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हिंदुओं को अपने जातीय भेदभाव को खत्म करना होगा, सारे हिंदू एक ही मां-बाप के बच्चे हैं:  देशपांडे  - Prakhar Prahari
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हिंदुओं को अपने जातीय भेदभाव को खत्म करना होगा, सारे हिंदू एक ही मां-बाप के बच्चे हैं:  देशपांडे

संवाददाताः प्रखर प्रहरी

दिल्लीः वीएचपी (VHP) यानी विश्व हिंदू परिषद दिल्ली प्रांत के अंबेडकर जिला की ओर से यहां सामाजिक समरसता कार्यक्रम का अयोजन किया गया। इस अवसर पर वीएचपी के केंद्रीय संगठन महामंत्री विनायक राव देशपांडे ने कहा कि हिंदुओं को अपने जातीय भेदभाव को खत्म करना होगा। उन्होंने आगे कहा कि सारे हिन्दू एक ही मां-बाप की संतान है।

उन्होंने कहा कि वीएचपी देश में सामाजिक समरसता के लिए पिछले 58 सालों से कार्य  कर रही है। इसको लेकर वीएचपी की ओर से देश भर में 7000 से अधिक सेवा कार्यों का संचालन किया जा रहा हैं। यह सेवा कार्य 80 फीसदी से अधिक अनुसूचित जाति के लोगों को समर्पित हैं। देश के किसी भी मंदिर में जातीय आधार पर अगर कोई हिंदू को रोकता है, तो वीएचपी उसका विरोध करती है।
उन्होंने कहा कि जातीय भेदभाव के खिलाफ लोगों को जागरूक करने के लिए वीएचपी देश भर में जागरूकता अभियान चला रही है।  उन्होंने आगे कहा कि  प्राचीन काल में भारत में जातीय भेदभाव नहीं था। इस बात को डॉ अंबेडकर ने अपनी कई किताबों में लिखा है।

देशपांडे ने बताया कि अंग्रेजो ने कास्ट नोटिफिकेशन बनाकर 429 जातियों को उसमें शामिल किया। इसके अलावा उन्होंने बताया की प्राचीन काल में भारत में नारियों का बहुत सम्मान था।  कई विद्वान नारियों के नाम हमको हमारे धर्म ग्रंथों में मिलते है।  इस्लामिक शासकों ने जब 12वीं सदी में भारत पर आक्रमण किया तो उन्होंने लाखों की संख्या में हिंदुओ को मुसलमान बनाया था और जिन लोगों ने मुस्लिम धर्म स्वीकार नहीं किया उनको गुलाम बनाया और घर की साफ सफाई और उनसे मैला उठवाने का कर करवाया।

इस मौके पर परम पूज्य श्री माँ साध्वी विभानंद गिरी जी ( प्रज्ञा पीठाधीश्वर, आवाहन अखाडा ) ने कहा कि हमारा युवा भारत की रीड है। सामाजिक समरसता का मतलब है कि हम सब भारत माता की संतान है। भगवान ने दो ही प्राणियों की रचना की है नर और नारी। जिस प्रकार सूर्य  अपना प्रकाश सभी को समान रूप से देता है। वह किसी के साथ भेदभाव नही करता है । उसी प्रकार हमें भी सबको एक साथ लेकर चलना होगा।  इसके अलावा उन्होंने बताया हम भगवान श्री राम को अपना आदर्श मानते है, जिन्होंने अपने  जीवन में सामाजिक समरसता का पालन किया। वनवास के दौरान वह वनवासियों के साथ रहें। वानरों से मित्रता की। हमें भी श्री राम के रास्ते पर चलना होगा और सब हिंदुओ को जोड़कर चलना होगा।  हमें मानवता के धर्म का पालना करना है अगर हम जातियों में बटे होगे तो हम अपने विकास से बहुत दूर हो जाएंगे। हमारा हिंदू धर्म सबको साथ लेकर चलने के लिए प्रेरणा देता हैं।

वहीं, प्रशांत दास महाराज जी (श्री कबीर अध्यात्मिक निर्णय मंदिर, संचालक ) ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि जाति तो जानवरों की होती है और हम लोगों ने अपने आप को जातियों में बाट रखा हैं। हम सब एक है हमें जातीय अलगाव से दूर रहना होगा। इसके अलावा उन्होंने कहा कि हमको अपनी शक्ति को बढ़ाना होगा और हमारी एकता ही हमारी शक्ति को बढ़ावा देंगी। इस कार्यक्रम में प्रांत सह मंत्री नंदकिशोर शर्मा एवं विभाग सह मंत्री बिजेंद्र तंवर सहित विभाग और जिले के कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

 

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