दिल्लीः बंगाल की राजनीति की जब कभी भी चर्चा होती है, तो एक नाम जरूर लिया जाता है। वह नाम है प्रसिद्ध वामपंथी नेता ज्योति बसु का। ज्योति बसु देश के पहले ऐसे नेता थे जो लगातार 23 साल तक सीएम रहे। आज उनकी पुण्यतिथि है।
ज्योति बसु का जन्म 08 जुलाई 1914 को कलकत्ता के एक बंगाली कायस्थ परिवार में हुआ। पिता निशिकांत बसु पेशे से डॉक्टर थे। तीन भाई-बहनों में ज्योति दा सबसे छोटे थे। घरवाले प्यार से उन्हें गण बुलाते थे। बचपन ढाका जिले के बरुड़ी में गुजरा। कलकत्ता के हिंदू कॉलेज से ग्रेजुएशन करने के बाद लंदन यूनिवर्सिटी से लॉ की पढ़ाई करने ब्रिटेन चले गए।
यहीं से राजनीति में सक्रिय हुए। 1937 में एंटी एंपियरलिस्ट इंडियन स्टूडेंट यूनियन के एक्टिव मेंबर बने। 1938 में लंदन मजलिस के मेंबर बने। 1930 में सीपीआई की सदस्यता ले चुके ज्योति बसु रेल कर्मचारियों के आंदोलन में शामिल होने के बाद चर्चा में आए। 1957 में पश्चिम बंगाल विधानसभा के विपक्ष के नेता चुने गए।
साल 1967 में वाम मोर्चा सरकार में गृहमंत्री बने। इस दौरान नक्सलवाड़ी आंदोलन की वजह से राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा और सरकार गिर गई। 1977 में जब वाम मोर्चे को पूर्ण बहुमत मिला तो ज्योति दा मुख्यमंत्री बने। इसके बाद 2000 तक वे राज्य के सीएम रहे।
सुरभी बनर्जी ने अपनी किताब में बताया है कि ज्योति बसु हमेशा प्रधानमंत्री बनना चाहते थे। उन्हें एक नहीं 3 बार प्रधानमंत्री बनने का ऑफर मिला। दो बार प्रधानमंत्री बनने का ऑफर ठुकरा चुके ज्योति बसु, 1996 में तीसरी बार प्रधानमंत्री बनना चाहते थे। उस दौरान उन्होंने कहा था कि अगर पार्टी अनुमति देगी, तो प्रधानमंत्री बनूंगा, लेकिन पार्टी ने उन्हें मंजूरी नहीं दी। इसी के साथ उनका प्रधानमंत्री बनने का सपना अधूरा रह गया। इस फैसले को उनकी पार्टी की सबसे बड़ी भूल बताया जाता है।
भूकंप से जब कांप उठा जापानः आज से 28 साल पहले यानी 17 जनवरी 1995 को जापान प्राकृतिक आपदा से कांप उठा था। 17 जनवरी 1995 को जापान के कोबे में 7.3 तीव्रता के भूकंप में 06 हजार से ज्यादा लोगों की जान चली गई थी। भूकंप का एपिसेंटर कोबे से 20 किमी दूर उत्तर में इनलैंड समुद्र के आवाजी आइसलैंड में था। भूकंप में 40 हजार से ज्यादा लोग घायल हुए, 03 लाख लोग बेघर हो गए। 2.40 लाख घर बर्बाद हो गए। लाखों लोगों को बिजली और पानी की शॉर्टेज का सामना करना पड़ा। इस तबाही में कोबे और ओसाका को जोड़ने वाला हनशीन एक्सप्रेस वे भी बर्बाद हो गया था। आइए एक नजर डालते हैं देश और दुनिया में 17 जनवरी को घटित हुईं महत्वपूर्ण घटनाओं पर…
1584 : मध्य यूरोपीय देश बोहेमिया ने ग्रेगोरियन कैलेंडर अपनाया।
1595 : फ्रांस के राजा हेनरी चतुर्थ ने स्पेन के खिलाफ युद्ध की घोषणा की।
1601 : मुगल बादशाह अकबर ने असीरगढ़ के अभेद किले में प्रवेश किया।
1601 : फ्रांस ने स्पेन के साथ समझौता किया जिसके तहत फ्रांस को ब्रीस, बगेस वोल्रोमेय तथा गेक्स इलाका प्राप्त हुआ।
1706 : अमेरिकी लेखक बेंजामिन फ्रेंकलिन का जन्म हुआ था।
1757 : जर्मनी ने प्रूशिया के खिलाफ युद्ध की घोषणा की।
1852 : ब्रिटेन ने दक्षिण अफ्रीका के ट्रांसवाल की स्वतंत्रता को मान्यता दी।
1863 : अमेरिकी राज्य वर्जीनिया में गृह युद्ध शुरू हुआ।
1895 : फ्रांसीसी राष्ट्रपति कैसिमिर पेरियर ने इस्तीफा दिया।
1913 : रेमंड प्वाइनकेयर फ्रांस के राष्ट्रपति चुने गये।
1917 : अमेरिका ने तीन आइसलैंड- सेंट थॉमस, सेंट जॉन और सेंट क्रोइक्स 25 मिलियन डॉलर में खरीदे।
1917: तमिल फिल्मों के सुपरस्टार एवं प्रसिद्ध राजनेता मारुदुर गोपालन रामचन्द्रन यानी एमजीआर का जन्म हुआ।
1918 : प्रसिद्ध फिल्म निर्माता निर्देश कमाल अमरोही का जन्म हुआ था।
1941 : स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस कलकत्ता (अब कोलकाता) से जर्मनी के लिए रवाना।
1942 : पूर्व हैवीवेट चैंपियन अमेरिकी बॉक्सर मोहम्मद अली का जन्म हुआ।
1943 : द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान ब्रिटिश प्रधानमंत्री विंस्टन चर्चिल और US प्रेसिडेंट फ्रैंकलिन रूसवेल्ट की मोरक्को में मुलाकात की।
1945 : तत्कालीन सोवियत रूस की सेना जर्मनी के वर्साय पहुंची।
1945 : स्क्रिप्ट राइटर और हिन्दी फिल्मों के गीतकार जावेद अख्तर का जन्म।
1946 : संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की पहली बैठक हुई।
1948 : नीदरलैंड तथा इंडोनेशिया संघर्ष विराम पर सहमत हुए।
1976 : यूरोपीय स्पेस एजेंसी ने हरमस रॉकेट लांच किया।
1979 : तत्कालीन सोवियत रूस ने परमाणु परीक्षण किया।
1980 : नासा ने फ्लाट्सट्कोम-3 लांच किया।
1985 : भारतीय क्रिकेटर अजहरुद्दीन ने इंगलैंड के खिलाफ दूसरा टेस्ट शतक लगाया।
1987 : टाटा फुटबॉल अकादमी खुला।
1989 : कर्नल जेके बजाज उत्तरी ध्रुव पर पहुंचने वाले पहले भारतीय बने।
1995 : जापान में 7.2 तीव्रता के भूकंप में 5,372 लोगों की मौत।
2007 : ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर माइकल बेवन ने इंटरनेशनल क्रिकेट से रिटायरमेंट लिया।
2013 : इराक में सिलसिलेवार बम धमाकों में 33 लोगों की मौत।
2014 : अभिनेत्री सुचित्रा सेन का निधन। हिंदी और बांग्ला फिल्मों में काम कर चुकीं सुचित्रा एक्ट्रेस मुनमुन सेन की मां थीं।
2020 : पूर्व भारतीय क्रिकेट खिलाड़ी बापू नाडकर्णी का निधन हुआ।
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