता दें कि कांग्रेस नेता कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने सोमवार को 2016 में हुए सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल उठाया था। उन्होंने जम्मू में कहा था कि सरकार ने अब तक सर्जिकल स्ट्राइक का सबूत नहीं दिया है। केंद्र सरकार सर्जिकल स्ट्राइक के बारे में बात करती है कि हमने इतने लोग मार गिराए हैं, लेकिन सबूत कुछ नहीं है।

दिग्विजय ने सर्जिकल स्ट्राइक के अलावा 2019 में पुलवामा में हुए आतंकी हमले को लेकर भी प्रधानमंत्री को घेरा। कांग्रेस नेता ने दावा किया कि पुलवामा हमले के वक्त CRPF अफसरों ने कहा था कि जवानों को एयरक्राफ्ट से मूवमेंट कराया जाए, पर प्रधानमंत्री नहीं माने

उधर, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दिग्विजय के बयान पर कहा कि दिग्विजय के शासन में मध्य प्रदेश सिमी का गढ़ था। ये कैसी भारत जोड़ो यात्रा है। इसमें टुकड़े-टुकड़े गैंग चल रहा है। राहुल कह रहे हैं कि सेना कमजोर हो गई है। कांग्रेस के DNA में ही पाकिस्तान परस्ती है। कभी सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत मांगते हैं। कभी भगवान राम पर सवाल उठाते हैं।

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