दिल्ली डेस्कः वैश्वि महामारी कोरोना वायरस से चीन में स्थित बदतर होती जा रही है। यहां कोविड-19 के मामले काफी बढ़ रहे हैं, जिससे भारत, जापान और अमेरिका जैसे देशों में भी संक्रमण की नई लहर का खतरा मंडराने लगा है। इसी बीच चीन ने जीरो कोविड पॉलिसी हटाने के बाद पहली बार कोरोना से हुई मौतों का आधिकारिक आंकड़ा जारी किया है। चीन की हेल्थ मिनिस्ट्री के मुताबिक, आठ दिसंबर से 12 जनवरी तक 60 हजार लोगों की मौत हुई। जानलेवा विषाणु कोरोना से मरने वाले ज्यादातर लोगों की उम्र 65 साल से ज्यादा थी।
वहीं, चीन की पेकिंग यूनिवर्सिटी की रिसर्च के मुताबिक, 11 जनवरी तक देश की 64 फीसदी आबादी यानी 90 करोड़ लोग संक्रमित हो चुके हैं। इस रिपोर्ट में ये भी कहा गया कि गांसु प्रांत की 91% आबादी, हेनान प्रांत की 89 प्रतिशत आबादी, युनान की 84 फीसदी आबादी और किंघाई प्रांत की 80 प्रतिशत आबादी संक्रमित है।
क्या है भारत में कोरोना की स्थितिः भारत में शुक्रवार को 181 नए मामले सामने आए। एक मौत दर्ज की गई। हेल्थ मिनिस्ट्री के आंकड़ों के मुताबिक, देश में अभी 1,254 एक्टिव केस हैं। कोरोना के शुरुआती दौर से अब तक देश में 5 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।
आपको बता दें कि चीन ने 8 जनवरी को तीन साल से बंद सभी बॉर्डर को खोल दिया। इसके बाद से 4 लाख से ज्यादा लोगों चीन आए और यहां से दूसरे देशों में गए। लोगों के लिए क्वारंटीन जैसा बड़ा प्रोटोकॉल भी खत्म कर दिया गया है। एक अधिकारी ने कहा- 8 जनवरी से 12 जनवरी के बीच 4 लाख 90 हजार एंट्री और एग्जिट ट्रिप हुईं। इसमें से 2 लाख 50 हजार लोग चीन आए और 2 लाख 40 हजार लोग चीन से दूसरे देश गए।
यह जीरो कोविड पॉलिसी हटाए जाने से पहले की अवधि से 48.9% ज्यादा है। चीन में लूनर न्यू ईयर 21 जनवरी से शुरू हो जाएगा। ऐसे में अगले 40 दिन में देश में 200 करोड़ लोगों के आने-जाने की संभावना है।
इस बीच विशेषज्ञों ने दावा किया है कि चीन में दो से तीन महीने तक कोरोना पीक पर रहेगा। चीन के स्वास्थ्य विशेषज्ञ जेंग गुआंग ने दावा किया कि कोरोना का पीक 2 से 3 महीने तक रहेगा। गुआंग के मुताबिक, कोरोना अब वहां के गांवों में भी हाहाकार मचाएगा। गांव में कोरोना के फैलने की वजह चीन में 21 जनवरी से शुरू होने वाली लूनर न्यू ईयर की छुट्टियों को बताया है।
उनका कहना है कि चीन में कोरोना के खिलाफ लड़ाई में अभी तक शहरों पर फोकस किया गया है। अब समय आ गया है कि गांवों की ओर भी ध्यान दिया जाए। लूनर न्यू ईयर की छुट्टियों लोग अपने गांव में जाकर समय बिताते हैं। एक्सपर्ट के मुताबिक, शहरों के लोग कोरोना को गांव तक लेकर जाएंगे। वहां स्वास्थ्य सेवाओं की कमी के कारण हालात और भी खराब होंगे।
इस बीच चाइना कम्युनिस्ट पार्टी पर नजर रखने वाली ह्यूमन राइट्स एक्टिविस्ट जेनिफर जेंग के मुताबिक संक्रमण गांव में फैलने लगा है। उन्होंने सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया है। इसके साथ उन्होंने लिखा- शहरों में श्मशानों के बाहर गाड़ियों की लाइन लगी रहती है। लेकिन गांव में ऐसा नहीं है, यहां लोग श्मशानों के बाहर ताबूत में शवों को लेकर लाइन में लगे हैं।
जापान में कोविड की स्थितिः जापान टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, शुक्रवार (13 जनवरी) को 1 लाख 44 हजार 77 मामले दर्ज किए गए। राजधानी टोक्यो में 11,241 मामले सामने आए। मौत का कुल आंकड़ा 480 रहा। 695 नए लोग अस्पताल में भर्ती हुए। एक्सपर्ट्स का कहना है कि जापान में 15 जनवरी के बाद कोरोना के मामलों में उछाल आ सकता है।
जर्मनी: वहीं, जर्मनी में 2 फरवरी से ट्रेन और बसों में सफर के दौरान मास्क पहनना जरूरी नहीं होगा। हेल्थ मिनिस्टर कार्ल लौटरबैक ने बताया कि जर्मनी में संक्रमण काफी कम हो गया है और हालात सुधर रहे हैं। लौटरबैक ने नागरिकों को वॉलंटरी बेसिस पर मास्क पहनने के लिए प्रेरित किया है।
विश्व में कोरोना से अब तक कितने प्रभावित हुएः कोरोना worldometer के मुताबिक, दुनिया में अब तक 67 करोड़ 5 लाख 62 हजार 18 मामले सामने आ चुके हैं। 11 जनवरी 2020 को चीन के वुहान में 61 साल के बुजुर्ग की मौत हुई थी। ये दुनिया में कोरोना से होने वाली पहली मौत थी। इसके बाद मौत का सिलसिला बढ़ने लगा। अब तक 67 लाख 24 हजार 996 मौतें हो चुकी हैं।
इन देशों ने लगाई है चीन से यात्रा पर पाबंदीः चीन से आने वाले यात्रियों पर स्वीडन, जर्मनी, मलेशिया, कतर, बेल्जियम, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, मोरक्को, फ्रांस, ब्रिटेन, स्पेन, अमेरिका, जापान, इजराइल, भारत, इटली और साउथ कोरिया ने प्रतिबंध लगाए हैं। यहां चीन से आने वाले यात्रियों को नेगेटिव कोरोना रिपोर्ट दिखानी होगी। मोरक्को ने तो चीन के यात्रियों को बैन ही कर दिया है। ताइवान ने भी चीन से आने वालों के लिए कोविड टेस्टिंग कंपलसरी की है। पाकिस्तान और फिलीपींस भी मॉनिटरिंग कर रहे हैं। थाईलैंड और न्यूजीलैंड ने कोई भी प्रतिबंध लगाने से मना कर दिया है।