दिल्लीः बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक शुरू हो गई है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ले के दीन दयाल मार्ग पर स्थित पार्टी मुख्यालय में हो रही यह मंगलवार यानी 17 जनवरी तक चलेगी। बैठक शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को संसद मार्ग से एमडीएमसी (NDMC )कन्वेंशन सेंटर तक करीब 15 मिनट रोड शो किया। इसके बाद वे कार्यकारिणी की बैठक में पहुंचे।
यह रोड शो गुजरात की जीत के लिए पार्टी की तरफ से मोदी को शुक्रिया करने के लिए हुआ। रोड शो के दौरान बीजेपी के तमाम बड़े नेता मौजूद रहेंगे। पहले जानकारी आई थी कि मोदी बैठक के आखिरी दिन रोड शो करेंगे, लेकिन बाद में इसे पहले दिन शिफ्ट कर दिया गया।
कार्यकारिणी की बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा, सभी महासचिव, बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्री, सभी प्रदेशाध्यक्ष और बाकी पदाधिकारी शामिल होंगे। भाजपा हेडक्वार्टर में सोमवार सुबह नड्डा की पदाधिकारियों के साथ बैठक हो चुकी है।
पीएम मोदी के रोड शो के बाद कार्यकारिणी की बैठक शुरू होगी। इसमें 9 राज्यों के विधानसभा चुनाव की स्ट्रैटजी बनाई जाएगी। यह बैठक इसलिए भी अहम है, क्योंकि इसके महज हफ्तेभर बाद पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा का कार्यकाल पूरा हो रहा है। हालांकि, लोकसभा चुनाव में करीब सालभर का ही वक्त बचा है, इसलिए ज्यादा संभावना इस बात की है कि नड्डा को 2024 तक का एक्सटेंशन दिया जा सकता है। वहीं, बीजेपी संविधान के नियमों के मुताबिक नड्डा को एक्सटेंशन मिलने के आसार हैं।
आपको बता दें कि पार्टी अध्यक्ष का कार्यकाल बढ़ाए जाने की एक अहम वजह इसी साल के आखिर में होने वाले 09 विधानसभाओं के चुनाव भी हैं। वहीं, जम्मू-कश्मीर में भी मई-जून के बीच चुनाव कराए जाने के आसार हैं। अगर जेपी नड्डा के नाम पर किसी वजह से सहमति नहीं बनती है, तो भूपेंद्र यादव का नाम रेस में सबसे आगे है। वहीं, गुजरात भाजपा के अध्यक्ष सीआर पाटिल को केंद्र में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मिलने की पूरी संभावना है।
अब तकनीकी तौर पर देखें, तो 2022 में बीजेपी संगठन के चुनाव नहीं हो सके हैं, इसलिए जेपी नड्डा को ही लोकसभा चुनाव तक पद पर बने रहने को कहा जा सकता है। भाजपा के संविधान के मुताबिक कम से कम 50 फीसदी यानी आधे राज्यों में संगठन चुनाव के बाद ही राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव किया जा सकता है। इस लिहाज से देश के 29 राज्यों में से 15 राज्यों में संगठन के चुनाव के बाद ही बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव होता हैं।
बीजेपी कार्यकारी की बैठक में अगर नड्डा को फिर से पार्टी अध्यक्ष की जिम्मेदारी मिलती है, तो वे लगातार दूसरा कार्यकाल हासिल करने वाले लालकृष्ण आडवाणी और अमित शाह के बाद तीसरे नेता हो सकते हैं। हालांकि, राजनाथ सिंह भी दो बार पार्टी अध्यक्ष बने थे, लेकिन उनका कार्यकाल लगातार नहीं था।
इस साल यानी 2023 में देश के 09 राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं। इनमें राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, कर्नाटक और तेलंगाना जैसे बड़े राज्य शामिल हैं। वहीं पूर्वोत्तर के त्रिपुरा, मेघालय, नगालैंड और मिजोरम में भी इसी साल चुनाव होंगे। जम्मू-कश्मीर में भी इसी साल चुनाव के पूरे आसार हैं। बीजेपी कार्यकारिणी की बैठक में इन राज्यों के संगठन में कसावट लाने के मकसद से जरूरी फेरबदल को मंजूरी दी जा सकती है। साथ ही नए चेहरों को मौका मिल सकता है।
अगर जम्मू-कश्मीर को भी शामिल कर लें तो इस साल देश के 10 राज्यों तथा केंद्र शामित प्रदेशों में 10 विधानसभाओं के चुनाव होने के आसार हैं। इन राज्यों में लोकसभा की 17 फीसदी सीटें आती हैं। साथ ही उत्तर से दक्षिण तक फैले इन राज्यों के फैसले से अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में जनता के मिजाज की झलक भी मिल सकती है।
बीजेपी कार्यकारिणी की बैठक में पार्टी कमजोर लोकसभा सीटों की समीक्षा करेगी। इनकी संख्या करीब 160 है। इन सीटों पर अलग से पार्टी नेताओं की तैनाती और पिछली मीटिंग से इस बात तक की प्रोग्रेस रिपोर्ट पर बात होगी।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की इस बैठक में राजनीतिक, आर्थिक प्रस्तावों के साथ G-20 सम्मेलन से जुड़े कार्यक्रमों और उनमें पार्टी के सांसद-विधायकों के साथ कार्यकर्ताओं की भागीदारी पर चर्चा होगी। पार्टी के अहम प्रस्तावों पर पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह जैसे नेताओं के भाषण होंगे, जिनमें केंद्र सरकार की योजनाओं को ग्रास रूट तक पहुंचाने का रोड मैप बताया जाएगा।
अब सवाल ये उठ रहा है कि जब देश के 09 राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, तो पार्टी किसी चुनावी राज्य की बजाय दिल्ली में बैठक क्यों कर रही है। इनमें मध्य प्रदेश और तेलंगाना के नाम प्रमुख तौर पर लिए जा रहे थे, लेकिन पार्टी ने दिल्ली में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाकर साफ कर दिया है कि उसका चुनाव अभियान केंद्रीय लीडरशिप ही तय करेगी।
आपको बता दें कि बीजेपी की पिछली राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हैदराबाद में हुई थी। हालांकि, इस बार भी कयास यही थे कि बीजेपी किसी चुनावी राज्य में कार्यसमिति की बैठक कर सकती है। इस बार की बैठक में चुनावी साल में संगठन के कार्यक्रमों एवं गतिविधियों की तैयारियों पर चर्चा होगी। प्रधानमंत्री मोदी 17 जनवरी को शाम 4 बजे सभी पदाधिकारियों को संबोधित करेंगे। इसे मार्गदर्शन वक्तव्य कहा गया है। इसके साथ ही बैठक खत्म हो जाएगी।