संवाददाता-नरेन्द्र कुमार वर्मा, प्रखर प्रहरी
दिल्लीः सारी दुनिया भारतीय आयुर्वेद का लोहा मानती है। आज दुनिया के अनेक देश स्वास्थ्य और चिकित्सा के क्षेत्र में भारतीय आयुर्वेद को अपना रहे हैं। भारतीय आयुर्वेद चिकित्सा को दुनिया के लिए स्वास्थ्य की बेहतरीन पद्धति बताते हुए कनाडा ने कहा हैं कि वह भारतीय आयुर्वेद चिकित्सा पध्दति को अपने यहां लागू करेगा। भारत में आयुर्वेद की प्राचीन और आधुनिक पद्धति को परखने एवं उसके परिणामों को समझने के लिए कनाडा के ओंटारियों राज्य के स्वास्थ्य मंत्री इन दिनों भारत के दौरे पर हैं।
कनाडा के ओंटारियो प्रांत के स्वास्थ्य मंत्री माइकल ए टीबॉलों ने एक प्रतिनिधि मंड़ल क साथ अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान का दौरा किया। माइकल टिबोलो ने कहा कि कनाडा के अस्पतालों में भीड़ कम करने के लिए भारतीय आयुर्वेदिक पद्वति बहुत कारगर साबित होगी। आयुर्वेद चिकित्सा के तरीकों एव विभिन्न पध्दतियों के अध्यन के लिए कनाडा सरकार का प्रतिनिधि मंड़ल अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान के भ्रमण पर है। आयुर्वेद संस्थान में कैनेडियन प्रतिनिधिमंडल ने आयुर्वेदिक जीवन शैली,हॉस्पिटल, शैक्षिणिक केंद्र, प्रयोगशालाओं सहित आयुर्वेदिक चिकित्सा के एकीकृत मॉडल को भली भाँति समझा। इस अवसर पर माइकल ए टीबॉलों ने कहा उन्होंने भारतीय आयुर्वेद संस्थान में आयुर्वेदिक शोध, सामुदायिक स्वास्थ्य, और मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े विभिन्न पहलुओं को देखा एवं परखा।
उन्होंन कहा कि कनाडा के सार्वजनिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में भारतीय आयुर्वेदिक चिकित्सा पध्दति बहुत कारगर साबित होगी। माइकल ए टीबॉलों ने कहा कि हम बचाव, स्वास्थ्य को ले कर शिक्षा और बेहतर स्वास्थ्य और लाइफस्टाइल पर ध्यान देना भूल जाते है। जबकि आयुर्वेद और बाकी चिकित्सीय पद्वतियों के एकीकृत मॉडल के मुकाबले आकस्मिक चिकित्सा के क्षेत्र में आयुर्वेदिक औषधियां और पाश्चात्य चिकित्सा के साथ साथ मिलकर काम कर सकते हैं, यह अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान में देखने को मिलता हैं। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद जैसी हज़ारो साल पुरानी पारम्परिक चिकित्सा ने रिसर्च द्वारा यह सिद्ध किया है किया है कि इसके सेवन से आकस्मिक चिकित्सा की ज़रुरत को टाला या कम किया जा सकता हैं। उन्होंने कहा कि अखिल भारतीय आर्युवेद संस्थान ने यह सिद्ध किया है कि योग और आयुर्वेद की शक्ति से कई रोगों से बचाव और उपचार संभव हैं ।
इस मौक पर संस्थान की निदेशक प्रोफेसर (डॉ) तनूजा मनोज नेसरी संस्थान के डीन पी एच डी प्रोफेसर डॉ. महेश व्यास , डीन पी जी डॉ. आनंद मोरे , कुमारभृत्य डिपार्टमेंट के प्रोफेसर राजगोपाला , मेडिकल सुपरिन्टेन्डेन्ट डॉ अनंतरमन शर्मा , काया चिकित्सा डिपार्टमेंट के प्रोफेसर एस जोनाह मौजूद थे। कैनेडियन प्रतिनिधि मंडल में कनाडा इंडिया फाउंडेशन के सतीश ठक्कर, चेयरमैन कनाडा इंडिया फाउंडेशन, रितेश मल्लिक और फाउंडेशन के अन्य सदस्य भी उपस्थित थे।